पोषक तत्वों से भरपूर है लौकी, नोट करें लौकी से तैयार होने वाली टेस्टी और हेल्दी रेसिपी

कद्दू के नाम से प्रसिद्द छठ पर्व के अवसर पर प्रसाद रूप में खाई जाने वाली लौकी की ये टेस्टी और हेल्दी रेसिपी सालों भर खायी जा सकती है।  
  कब्ज, समय से पहले बाल सफेद होना, मूत्र विकार और अनिद्रा से बचाव करने में सहायक लौकी की सब्जी सभी को पसंद आएगी। चित्र: शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Published on: 7 Nov 2022, 08:00 am IST
ऐप खोलें

छठ पर्व संपन्न हो चुका है, लेकिन लौकी या घीया से तैयार होने वाले हेल्दी व्यंजन का स्वाद अभी भी जीभ पर बरकरार है। लौकी एक ऐसी सब्जी है, जो हर मौसम में खाई जा सकती है। यह सुपाच्य होती है, इसलिए आयुर्वेद में भी लौकी को स्वास्थ्यकर सब्जी की संज्ञा दी जाती है। धार्मिक दृष्टिकोण से भी लौकी का बहुत अधिक महत्व है। दरअसल, लौकी हर प्रकार की मिटटी और जलवायु में उपजती है। इसलिए इंसान भी चाहते हैं की वे और उनकी संतति हर परिस्थिति में जी सकें, रोगमुक्त रह सकें। इसलिए उत्तर भारत में छठ पर्व की शुरुआत कद्दू भात से होती है। बिहार, झारखंड के ग्रामीण अंचलों में लौकी को कद्दू कहा जाता है। कद्दू की सब्जी और चावल को सात्विक और संपूर्ण भोजन माना जाता है। आइये जानते हैं छठ पर्व के अवसर पर लौकी यानी कद्दू से तैयार होने वाली अलग-अलग रेसिपी के बारे में। लेकिन इससे पहले इसके पोषक तत्वों के बारे में जानते हैं।

वजन घटाने और अन्य बीमारियों को नियंत्रित करने वाली लौकी

लौकी में विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन के, आयरन, फोलेट, मैग्नीशियम, जिंक और पोटैशियम जैसे न्यूट्रीएंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। वर्ल्ड जर्नल ऑफ़ इमरजेंसी मेडिसिन में प्रकाशित आलेख के अनुसार भारत की ट्रेडिशनल उपचार में लौकी या घीया को डायबिटीज मेलेटस, उच्च रक्तचाप, लिवर  रोग, वजन घटाने और अन्य बीमारियों को नियंत्रित करने वाला माना जाता है। यदि दवाओं के साथ- साथ लौकी का सेवन किया जाए तो इसमें यह मददगार साबित हो सकती है। इंटरनेशनल रिसर्च जर्नल ऑफ़ फार्मेसी में गुरु जम्बेश्वर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मिलिंद परले के अनुसार,  लौकी  कब्ज, समय से पहले बाल सफेद होना, मूत्र विकार और अनिद्रा से बचाव करने में सहायक होती है।

यहां हैं लौकी से तैयार होने वाली 5 रेसिपीज 

सारी विशेषताओं के बावजूद लहसुन-प्याज को तामसिक यानी क्रोध बढाने वाला भोजन माना जाता है। छठ के अवसर पर सभी व्यंजन बिना लहसुन-प्याज के सहयोग के तैयार किये जाते हैं। इसलिए यहां इसी तरह की रेसिपी बताई जा रही है।

1 लौकी की सब्जी

कुकर में तेल गर्म कर 1 इंच दालचीनी, 1  टी स्पून जीरा, 2-3 तेजपत्ता, 1 लौंग, 1 सूखी मिर्च डाल दें।

धीमी आंच पर चटकने पर एक इंच अदरक ग्रेट कर डाल दें।

फिर इसमें 1 किलो कटी हुई लौकी डाल दें। हल्दी नमक भी डाल दें।

2 सीटी आने पर फ्लेम बंद कर दें।

जब स्टीम खत्म हो जाये तो पानी को सुखा कर बारीक कटी धनिया डाल दें।

2 चने की दाल के साथ लौकी 

एक छोटे टमाटर के साथ 1  टी स्पून साबुत धनिया, 1 इंच दालचीनी, 1 टी स्पून जीरा, 1 लौंग, 1 सूखी लाल मिर्च, 2 बड़ी इलायची का पेस्ट तैयार कर लें।

कुकर में तेल  गर्म कर 2 तेजपत्ता, जीरा और हींग डाल कर इस पेस्ट को धीमी आंच पर भून लें।

इसके बाद 2 घंटे पहले भिगोये और धोये 1 छोटा बाउल चना दाल डाल दें। साथ में हल्दी नमक भी। दाल हल्की भूनने पर लौकी डाल दें। लो फ्लेम 4-5 सीटी लगा लें।

3 लौकी के पकौड़े

लौकी को बारीक काट लें।

बेसन में घिसी हुई अदरक, गर्म मसाला पाउडर, हल्दी, नमक, बारीक कटी धनिया पत्ती, हींग, हरी मिर्च मिक्स कर लें। इसे तेल में दीप फ्राई करने की बजाय पैन में पकाएं।

4 लौकी का रायता

उबले हुए लौकी में ताजा दही मिक्स कर लें। नमक, कुटी हुई अदरक, राई पाउडर, बारीक कटी हरी मिर्च और धनिया पत्ती मिक्स कर लें।

लौकी के रायते का सेवन आपकी गट से लेकर दिल की सेहत तक  को फ़ायदा देता है। चित्र : शटरस्टॉक

5 लौकी का कोफ्ता

घिसी हुई लौकी में बेसन, अदरक, गर्म मसाला पाउडर, हल्दी, नमक, मिर्च पाउडर, धनिया पत्ती मिक्स कर लें।

इसके स्क्वायर आकर के बना कर पैन में पका लें।

भुने हुए बेसन में दही, गर्म मसाला पाउडर, हींग मिक्स कर लो फ्लेम पर 1 उबाल आने दें। इसमें लौकी स्क्वायर डाल कर 1 उबाल आने दें। बारीक कटी धनिया पत्ती डाल कर गरमागरम खाएं और परिवार के सदस्यों को भी खिलाएं।

कोफ्ते  के लिए घिसी हुई लौकी में बेसन, अदरक, गर्म मसाला पाउडर, हल्दी, नमक, मिर्च पाउडर, धनिया पत्ती मिक्स कर लें। चित्र : शटरस्टॉक

तेल और मसाले का कम प्रयोग होने के कारण छठ पर्व की ये सभी रेसिपी स्वादिष्ट और स्वास्थ्यकर भी हैं।

यह भी पढ़ें :- कम तेल-मसाले वाला ये कटहल कोफ्ता है आपकी डाइट के लिए परफेक्ट, यहां है रेसिपी

लेखक के बारे में
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

Next Story