90 दिनों में 10 किलो तक वज़न कम कर सकता है ये खास भोजन, बस इन 6 बातों का रखें ध्यान 

डाइटिंग एक भ्रम है, जिसे वेट लॉस का मंत्र मान लिया जाता है। जबकि वेट लॉस के लिए आपको अपनी पुरानी खानपान पद्धति की ओर लौटना चाहिए। 
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यदि सही तरीके से भारतीय भोजन खाया जाए, तो वेट लॉस हो सकता है। चित्र:शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Published: 17 Jun 2022, 13:51 pm IST
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यदि आप वेट लॉस करना चाहती हैं, तो मील स्किप करने या भूखे रहने से कुछ भी फायदा नहीं होगा। न ही हद से ज्यादा वर्कआउट करने से आप अपना वजन कम कर सकती हैं। यदि आप इन सभी उपायों को बीच में अपनाना छोड़ देती हैं, तो आपका वजन और बढ़ सकता है। पर क्या आप जानती हैं कि भारतीय खाना, जो हम रोज खाते हैं यदि उसे अपने वजन के हिसाब से लिया जाए और सही तरह से पकाया जाए, तो आप सिर्फ 90 दिन में 10 किलो तक वजन (weight loss diet ) घटा सकती हैं। ऐसा कैसे संभव है, यह जानने के लिए हमने नेचुरल हेल्थ 24 आवर्स की न्यूट्रीशनिस्ट कृति श्रीवास्तव से बात की।

क्यों खास है भारतीय भोजन 

भारतीय भोजन में मुख्य रूप से दाल-चावल शामिल होता है। जर्मनी की ल्यूबेक यूनिवर्सिटी में 2019 में पश्चिमी देशों और भारतीय भोजन पर रिसर्च की गई थी। इस रिसर्च से मालूम चला क‍ि दाल-चावल सबसे पौष्टिक भोजन हैं। इससे जेनेटिक डिजीज को भी मात दी जा सकती है। इसके अलावा, एक बार दाल चावल खा लेने के बाद दिन भर भूख नहीं लगती और पेट भरा हुआ महसूस होता है। इससे शरीर में एक्स्ट्रा कैलोरी जमा नहीं हो पाती है।

विविधतापूर्ण है ये आहार 

यदि हम गौर करें, तो नाश्ता, दोपहर का भोजन, स्नैक्स और रात के भोजन में बहुत अधिक वैरायटीज मौजूद होती हैं। यदि सही तरीके से पकाकर खाया जाए, तो शरीर को पर्याप्त रूप में पोषक तत्व मिल जाते हैं। 

डाॅ. कृति श्रीवास्तव कहती हैं, “मील स्किप करने या भूखा रहने पर वजन घटता नहीं है, बल्कि बढ़ जाता है। यदि आप ऐसा करती हैं, तो आप दिन के अंत में ज्यादा खा लेती हैं। इसलिए जिस तरह और जितनी बार आपको खाने की आदत है, उसी तरह और उतनी बार ही खाती रहें। बस ध्यान देना है कि जितनी कैलोरी आपने ली है उसे बर्न करना है।’ 

ये है किचन कैलोरी मैनेजमेंट 

यदि आपका वजन 54 किलोग्राम है, तो आपकी कैलोरी की खपत 900-1400 के बीच चाहिए। उम्र के हिसाब से यह आंकड़ा घटता-बढ़ता है। यदि किसी महिला की उम्र 50 से अधिक होगी, तो जाहिर है कि फिजिकल एक्टिविटी भी कम होगी। इसलिए कैलोरी की खपत भी कम हो पाएगी। वजन को संतुलित रखने के लिए आपको उसी अनुपात में अपनी थाली में दाल-चावल, फुल्का, सब्जी आदि को शामिल करना होगा। इसे किचन कैलोरी मैनेजमेंट कहते हैं। किचन मील प्लान को अपने स्वभाव में शामिल करना होगा। यदि आप अपनी इस आदत को छोड़ देती हैं, तो दोबारा आपका वजन बढ़ सकता है। 

