Trans Fat : हेल्दी लगने वाली इन चीजों में होता है ट्रांस फैट, जानिए इनसे होने वाले नुकसान और बचाव के उपाय

नमकीन, बिस्किट या केक, ऐसी तमाम चीजें हैं जो ट्रांस फैट फूड्स (Trans fat foods) हैं, जो ना केवल आपको समस्याएं दे सकते है बल्कि बड़ी बीमारियों का कारण भी बनते हैं। कुछ सावधानियां रख कर आप ट्रांस फैट से आपकी सेहत को होने वाले खतरों से बच सकते हैं।
ट्रांस फैट फूड्स आपके शरीर में कई बीमारियों के खतरे बढ़ाते हैं। चित्र - अडोबीस्टॉक
Published On: 10 Jan 2025, 04:27 pm IST
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अंदर क्या है

  • ट्रांस फैट क्या है?
  • ट्रांस फैट वाले खाद्य पदार्थ
  • ट्रांस फैट के नुकसान
  • ट्रांस फैट फूड्स से बचने के उपाय

जाने अनजाने में ऐसी खाने की चीजें हमारी आदतों में शुमार हो गई हैं जो हमारे सेहत के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं, लेकिन हमें लगता है कि थोड़ा ही तो खा रहे हैं, क्या ही फर्क पड़ता है। जैसे चाय के साथ दुकान से लाई गई नमकीन या फिर बेकरी से खरीद कर लाया गया केक। ये सब ट्रांस फैट फूड्स (Trans fat foods) हैं, जो ना केवल आपको समस्याएं दे सकते है बल्कि बड़ी बीमारियों का कारण भी बनते हैं। आज हम ट्रांस फैट वाले खाद्य पदार्थों की ही बात करने वाले हैं और आपको उनके नुकसान भी बताएंगे।

ट्रांस फैट क्या है? ( What is Trans Fat)

ट्रांस फैट एक तरह का अनहेल्दी फैट है जो पूरी तरह से शरीर के लिए नुकसानदेह है। ये अक्सर उन खाने की चीजों में पाए जाते हैं जिन्हें लंबे समय तक रखने के लिए बनाया जाता है। इस प्रोसेस को हाइड्रोजेनेशन कहते हैं, जिसके सहारे खाने वाली चीजें लंबे समय तक स्टोर की जाती हैं। इसके साथ ही इनमें वो चीजें भी आती हैं जिन्हें तेल में तलकर बनाया जाता है, जैसे समोसे, पकौड़ी या चिप्स।  लेकिन इसी वजह से इनमें ट्रांस फैट जन्मते हैं जो स्वाद में तो अच्छे होते हैं लेकिन आपके स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल फायदेमंद नहीं हैं।

ट्रांस फैट वाले खाद्य पदार्थ ( Trans fat foods)

मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम में हेड नूट्रिशनिस्ट डॉक्टर नीति शर्मा के अनुसार,ट्रांस फैट उन खाने की चीजों (Trans fat foods) में पाया जाता है जिन्हें प्रोसेस किया जाता है या तेल में तला जाता है। खासतौर पर पैकेज्ड और बेक की गई चीजों में। जैसे –

1. बेकरी प्रोडक्ट

बिस्कुट, कुकीज, केक, पाई और डोनट्स जैसे बेक की गई चीजों में ट्रांस फैट की मात्रा अधिक होती है। इनका स्वाद बढ़ाने और इन्हें लंबे समय तक स्टोर करने के लिए हाइड्रोजेनेटेड तेलों का इस्तेमाल किया जाता है जो ट्रांस फैट को जन्म देते हैं।

2. तली हुई चीजें

समोसा, पकोड़ी, फ्रेंच फ्राइज, चिप्स जैसी तली हुई चीजों में भी ट्रांस फैट (Trans fat foods) होता है। लंबे समय तक तल कर रखने की वजह से इनमें ट्रांस फैट जमा हो जाता है।

trans fat foods
तल कर बनाई गई चीजों में ट्रांस फैट मिलते हैं।

तेल में तले जाने की वजह से इनमें चर्बी जमा हो जाती है, जो ट्रांस फैट का ही एक रूप है और ये शरीर के लिए नुकसानदायक है।

3. फास्ट फूड

बर्गर, पिज्जा, नूडल्स, फ्राइड चिकन और अन्य फास्ट फूड्स में भी ट्रांस फैट पाया जाता है, क्योंकि इनमें हाइड्रोजेनेटेड तेल का इस्तेमाल किया जाता है।

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4. प्रोसेस्ड स्नैक्स

पैकेज्ड स्नैक्स जैसे पॉपकॉर्न, चिप्स, और पैकेट वाले नमकीन में भी ट्रांस फैट होता है, क्योंकि इन्हें लंबे समय तक ताजे रखने के लिए इनमें हाइड्रोजेनेटेड तेल डाला जाता है।

