नया साल यानी नई उम्मीद, नई ख़ुशी और शरीर के पूरी तरह स्वस्थ रहने की आशा। यह आशा पूरे साल तक बनी रहनी चाहिए। इसलिए महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और गोवा में बसंत यानी चैत्र के पहले दिन नया साल उगादि (Ugadi) के रूप में मनाया जाता है। हालांकि चैत्र में ही नवरात्रि (Navratri) और गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) के साथ हिंदु नव वर्ष की शुरुआत मानी जाती है। मन और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए उगादि को विशेष महत्व दिया जाता है। इसे सेलिब्रेट करने के लिए बनाए जाने वाले अलग-अलग व्यंजनों में से एक है उगादि पचड़ी (Ugadi Pachadi)। आइए जानते हैं इसके स्वास्थ्य लाभ और बनाने का तरीका।
उगादि के अवसर पर यह एक पेय (तेलुगु घरों में तैयार की जाती है) के रूप में तैयार किया जाता है। उगादि पचड़ी तैयार करने में मौसम के अनुकूल फलने वाले खाद्य पदार्थों का उपयोग किया जाता है। यह घर में उपलब्ध सामग्रियों से तैयार की जाती है। इसके फायदों के बारे में जानने से पहले यह जानें कि यह कैसे तैयार होती है।
गुड़ का चूरा – 100 ग्राम
नीम के फूल-2 टेबल स्पून
मिर्च पाउडर- ¼ टी स्पून
छिलका सहित हरा आम– 3 टेबल स्पून, इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें
ताज़ी इमली का गूदा-30 ग्राम
सेंधा नमक – एक चुटकी
बारीक कटी हरी मिर्च – 2
नारियल – 3 टेबल स्पून
पानी – 1/2 कप
यदि गन्ना उपलब्ध है, तो 2 टेबल स्पून छीलकर और छोटे टुकड़ों में काटकर डाल सकती हैं
एक बड़े बाउल में इमली का गूदा और गुड़ के पाउडर को अच्छी तरह मिला लें। अच्छी तरह मिलाने के लिए एक टेबलस्पून पानी मिला सकती हैं।इसमें आम के टुकड़े, नमक, मिर्च, मिर्च पाउडर, नीम का फूल, नारियल के टुकड़े और गन्ने के टुकड़े को भी डाल दें। यदि गाढा बनाना चाहती हैं, तो इसमें 2 केले भी मैश कर डाल सकती हैं।
पतला करने के लिए इसमें आवश्यकतानुसार पानी डाल सकती हैं।
यदि पेय पदार्थ के रूप में पीना चाहती हैं, तो और अधिक पानी मिला सकती हैं। यदि खाद्य पदार्थ के रूप में लेना चाहती हैं, तो पानी बहुत कम मिलाएं।
इस डिश में मौजूद गुड़ नेचुरल स्वीटनर है, जो एनीमिया से बचाव करता है। यह पाचन में मदद कर कब्ज रोकता है। यह लिवर से टॉक्सिन को बाहर करने में मदद करता है।
कई सामग्रियों में से एक इमली में मौजूद मैग्नीशियम और सोडियम रक्तचाप को बनाए रखने में मदद करता है। एंटीइन्फ्लामेट्री और एंटी डायबिटिक इमली फ्लेवोनॉयड्स से भी भरपूर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करता है।
विटामिन बी1 (थियामिन), विटामिन बी3 (नियासिन) और पोटैशियम से भरपूर नीम का फूल ब्लड फ्लो बढ़ाता है। यह डायबिटीज को नियंत्रित करता है। इसके एंटी वायरल और एंटी सेप्टिक गुण घाव, संक्रमण और मौसमी बुखार से बचाव करते हैं। यह पिम्पल्स को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।
हरी मिर्च में कैल्शियम, आयरन, सोडियम, मैग्नीशियम, जिंक और कॉपर जैसे मिनरल्स भी होते हैं। यह विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन बी से भी भरपूर होता है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हरी मिर्च रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
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कस्टमाइज़ करेंआयरन, जिंक, निकल, कोबाल्ट, मैंगनीज और कॉपर और सोडियम से भरपूर रॉक साल्ट पानी की कमी को रोकता है। यह ओरल हेल्थ, मेंटल हेल्थ के लिए भी बढ़िया है।
फोलेट, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन के से भरपूर हरा आम डीहाइड्रेशन से बचाव करता है। यह हार्ट हेल्थ, लीवर और गट हेल्थ को बढ़ावा देता है। यह कई स्किन रोगों से भी बचाव करता है।
कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, आयरन और मैंगनीज से भरपूर गन्ने का रस प्रकृति में अल्केलाइन है। फ्लेवोनोइड्स की उपस्थिति शरीर को कैंसर कोशिकाओं से बचाव करती हैं।
मैंगनीज से भरपूर नारियल हड्डियों के स्वास्थ्य और कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और कोलेस्ट्रॉल के मेटाबोलिज्म के लिए जरूरी है।
उगादि पचड़ी में गर्म तासीर वाली सामग्रियां मिली होती हैं। इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए, ताकि पाचन संबंधी कोई समस्या नहीं हो। इसे आप आम दिनों में भी बना सकती हैं, बशर्ते नीम के फूल और कच्चे आम और गन्ने फलने का मौसम हो।
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