यदि प्रॉपर गाइडेंस में इसे आजमाया जाए, तो 3 महीने में 10 किलो वजन घट जाता है और 6 महीने में 20 किलो। आप खाने में रोटी, परांठा, घी, छोले, राजमा, डेयरी प्रोडक्ट ले सकती हैं। ध्यान रखना होगा कि कम तेल-मसाले में भोजन को पकाया गया हो। रिसर्च बताते हैं कि जो हम खाते हैं, उसी पर हमारा वेट गेन या वेट लॉस निर्भर करता है।

किचन कैलोरी मैनेजमेंट में किन बातों का रखना होगा ख्याल

यदि आप सिर्फ बैलेंस्ड डाइट लेकर वेट लॉस करना चाहती हैं, तो सही रिजल्ट न्यूट्रीशनिस्ट के निर्देशन में ही आ सकते हैं। वे आपको वेट के हिसाब से डाइट का पोर्शन बताएंगी। साथ ही यदि आप किसी बीमारी जैसे कि डायबिटीज, थायरॉयड आदि से पीड़ित हैं, तो उसी के अनुसार आपकी डाइट होगी। कैलोरी मैनेजमेंट के लिए आपको कुछ बातों का ख्याल रखना होगा।

1 मील स्किप करने से बचें 

डॉ. कृति श्रीवास्तव कहती हैं, ‘कभी भी मील स्किप न करें। इससे आपका मेटाबॉलिक रेट घट जाता है। यह आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। एक बार भरपेट खाने की बजाय दिन भर में 6-7 बार खाएं।’

2 भोजन को सही तरीके से पकाना जरूरी

जब भारतीय भोजन को अच्छी तरह पकाया जाता है, तो यह हाई न्यूट्रीशनल वैल्यू वाला बन जाता है। अलग-अलग तरह की दालें, कम फैट वाला पनीर, हरी सब्जियां, दही, छाछ, साबुत अनाज के आटे से तैयार रोटियां या परांठों में सभी पोषक तत्व, विटामिन और मिनरल्स मौजूद रहते हैं। तेज फ्लेम पर पकाना, अधिक तेल और मसाले के प्रयोग से पोषक तत्व न्यून हो सकते हैं।

3 वजन घटाने की जल्दबाजी न करें

यदि आपका 5 या 10 किलो वजन बढ़ गया है, तो इसका मतलब है कि यह वेट आपने एक दिन में गेन नहीं किया है। इसलिए धीरे-धीरे वजन घटाने में ही समझदारी है। किचन मील प्लान से लगातार जुड़े रहना उतना ही जरूरी है, जितना आपकी हर दिनचर्या। आप किसी तरह की हड़बड़ी न करें। जान लें कि ज्यादातर वेट लॉस पिल्स, वेट लॉस टी कारगर नहीं होती है।

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4 ध्यान दें ग्लाइसेमिक इंडेक्स पर

ग्लाइसेमिक इंडेक्स से कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ के बारे में पता चलता है। यह बताता है कि किसी खास भोजन में मौजूद कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज बनने में कितना समय लगा।

ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम करने के लिए प्रोटीन वाले फूड- दूध, दही, छाछ, पनीर, स्प्राउट्स, दाल आदि को शामिल करें।

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वजन घटाने के लिए ग्लाइसेमिक इंडेक्स पर ध्यान देना भी जरूरी है। चित्र:शटरस्टॉक

5 रात का खाना जल्दी खाएं

रात का खाना जल्दी खाने से मेटाबॉलिक रेट बढ़ जाता है। इससे भोजन आसानी से पच जाता है। साथ ही, डायजेस्टिव सिस्टम में भोजन का बेहतर इस्तेमाल हो पाता है। शरीर को एनर्जी मिलती है और कैलोरी भी बर्न होती है।

6 चीनी से करें परहेज

यदि आपका ब्लड शुगर लेवल बॉर्डर पर है, तो चीनी की बजाय भोजन में गुड़, मिश्री या खांड का प्रयोग करें। कैल्शियम और मिनरल से भरपूर इन सभी चीजों को रिफाइंड नहीं किया जाता है। इसलिए आपको नुकसान नहीं हो सकता है। इनके अलावा, जंक फूड से भी बचें, क्योंकि इनसे सिर्फ कैलोरी गेन होती है, पोषक तत्व कुछ भी नहीं मिलते हैं।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

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