प्रकृति में पाए जानें वाले पेड़-पौधे और जड़ी बूटियों मनुष्य के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। प्राचीन समय से इनका इस्तेमाल कई बडें रोगों के लिए किया जा रहा है। इसी प्रकार एलोवेरा भी हमारें लिए किसी जड़ी-बूटी से कम नही है। आयुर्वेद में एलोवेरा को औषधी माना गया है, क्योंकि कई बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में इसका सेवन लाभदायक साबित हुआ है। आयुर्वेद में माना गया है कि अगर एलोवेरा की जड़ को उबालकर इसमें भुनी हुई हींग मिलाकर सेवन किया जाए तो पेटदर्द में जल्द राहत मिलती है।
एलोवेरा से मिलने वाले लाभों के बारें में जानने के लिए हमनें बात कि न्यूट्रीफाई बाई पूनम डाइट एंड वैलनेस क्लिनिक एंड अकेडमी की डायरेक्टर पूनम दुनेजा से, जिन्होंने हमें एलोवेरा के लाभों के बारें में विस्तार से जानकारी दी।
डाइटिशियन पूनम के मुताबिक अगर आपको पेट से जुड़ी समस्याएं रहती हैं, तो एलोवेरा का सेवन आपको जल्द आराम दे सकता है। इसमें पाए जानें वालें आवश्यक पोषक तत्व पाचन से जुड़ी सभी समस्याओं जैसी कि पेट दर्द, कब्ज, एसिडिटी में फायदेमंद होते हैं।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने के लिए हेल्दी डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल दोनों जरूरी है। न्यूट्रीफाई बाई पूनम के मुताबिक अगर आपके ब्लड प्रेशर में उतार चढ़ाव आता रहता है, तो एलोवेरा का रोज सेवन आपके ब्लड प्रेशर को बैलेंस रखने में मदद कर सकता है। एलोवेरा का सेवन सिस्टोलिक और डायस्टोलिक हाई ब्लड प्रेशर दोनों को बैलेंस रखने में मदद करता है।
एलोवेरा का इस्तेमाल करने से मुंह के छालों में राहत मिलती है। एक्स्पर्ट का मानना है एलोवेरा में एंटीप्लेग (antiplaque) और मसूड़े की सूजन (antigingivitis) कम करने के गुण पाए जाते हैं। इसका माउथवॉश के रूप में इस्तेमाल आपकी डेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा मुंह के छालों, मसूड़े फूलना या मुंह से बद्बु की समस्या में भी एलोवेरा जल्द असर दिखा सकता है।
त्वचा को बाहरी रूप से निखारने के साथ अंदर से बेहतर बनाने के लिए एलोवेरा का सेवन किया जाता है। एलोवेरा त्वचा में कोलेजन की मात्रा बढ़ाने के साथ त्वचा को मॉइस्चराइज रखने में भी मदद करता है। कोलेजन एक प्रकार का खास प्रोटीन है, जो त्वचा को बेहतर बनाएं रखने के लिए आवश्यक है। जिसके कारण यह फाइन लाइन्स कम करने के साथ झुर्रियों को बढ़ने से रोकने में भी मदद करता है।
प्राचीन समय में घावों को ठीक करने के लिए एलोवेरा को जड़ी-बूटी की तरह इस्तेमाल किया जाता था। न्यूट्रीफाई बाई पूनम के अनुसार एलोवेरा में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जिसके कारण यह आपके घावों को तेजी से भरने में मदद करता है। एलोवेरा को घावों पर सीधा इस्तेमाल करने के साथ इसका सेवन भी घाव भरने में मदद करता है।
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डायबीटीज के खतरे को कम करने के लिए हेल्दी वेट मेंटेन रखने के साथ हेल्दी डाइट और रोज फिजिकल एक्टिविटि की आदत जरूर होनी चाहिए। डाइटिशियन पूनम दूनेजा कहती हैं कि इस बात के कई प्रमाण है कि एलोवेरा ग्लाइसेमिक कंट्रोल रखने में मदद करता है।
प्रीडायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में भी एलोवेरा के सेवन से ग्लाइसेमिक कंट्रोल हो सकता है। यह प्रीडायबिटीज वाले लोगों में फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज को कम करने में मदद करता है और टाइप 2 डायबिटीज के रोगियों में A1C में सुधार भी करता है।
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कस्टमाइज़ करेंअगर आप एलोवेरा का रोज सेवन करने की सोच रही हैं, तो यह निश्चित तौर पर आपके लिए फायदेमंद होगा। एक्सपर्ट पूनम दूनेजा का कहना है कि एलोवेरा जेल में 80 प्रतिशत पानी होता है, जिससे यह आपको हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है। इसके साथ ही इसमें विटामिन और मिनरल्स की भरपूर मात्रा भी पायी जाती है। जिसके कारण यह आपकी त्वचा को सॉफ्ट और ग्लोइंग बनाने में मदद करता है।
एलोवेरा का सेवन किसी भी प्रकार के किया जा सकता है। एलोवेरा को जूस, पाउडर, पत्तियों को घीसकर भी लिया जा सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक रोज सुबह ब्रेकफास्ट से पहले या दिनभर में 2 से 3 चम्मच एलोवेरा जूस का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
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