आपमें से ज्यादातर लोग चाय पीते होंगे, ऑफिस के दोस्तों के साथ टी ब्रेक लेना, शाम को बोरियत महसूस होने पर चाय पीना, यहां तक की चाय की प्याली पकड़े बिना कुछ लोग सुबह बिस्तर से उठ भी नहीं पाते। असल मे चाय बनाने का सही तरीका है पात्तियों को पानी में उबालना। परंतु बात यदि भारतीय चाय की करें, तो हम बिना दूध की चाय को चाय ही नहीं मानते। वहीं इसे बनाते हुए कई ऐसी गलतियां (tea mistakes) कर देते हैं, जिसका खामियाजा बेहद नकारात्मक हो सकता है। इसलिए यह समझना बहुत जरूरी है, कि हम अपनी नियमित चाय को बनाने में आखिर ऐसी क्या गलती कर रहे हैं, और फौरन गलतियों में सुधार करने पर ध्यान दें।
वेलनेस इंस्ट्रक्टर, डाइटिशियन लवलीन कौर ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए चाय पर चर्चा करते हुए, चाय बनाने के दौरान की जाने वाली कुछ कॉमन मिस्टेक्स बताए हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसी की कुछ गलतियों के बारे में (tea mistakes)।
बहुत से लोगों को अपनी नींद तोड़ने और सुबह तरोताजा महसूस करने के लिए सुबह उठते के साथ चाय पीने की आदत होती है। सुबह-सुबह हमारा पेट खाली होता है और खाली पेट चाय पीना आपकी सेहत के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। न्यूट्रीशनिस्ट के अनुसार सुबह के वक्त हमारा पेट बिल्कुल छोटे नर्म हरे घास की तरह होता है, जिन पर ओस की बूंदे गिरी होती हैं और हम इनपर बिल्कुल सुबह दूध और पत्तियों के कांबिनेशन से बनी, गर्मा-गरम चाय डाल देते हैं। जिससे कि हमारा पेट पूरे दिन परेशान रहता है।
वहीं आप पूरे दिन चाहे जितना भी हेल्दी खा ले शरीर में पोषक तत्वों का अवशोषण सही रूप से नहीं हो पाता। वहीं सुबह खाली पेट चाय पीने से मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया धीमी हो जाती है, इसकी वजह से अपच, ब्लोटिंग, कब्ज जैसी अन्य पाचन संबंधी समस्या आपको परेशान कर सकती हैं। इसीलिए सुबह भूल कर भी खाली पेट चाय न पिएं, कोशिश करें कि इसे शाम के स्नैक्स के साथ लिया जाए।
प्रभावी और हेल्दी ढंग से चाय बनाने के लिए सभी सामग्री को एक साथ उबालने से बचें। पानी में चाय की पत्ती, हर्ब्स जैसे की इलाइची, तुलसी और अदरक डालें, सभी को एक साथ उबलने दें। चाय को ज्यादा देर तक उबालना भी उचित नहीं है, इसलिए इन्हें थोड़ी देर उबालें। फिर इसे छान कर अलग कर लें और ऊपर से गर्म दूध डालें। इसे मिलाएं और एन्जॉय करें।
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चाय की सबसे बुरी बात यह है की ज्यादातर लोग इसमें मिठास जोड़ने के लिए भरपूर मात्रा में रिफाइंड शुगर का इस्तेमाल करते हैं, जिससे यह बेहद अनहेल्दी हो जाती है। रिफाइंड शुगर को अवॉयड करें, मिठास जोड़ने के लिए आप चाहें तो अपनी चाय में थोड़ा गुड़ मिला सकती हैं।
आप में से कई लोग ऐसे होंगे जिन्हे खाना खाते हुए या खाने के तुरंत बाद एक प्याली चाय की आवश्यकता होती होगी। लेकिन यह कोई अच्छा अभ्यास नहीं है, क्योंकि चाय की पत्तियां प्रकृति में अम्लीय होती हैं और पाचन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं। इसके अलावा, टैनिन शरीर में आयरन और प्रोटीन के अवशोषण को बाधित करता है। नूट्रिशनिस्ट के अनुसार भोजन के बाद और चाय पीने से पहले के समय में कम से कम एक घंटे का अंतर रखें।
हम समझते हैं कि चाय में मसाले का स्वाद आपको ऊर्जा से भर देता है, इसी बात को ध्यान में रख लोग अपनी चाय में तरह-तरह के मसाले ऐड कर लेते हैं। लेकिन इसकी अधिकता आपकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। चाय मसाला में आमतौर पर अदरक, लौंग, दालचीनी, इलायची, तेज पत्ता और जायफल होता है, जिनमें से प्रत्येक की प्रकृति गर्म होती है।
आयुर्वेद के अनुसार, इन गर्म मसालों का अधिक सेवन शरीर में वात, पित्त और कफ का संतुलन बिगाड़ सकता है। नूट्रिशनिस्ट का सुझाव है की चाय में मध्यम मात्रा में मसाला मिलाएं और फायदे के साथ-साथ सुगंध और स्वाद का आनंद लेने के लिए चाय बनाने की सही प्रक्रिया को फॉलो करें।
बहुत से लोग बनी हुई चाय को दोबारा से गर्म करके पीते हैं, ऐसा करना सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। चाय को दोबारा से गर्म करने से इसकी गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इसमें मौजूद पोषक तत्व भी खत्म हो जाते हैं। साथ ही साथ यह आपको पाचन संबंधी समस्यायों का शिकार बना सकता है। चाय को रीहीट करने से जी मचलना, डायरिया, ब्लोटिंग, पेट दर्द जैसी परेशानियों का जोखिम बढ़ जाता है।
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