बारिश के दिनों में अक्सर कब्ज या अपच की समस्या हो जाती है। कम तेल-मसाले से तैयार होने वाली लौकी सुपाच्य होती है। इसमें भरपूर पानी के साथ-साथ फाइबर भी मौजूद होते हैं। इसलिए यह बॉवेल मूवमेंट में भी मदद करती है। लौकी न सिर्फ भूख बढ़ाती है, बल्कि भरपूर फाइबर होने के कारण भूख को कंट्रोल भी करती है। यह मेटाबॉलिक रेट भी बढ़ाती है। यह डायजेस्टिव सिस्टम को दुरुस्त रखती है। इसके सेवन से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढता है, जिससे मनुष्य का पाचन तंत्र मजबूत हो जाता है। आज हम लाए हैं लौकी की बेसन वाली सब्जी (Lauki besan ki sabji recipe), जिसे बड़े ही नहीं बच्चे भी खूब चटखारे लेकर खाएंगे।
लौकी की तासीर ठंडी होती है। इसलिए आयुर्वेद मानता है कि लौकी के अत्यधिक सेवन से सर्दी-जुकाम की समस्या हो सकती है। इससे अस्थमा का प्रॉब्लम भी बढ़ सकता है। यदि आप लौकी की सब्जी बनाने जा रही हैं, तो इसमें राई, मेथी का तड़का लगा लें। ये दोनों मसाले लौकी की तासीर को सामान्य बना देते हैं।
वहीं यदि लौकी का रायता खाने जा रही हैं, तो इसमें राई पाउडर और 1 टीस्पून बारीक कटी अदरक डाल लें। इससे भी लौकी का ठंडापन खत्म हो जाता है।
पोषक तत्वों से भरपूर लौकी में विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन के, आयरन, फोलेट, मैग्नीशियम, जिंक और पोटैशियम जैसे न्यूट्रीएंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
इसमें प्रोटीन 0.62 ग्राम, 0.02 ग्राम, कोलेस्ट्रॉल 0 मिलीग्राम, फाइबर 0.5 ग्राम पाया जाता है।
लौकी को किसी भी रूप में खाएं, यह बेहद फायदेमंद होता है। जूस, रायता, सब्जी, पकौड़े और कोफ्ते के रूप में भी फायदेमंद है लौकी। यह स्किन, पेट, हार्ट, माइंड सभी के लिए फायदेमंद है।
इसमें मौजूद विटामिन सी फ्री रेडिकल्स को खत्म करता है। लौकी का जूस कोशिकाओं की टूट-फूट की मरम्मत करता है। इससे झुर्रियों को कम करने में मदद मिलती है।
लौकी ब्लड सर्कुलेशन को सही रखती है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मददगार है। लौकी का जूस हार्ट के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है। डायबिटीज, लिवर, किडनी संबंधी समस्या, यूटीआई में कारगर है लौकी।
लौकी की तासीर ठंडी होने के कारण शरीर पर ठंडा प्रभाव डालता है। साथ ही लौकी के रस में हाफ टेबलस्पून तिल का तेल मिलाकर सेवन करने से नींद अच्छी आती है। जिससे तनाव कम करने में मदद मिलती है।
यदि आप वेट लॉस की योजना बना रही हैं, तो अपनी डाइट में लौकी अथवा लौकी जूस को जरूर शामिल करें। फाइबर, आयरन और पोटैशियम वजन घटाने में मदद करते हैं।
यह नेचुरल क्लींजर के रूप में शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालता है। फाइबर मौजूद होने के कारण यह हर प्रकार के पाचन रोगों में मदद करता है।
आधी किलो लौकी
एक मध्यम आकार का बारीक कटा प्याज
मध्यम आकार का बारीक कटा टमाटर
1 स्पून हल्दी, एक टेबलस्पून बेसन, 1 टेबलस्पून भुनी और पिसी हुई मूंगफली,
5 कली लहसुन का पेस्ट, 2 हरी मिर्च, एक टीस्पून जीरा,
चुटकी भर हींग, स्वादानुसार नमक, 1 टेबलस्पून सरसों का तेल
लौकी को कद्दू कस कर लें और पानी निचोड़ लें। पर इसे फेंकें नहीं। इसे आप जूस के रूप में पी सकती हैं।
एक पैन में तेल गर्म करें।
आधे तेल में पहले कद्दूकस की हुई लौकी को भून लें, जिससे पानी न रहे।
जीरा डालकर चटका लें।
हींग डालकर कटे प्याज डाल दें। थोड़ी देर चलाने के बाद लहसुन पेस्ट डाल दें। इसके बाद हरी मिर्च, नमक, हल्दी पाउडर डालकर भूनें। फिर बेसन डाल दें।
बेसन भुन जाने के बाद कटा टमाटर डाल दें। इसके बाद भुनी लौकी को डाल दें। लौकी जब भुनने लगे, तो पिसी हुई मूंगफली मिक्स करें। अगर आप पसंद करती हों, ताे सब्जी मसाला भी डाल सकती हैं।
थोड़ा पकने पर 1 कप पानी डालें।
जब उबाल आने लगे तो गरम मसाला, बारीक कटी धनिया पत्ती डालकर ढककर छोड़ दें।
2 मिनट बाद गर्मागर्म स्वादिष्ट, लेकिन पौष्टिक लौकी की सब्जी खुद भी खाएं और दूसरों को भी खिलाएं।
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