जब हम छोटे होते हैं, तो हम अक्सर अपने शरीर की पोषक तत्वों की जरूरतों को नजरंदाज कर देते हैं। ये न केवल हमारे शरीर को बल्कि हमारी त्वचा और समग्र स्वास्थ्य को भी लंबे समय तक प्रभावित करता है। यही कारण है कि, उम्र बढ़ने के साथ ही एक्सपर्ट कई तरह के सपलीमेंट्स लेने और एक संपूर्ण आहार लेने की सलाह देते हैं। साथ ही, जब उम्र बढ़ती है तो सिर्फ आहार ही पर्याप्त नहीं होता है। अपने जीवन के विभिन्न चरणों में, महिलाओं को शारीरिक संतुलन बनाए रखने में कई पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। और इनकी कमी कई जोखिम पैदा कर सकती है।
इसलिए 30 की उम्र के बाद सिर्फ संतुलित भोजन करना पर्याप्त नहीं है। क्योंकि ज़रूरी नहीं है हमारा दैनिक भोजन पर्याप्त मात्रा में विटामिन और खनिज प्रदान करने में सक्षम हो। इसलिए इस उम्र में डॉक्टर मल्टीविटामिन लेने की सलाह देते हैं।
ऐसे में आपकी मदद करने के लिए हम लाएं हैं कुछ ऐसे आवश्यक पोषक तत्वों की सूची जिन्हें आप डॉक्टर की मदद से सपलीमेंट के तौर पर या फूड सोर्स के रूप में ले सकती हैं।
कई शरीर प्रक्रियाओं के लिए विटामिन B ज़रूरी होता है। बी-विटामिन सबसे अधिक ऊर्जा से जुड़े होते हैं, लेकिन वास्तव में, ये मूड लिफ्ट करने का काम करते हैं। साथ ही, मेनोपॉज के बाद अवसाद को रोकने के लिए भी यह ज़रूरी विटामिन है।
विटामिन C और E बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट हैं और त्वचा को अंदर से स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। विटामिन C इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है और त्वचा को युवा रखता है क्योंकि यह कोलेजन के निर्माण को बढ़ावा देता है। विटामिन सी आयरन को सोखने में भी मदद करता है। विटामिन सी और ई में महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
30 के दशक में महिलाओं के लिए विटामिन डी महत्वपूर्ण है। भोजन से कैल्शियम को अवशोषित करने में शरीर की सहायता करके, विटामिन डी काफी हद तक हड्डियों के स्वास्थ्य का समर्थन करता है। शरीर को कैल्शियम के उचित स्तर को अवशोषित करने और बनाए रखने में मदद करने के लिए विटामिन डी आवश्यक है। सप्ताह में दो बार दिन में सिर्फ 10-15 मिनट के लिए धूप में रहने से आपको बहुत फायदा हो सकता है।
कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों के निर्माण के साथ-साथ ऊर्जा पैदा करने और बेहतर तंत्रिका कामकाज में मदद करते हैं। आयरन आपको सक्रिय रखने और संक्रमण से बचाने के साथ-साथ शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए भी एक आवश्यक पोषक तत्व है। विशेषज्ञों के अनुसार हमारे शरीर को प्रतिदिन लगभग 18 मिलीग्राम की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, विटामिन C और A आयरन के अवशोषण में बहुत मदद करते हैं।
ओमेगा -3 फैटी एसिड को आवश्यक फैटी एसिड माना जाता है। क्योंकि हमारा शरीर उन्हें अपने आप पैदा नहीं कर सकता है, इसलिए हमें उन्हें भोजन या सपलीमेंट से प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
नेचर जर्नल में प्रकाशित अध्ययनों से पता चला है कि ओमेगा 3 फैटी एसिड हमें अवसाद और चिंता से लड़ने, आंखों के स्वास्थ्य में सुधार, हृदय रोग के जोखिम कारकों को कम करने, बच्चों में एडीएचडी के लक्षणों को नियंत्रित करने, मेटाबॉलिक सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने और सूजन से लड़ने में मदद करता है।
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