हमारे शरीर के ठीक से काम करने के लिए स्वस्थ पाचन महत्वपूर्ण है। लेकिन सच्चाई यह है कि हम में से अधिकांश लोग अपने जीवन में किसी न किसी समय पर विभिन्न प्रकार के पाचन विकारों से प्रभावित होते हैं। सबसे बुरी बात क्या है? कि हम शायद ही कभी अपनी गट हेल्थ पर ध्यान देते हैं। ज्यादातर हम यह मान लेते हैं कि समस्या थोड़े दिनों में अपने आप ठीक हो जाएगी। पर हमेशा ऐसा नहीं होता!
हम जो खाते हैं, वैसे वह हैं जो हम खाते हैं। यह कहावत बिल्कुल सटीक है क्योंकि सही खाद्य पदार्थ खाने से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली और आंतों की सेहत ठीक रहती है। इसमें हर्ब्स और मसाले महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि उनमें से कई मसाले स्वस्थ पेट को बनाए रखने के लिए, स्वस्थ पाचन को प्रोत्साहित करने की क्षमता रखते हैं।
तो बिना समय बर्बाद किए, आइए हम आपको नौ बेहतरीन खाद्य पदार्थों से परिचित कराते हैं जो आपके गट फ्लोरा (gut flora) को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं:
इलायची पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक लोकप्रिय मसाला है। इसके एंटीऑक्सीडेंट, मूत्रवर्धक, एंटीस्पास्मोडिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव आपके खराब पाचन के लिए एक उपाय के रूप में कार्य करते हैं, क्योंकि यह गैस, ऐंठन और मतली को कम करता है।
अदरक लंबे समय से भारत में मतली, सूजन, पेट में गड़बड़ी और अन्य आंतों की समस्याओं का इलाज करने की क्षमता के लिए उपयोग किया जाता है। यह मसाला भी हार्टबर्न से राहत पाने में मदद करता है। लेकिन इसका उपयोग करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है? अपने लिए अदरक की एक कप चाय तैयार करें और अपने तनाव और चिंता को दूर होते हुए देखें।
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अपने आहार में हल्दी को शामिल करने से आपको अपच और सूजन को रोकने में मदद मिल सकती है। इसका कारण यह है कि हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीफंगल, जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण होते हैं जो मधुमेह, एलर्जी, गठिया और अल्जाइमर जैसे रोगों से भी लड़ते हैं।
जब गैस और सूजन की बात आती है, जीरा एक सुपर-पॉवर (super-powered) जड़ी बूटी है। यह न केवल आपकी अपच और अम्लता से निपटने में मदद करता है, बल्कि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ावा दे सकता है। लेकिन इसका आपको कम मात्रा में सेवन करना चाहिए। अन्यथा आपको कुछ गंभीर दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ेगा।
सौंफ या सौंफ के बीज आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं- जो इस मसाले को ब्लोटिंग, गैस और पेट की ऐंठन को कम करने के लिए एक अच्छा उपाय बनाता है। इसके साथ ही सौंफ के बीज गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम की मांसपेशियों को शांत करने में भी मदद कर सकते हैं।
उच्च चिकित्सा गुणों वाली एक जड़ी बूटी, लहसुन में प्रीबायोटिक-एक प्रकार का फाइबर होता है, जो अच्छे आंत बैक्टीरिया को खिलाता है। इस वजह से, लहसुन विभिन्न गैस्ट्रिक स्थितियों जैसे कि इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम, गैस और कब्ज के इलाज में मदद कर सकता है।
पाचन तंत्र के लिए लौंग बहुत फायदेमंद है क्योंकि यह आंत की प्रतिरोधक क्षमता को बचाती है। इसके साथ ही लौंग का उपयोग दस्त के लक्षणों को शांत करने के लिए भी किया जा सकता है।
यदि आप अक्सर आंत के संक्रमण से पीड़ित रहते हैं, तो दालचीनी आपके लिए जड़ी बूटी का एक बढ़िया विकल्प है क्योंकि इसमें प्रीबायोटिक गुण होते हैं, जो लाभकारी बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
पुदीना बदहजमी, गैस और मतली जैसे अपच के लक्षणों से राहत दिलाने में कारगर है। इसे अच्छी तरह से पेट को शांत करने के साथ ही, लिवर और आंत्र पथ (intestinal tract) को मजबूत करने के लिए जाना जाता है।
स्वस्थ पाचन महत्वपूर्ण है, इसलिए इन जड़ी बूटियों और मसालों के साथ इसकी देखभाल करें!
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