6. डेयरी प्रोडक्ट

कुछ डेयरी उत्पाद जैसे कॉफी क्रीम, व्हिप्ड क्रीम और अन्य पैक्ड डेयरी उत्पादों में भी ट्रांस फैट हो सकता है। खास कर ऐसे डेयरी प्रोडक्ट्स जो मार्केट में मिलते हैं। कुछ डेयरी प्रोडक्ट्स को लंबे समय तक ताजा रखने और इस्तेमाल किए जाने के लिए इसमें हाइड्रोजेनेटेड तेल डाला जाता है।

ट्रांस फैट के नुकसान ( Health hazards of trans fat foods)

1. दिल की बीमारियां

ट्रांस फैट फूड (Trans fat foods) खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को घटाता है जिससे दिल की बीमारियाँ हो सकती हैं। जब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है, तो यह धमनियों में जमा होने लगता है, जिससे हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक जैसे खतरे भी बढ़ सकते हैं।

2. वजन बढ़ना

ट्रांस फैट फूड्स (Trans fat foods) में कैलोरी ज्यादा होती है और यह शरीर में आसानी से जमा हो जाती है, जिससे वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है। वजन बढ़ना अपने साथ दूसरी भी समस्याएं लेकर आता है।

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ट्रांस फैट खाने में लेने से आपका वजन बढ़ सकता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

डायबिटीज, हाई बीपी या हार्ट से सम्बंधित कोई खतरा, इसमें शामिल है। तो अगर आप ट्रांस फैट इंटेक कम नहीं कर रहे तो इन सब बीमारियों के खतरे आपको ज्यादा होंगे।

3. हाई ब्लडप्रेशर

ट्रांस फैट ब्लडप्रेशर को बढ़ा सकता है, जिससे आपको हाइपरटेंशन जैसी समस्याएं जन्मती हैं। इसके अलावा हाई ब्लडप्रेशर से ही दिल की बीमारियां भी जन्म लेती हैं। हैलो हार्ट नाम की एक संस्था की एक रिपोर्ट  कहती है कि ट्रांस फैट शरीर में जा कर जमा होने लगते हैं, जिससे हमारे शरीर में खून का फ़्लो प्रभावित होता है और ब्लडप्रेशर के हाई होने के खतरे बढ़ जाते हैं।

4. डायबिटीज

ट्रांस फैट फूड्स (Trans fat foods) हमारे शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस को भी कमजोर करते है। इंसुलिन रेजिस्टेंस का कमजोर होना मतलब ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने लगना। और इसी वजह से डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है।

5. मानसिक स्वास्थ्य पर असर

एक स्टडी के अनुसार, वे महिलाएं जिन्होंने ट्रांस फैट को अपने खाने में ज्यादा लिया था, उन्हें 5 साल बाद डिप्रेशन जैसी समस्याओं को झेलने के ज्यादा चांसेस पाए गए। एक दूसरी स्टडी के मुताबिक ऐसे लोग जो खाने में ट्रांस फैट कम नहीं कर पाते, उन्हे मानसिक समस्या होने के चांसेस हैं।

ट्रांस फैट फूड्स से बचने के उपाय (how to control trans fat intake)

1. पैकेज्ड फूड्स से बचें

पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड्स एक तरह के ट्रांस फैट फूड्स (Trans fat foods) ही हैं जिनमें ट्रांस फैट बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। इसलिए इनसे बचने की कोशिश करें। घर पर ताजा खाने से बढ़िया ऑप्शन कुछ नहीं है।

2. हेल्दी कुकिंग आयल

खाना बनाने के लिए जैतून का तेल, सरसों का तेल या नारियल तेल जैसे हेल्दी तेलों का इस्तेमाल करें। इन तेलों में ट्रांसफैट नहीं होते और ये शरीर फायदेमंद भी होते हैं।

3. तली हुई चीजें न खाएं

तली हुई चीजें जैसे चिप्स, समोसा, पकोड़ी जैसी चीजों में ट्रांस फैट होता है। इन्हें खाने से बचने की कोशिश करें।

4. घर का खाना खाएं

घर पर ताजा बना खाना ज्यादा सुरक्षित होता है क्योंकि इसमें ट्रांस फैट की अधिकता नहीं होती। अधिकतर फल और सब्जियाँ ट्रांस फैट (Trans fat foods) से मुक्त होती हैं और ये शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं। इनको खाने में बढाने से आप स्वस्थ रहेंगे और ट्रांस फैट से होने वाली बीमारियों से भी दूर रहेंगे।

5. लेबल पढ़ें

जब भी आप कोई पैकेज्ड प्रोडक्ट खरीद रहे हों तो उसके लेबल को पढ़ लें। अगर उसमें ‘हाइड्रोजेनेटेड’ या ‘पार्शीयलीहाइड्रोजेनेटेड’ तेल लिखा हो, तो उसे खरीदने से बचें।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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