हमारे बोंस लगातार बदलते रहते हैं। युवा होने पर शरीर तेजी से नई हड्डी बनाता है। इससे बोन मास बढ़ता है। अधिकांश लोग 30 वर्ष की आयु के आसपास अपने एक्सट्रीम बोन मास तक पहुंचते हैं। इसके बाद बोंस मास में धीरे-धीरे कमी आने लगती है। जानकारी के अभाव में 30 के बाद लोग अपनी बोन हेल्थ पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। नतीजा होता है ओस्टियोपोरोसिस। इसके बचाव के लिए पोषण से भरपूर रेसिपी खानी चाहिए। ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव करने में मदद कर सकते हैं मशरूम कैप्सिकम मसाला (mushroom capsicum masala recipe in hindi)। ओस्टियोपोरोसिस से बचाव के लिए ही ओस्टियोपोरोसिस मंथ (Osteoporosis month May) मनाया जाने लगा।
मई महीने को ऑस्टियोपोरोसिस महीना माना जाता है। अमेरिका में बोन हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए मई को ओस्टियोपोरोसिस अवेयरनेस एंड प्रिवेंशन मंथ कहा जाने लगा। इसके माध्यम से हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए बोन डिजीज को कैसे रोकते और प्रबंधित करते हैं, बताया जाता है। भारत में भी अब मई को ऑस्टियोपोरोसिस का महीना माना जाता है। इस महीने में इस बीमारी के प्रति आम लोगों को जागरूक किया जाता है।
उजाला सिग्न्स ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स के फाउंडर और डायरेक्टर डॉ. शुचिन बजाज के अनुसार, ऑस्टियोपोरोसिस एक बोन डिजीज है। इसमें बोन मिनरल डेंसिटी (Bone Mineral Density) और बोन मास (Bone mass) घट जाता है। इससे हड्डी की संरचना और ताकत बदल जाती है। इससे हड्डियों की स्ट्रेंथ में कमी आ सकती है। इससे हड्डियां टूटने या फ्रैक्चर (Fracture) का खतरा बढ़ सकता है।
डॉ. शुचिन कहते हैं, ‘जब आप ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हो जाते हैं, या इस रोग से बचाव चाहते हैं, तो इसमें हड्डियों को मजबूती देने वाले पोषक तत्वों से भरपूर आहार मदद करते हैं। ये आहार कैल्शियम, विटामिन डी, विटामिन सी, मैग्नीशियम और प्रोटीन से भरपूर होना चाहिए। ये पोषक तत्व मजबूत स्केलेटन के आधार बनते हैं।’
यहां हैं ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव करने में मदद करने वाले मशरूम कैपसिकम मसाला
मशरूम को सुपरफूड की मान्यता दी गई है। मशरूम विटामिन डी के कुछ प्राकृतिक स्रोतों में से एक है। इनमें फैट बिल्कुल नहीं होता है। इसमें विटामिन सी, विटामिन ए, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सेलेनियम, फाइबर भी पाया जाता है। यह बोन हेल्थ को मजबूती देकर ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव करता है।
शिमला मिर्च में विटामिन डी, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी6, कैल्शियम और फोलेट होते हैं। लाल और हरा शिमला मिर्च ऑस्टियोपोरोसिस, अर्थराइटिस, क्रोन डिजीज से बचाव के अलावा डिस्लिपिडेमिया और कैंसर से भी बचाव करती है। यह इम्यून सिस्टम और मेटाबोलिज्म को बढ़ावा देता है।
कटा हुआ मशरूम-1 कप
कटी हुई शिमला मिर्च- 1/2 कप
प्याज- 1, टमाटर-2, लहसुन- 5 कली, जीरा – 1/4 छोटा चम्मच, सौंफ – 1/4 छोटा चम्मच, सरसों तेल-2 और आधा टी स्पून
दालचीनी – 1/2 इंच का टुकड़ा, लौंग-2, इलायची-2, हल्दी पाउडर-1/4 छोटा चम्मच, लाल मिर्च पाउडर- ¼ टी स्पून, धनिया पाउडर-1 टी स्पून, गरम मसाला-1/2 टी स्पून, एक मुट्ठी धनिया पत्ती, नमक स्वादानुसार
एक पैन में 1/2 टीस्पून तेल डालें। तेल गर्म होने पर मशरूम और शिमला मिर्च डालें। इसमें थोड़ा नमक मिला दें। ढंक कर मशरूम और शिमला मिर्च को नरम पकाएं।
दूसरी तरफ प्याज, लहसुन, टमाटर को मोटा काट लें। पैन में 1 टीस्पून तेल डाल कर गरम करें। इसमें जीरा और सौंफ डालें। चटकने पर प्याज, लहसुन डाल दें। आधा टीस्पून नमक डालें। प्याज हल्का भूनने के बाद टमाटर काट कर डालें। नरम होने तक भूनें। ठंडा होने पर इसे ब्लेंडर में पेस्ट बना लें। पैन में 1 टी स्पून तेल डालकर दालचीनी, लौंग और इलायची डाल दें। हल्का भूनने पर मसाला पेस्ट, हल्दी, धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर और नमक डाल दें।
इसमें थोड़ा थोड़ा पानी मिलाकर पैन को ढक दें। लो फ्लेम पर 10 मिनट तक रहने दें। अंत में गरम मसाला डाल कर अच्छी तरह मिला लें। फ्लेम ऑफ़ कर दें। मसाला तैयार है। इस मसाले में भुनी हुई सब्जियां डाल कर अच्छी तरह मिला दें। इसे हरे धनिये से सजा दें। हेल्दी और टेस्टी मशरूम कैप्सीकम मसाला तैयार है।
यह भी पढ़ें :-Makhana Recipes : खाना चाहती हैं कुछ हल्का और हेल्दी, तो ट्राई करें 3 मखाना रेसिपीज