सूजी का हलवा लगभग सभी भारतीय घरों में बनने वाला सबसे लोकप्रिय मिष्ठान्न है। जबकि हलवों की यहां बेशुमार वैरायटी मौजूद हैं। परंतु इतने सालों में साधारण से सूजी के हलवे की जगह कोई नहीं ले पाया। इसे बनाना जितना आसान है, उतने ही इसके स्वास्थ्य लाभ भी हैं। खासतौर पर इसका एकदम बेमिसाल है।
सूजी
घी
चीनी
पानी
इलायची पाउडर
1. सूजी, घी और चीनी सभी को बराबर मात्रा में लेना है।
2. अब सबसे पहले एक कड़ाही को मध्यम आंच पर चढ़ाएं। अब इसमें घी डाल दें और उसे गर्म होने दें।
3. घी गर्म हो जाने पर कड़ाही में सूजी और इलायची पाउडर डाल दें।
4. सूजी को घी में तब तक भूनें जब तक इसकी कच्ची महक न निकल जाए। यदि आप चाहें तो इसे सफेद रखें या इसे लाल भी कर सकती हैं।
5. दूसरी ओर एक अलग पैन में चीनी की चाशनी बनाने के लिए चीनी की मात्रा का तीन गुना पानी उबाल लें।
6. जब चाशनी तैयार हो जाए तो इसे भुनी हुई सूजी में डाल दीजिए।
7. सूजी के हलवे को मनचाहा गाढ़ापन आने तक पकाएं। यदि आपको हलवे की कंसिस्टेंसी थोड़ी पतली रखनी है, तो पानी की मात्रा को तीन गुणा की जगह चार गुणा कर सकती हैं।
8. आप चाहें तो इसके स्वाद को बढ़ाने के लिए इसमें किशमिश, बादाम, अखरोट और काजू जैसे सूखे मेवे का इस्तेमाल कर सकती हैं। आपका सूजी का हलवा तैयार है!
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कस्टमाइज़ करेंयह डेजर्ट के हिसाब से एक स्वादिष्ट और हेल्दी विकल्प है। चीनी के अलावा, इसमें इस्तेमाल होने वाली अन्य सभी सामग्री स्वस्थ होती हैं। हालांकि, चीनी की एक सीमित मात्रा को शरीर झेल लेता है। मेरी दादी अन्य सभी हलवों के विकल्प में से सूजी के हलवे को सबसे अच्छा बताती हैं, लेकिन मैं इसे खाने के पहले थोड़ा सावधान हो गयी। क्योंकि वह सूजी में दुगनी मात्रा में चीनी और घी मिलाती हैं!
हालांकि, मुझे ऐसा लगता है कि अगर आप सूजी हलवा रेसिपी में इस्तेमाल होने वाली सामग्री की मात्रा को नियंत्रित कर लें, तो यह आपके लिए बहुत अच्छा हो सकता है।
सूजी के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। पोषक तत्वों से भरपूर सूजी आपके पेट के लिए काफी फायदेमंद होती हैं। इसे आसानी से पचाया जा सकता है। वहीं इसमें कार्बोहाइड्रेट, आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर, फास्फोरस के अलावा कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसके साथ ही सूजी वजन घटाने में भी आपकी मदद कर सकती है।
जब वजन कम करने की बात आती है, तो घी पर हमेशा बहस होती रहती है। जबकि हमारे माता-पिता हों या दादा-दादी हमेशा खाने में इसके उपयोग की वकालत करते हैं। रिसर्च गेट में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक आयुर्वेद में घी का प्रयोग चिकित्सीय एजेंट के रूप में किया गया है। सालों से इसका इस्तेमाल धार्मिक अनुष्ठानों में होता चला आ रहा है। साथ ही इसे शुद्धता का भी प्रतीक माना जाता है।
हालांकि, घी भी एक प्रकार का फैट है, लेकिन इसे अन्य फैट की तुलना में सार्वभौमिक रूप से बेहतर फैट के रूप में स्वीकार किया गया है। क्योंकि इसमें मौजूद शॉर्ट चेन फैटी एसिड और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व इसे हेल्दी बनाते हैं।
वहीं यह पेट को साफ रखता है और इसे आसानी से पचाया जा सकता है। घी में विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई, विटामिन के और आवश्यक फैटी-एसिड मौजूद होते हैं, इसलिए इसे आराम से अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं।
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