हम पेट भरने और खुद को संपूर्ण पोषण देने के लिए अनाज, सब्जियां, फल और एनिमल प्रोडक्ट को सबसे अधिक प्रयोग में लाते हैं। यहां तक कि ड्राई फ्रूट्स और नट्स का भी खूब इस्तेमाल कर लेते हैं। हम सभी इस बात से सहमत होंगे कि सबसे कम इस्तेमाल हम बीज का करते हैं। बीज बहुत उपेक्षित और कम उपयोग वाली श्रेणी में आते हैं। अकसर जानकारी के अभाव में हम बीज को फेंक भी देते हैं। कद्दू, लौकी, करेले या परवल का बीज तो हम खाना मुनासिब नहीं समझते हैं। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। असल में सीड्स बहुत सारे विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट का पावरहाउस हैं। इन्हें प्रतिदिन नियमित रूप से आहार में शामिल करना चाहिए। यह ब्लड शुगर कंट्रोल कर डायबिटीज के मरीज के लिए भी फायदेमंद (Seeds to control sugar level) हो सकता है।
बीजों में फाइबर और अन्य केमिकल होते हैं। ये पाचन और शरीर में कार्बोहाइड्रेट और शुगर के अवशोषण को धीमा कर सकते हैं। शरीर चीनी का उपयोग कैसे करता है, इसे भी सीड्स सुधारने में मदद कर सकते हैं। इस तरह यह इंसुलिन की मात्रा को भी बढ़ा सकता है। इंसुलिन ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
मेथी के कई फायदे हैं। ख़ास गुणों के कारण इसे मधुमेह रोगियों के लिए वरदान कहा जा सकता है। मेथी में मौजूद घुलनशील फाइबर ग्लूकोज के अवशोषण को कम करने में मदद करता है। यह बदले में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। मेथी के सप्लीमेंट हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव दिखाते हैं।
तिल पोषक तत्वों का पावरहाउस हैं। मधुमेह रोगियों को अपने भोजन में तिल जरूर शामिल करना चाहिए। ये अपने मैग्नीशियम के कारण ब्लड प्रेशर को बनाए रखने में मदद करते हैं। सूजन को कम करने में मदद करते हैं। ऑक्सीडेटिव तनाव से निपटने के लिए ये एंटीऑक्सिडेंट गुण वाले होते हैं। प्रोटीन और हेल्दी फैट में हाई होने की गुणवत्ता इन्हें विशेष बनाती है।
कलौंजी काला जीरा या निगेला भी कहलाता है। कलौंजी का उपयोग मसाले के रूप में किया जाता है जो भोजन को अच्छी सुगंध देता है। कलौंजी को चमत्कारी बीज भी कहा जाता है। कलौंजी अपने औषधीय गुणों के लिए लोकप्रिय है। यह मधुमेह, हृदय संबंधी समस्याओं, ब्लड प्रेशर, वजन घटाने में मदद करता है। यह टाइप 2 डायबिटीज के मरीज के लिए अधिक फायदेमंद है। मधुमेह से पीड़ित लोग खाली पेट काली चाय के साथ कलौंजी के तेल का सेवन कर सकते हैं।
तरबूज़ गर्मियों का पसंदीदा फल है। इसके काले बीज ब्लड शुगर कंट्रोल (Seeds to control sugar level) करने में मदद कर सकते हैं। इसमें मैग्नीशियम, आयरन, जिंक और गुड फैट होते हैं। इनमें कैलोरी कम होती है और ये किसी भी अनहेल्दी ब्रेकफास्ट का बढ़िया विकल्प हो सकते हैं। ये इम्युनिटी बूस्ट करते हैं, हार्ट हेल्थ की रक्षा करते हैं। ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
कटहल सूजन को कम करने में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं। कटहल के बीज एंटीऑक्सीडेंट और घुलनशील फाइबर वाले होते हैं। ये गुण ब्लड शुगर लेवल कम करने में मदद करते हैं।
कटहल के बीज इंसुलिन स्राव को प्रेरित कर सकते हैं। इसमें कम कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट होते हैं। यह क्रोनिक डायबिटिक के लिए भी बढ़िया (Seeds to control sugar level) हो सकता है।
सूरजमुखी के बीज विटामिन बी-1, विटामिन ई, कॉपर, एंटीऑक्सिडेंट, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होते हैं। ये सभी ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। ये काफी हद तक टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग और सूजन से लड़ने में मदद करते हैं।
इन सभी के अलावा, सब्जा के बीज, अलसी के बीज, चिया सीड्स, कद्दू के बीज भी ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल (Seeds to control sugar level) कर सकते हैं।
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