होली का त्योहार (Holi) अपने खास व्यंजनों के साथ आता है। यानी खूब सारी मिठाइयां (Holi sweets) और खुशियों के रंग। भारत में शायद ही ऐसा कोई त्यौहार होता हो जिसमें तरह-तरह के पकवान न बनाए जाते हो। यहां प्रदेशों की पहचान भौगोलिक सीमाएं नहीं, बल्कि व्यंजनों के स्वाद से है। उत्तर प्रदेश का ऐसा ही एक खास पकवान है चंदिया (Chandiya Recipe)। उड़द दाल की ये चंदिया (urad dal chandiya) असल में बदलते मौसम के साथ पेट संबंधी समस्याओं से निपटने में मदद करती है। होली पर आप अक्सर उड़द दाल के दही बड़े बनाती होंगी, पर इस बार चंदिया ट्राई करके देखिए।
मेरी मम्मी इस स्पेशल रेसिपी (Holi special recipe) को हर होली पर बनाती हैं। यह रेसिपी टेस्टी के साथ-साथ हेल्दी भी है, क्योंकि इसमें उड़द दाल का इस्तेमाल किया जाता है। जो आपको कई लाभ प्रदान कर सकती है। अगर आप नहीं जानते कि चंदिया क्या है, तो इसकी विधि जानने से पहले चलिए आपको चंदिया के बारे में कुछ अच्छी बातें बताते हैं।
चंदिया उत्तर प्रदेश की एक ट्रेडिशनल रेसिपी है, जिसे होली के अगले दिन यानी पड़वा (प्रतिपदा) के दिन खाया जाता है। मम्मी कहती हैं कि चंदिया एक ऐसी रेसिपी है जो होली में तला भुना खाने के बाद हमारे पेट के लिए काफी फायदेमंद है, क्योंकि इसे बनाने में राई का इस्तेमाल होता है और इसका पानी पेट साफ करने में मदद करता है। ज्यादातर उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों में चंदिया काफी मशहूर है। कुछ लोग धुली उड़द दाल से इसे बनाना पसंद करते हैं, तो कुछ को इसे छिलके वाली उड़द दाल के साथ बनाने में स्वाद आता है। चलिए उड़द दाल के कुछ फायदों के बारे में जानते हैं।
आयुर्वेद में उड़द दाल को खास महत्व दिया गया है। कई आयुर्वेदिक दवाओं में उड़द दाल का इस्तेमाल किया जाता है। आयुर्वेद में उड़द की दाल को “माश” के नाम से संबोधित किया गया। इसमें प्रोटीन कार्बोहाइड्रेट्स, हेल्दी फैट, विटामिन बी, आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर मात्रा में पाया जाता है। वहीं आयुर्वेद गर्भवती महिलाओं को रोजाना उड़द दाल का सेवन करने की सलाह देता है। यह उनके लिए पोषण का पूरा कॉम्बो है।
पाचन संबंधित समस्याओं के लिए उड़द की दाल काफी फायदेमंद होती है, फिर चाहे वह छिलके वाली हो या धुली हुई दाल। यह फाइबर से भरपूर होती है। इसमें घुलनशील और अघुलनशील दोनों किस्म के फाइबर पाए जाते हैं। ये दोनों ही डाइजेशन को इंप्रूव करने का काम करते हैं। उड़द की दाल में मौजूद डाइटरी फाइबर कब्ज, गठन, सूजन और डायरिया जैसी पाचन संबंधी समस्याओं के लिए काफी मददगार है। इसके अलावा, उड़द की दाल बवासीर और कॉलिक डिसऑर्डर को भी दूर करने में सक्षम है।
आप चाहे तो इसको दही और अपनी पसंदीदा खट्टी-मीठी चटनी और दही के साथ भी खा सकती हैं।