मैंने हमेशा अपनी मम्मी को कांच और प्लास्टिक की जगह तांबे की बोतल को उपयोग करते देखा है। मैं अकसर यही सोचा करती थी कि वे ऐसा क्यों करती हैं? एक दिन मेरी मम्मी ने मुझे प्लास्टिक की बोतल के उपयोग करने पर मुझे बहुत डांटा। इस बात ने मुझे बहुत परेशान किया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया?
तब मैंने एक विशेषज्ञ से यह जानने का फैसला लिया कि आखिर तांबे के बर्तनों का उपयोग करने की असल वजह क्या है। क्या वाकई इनका हमारे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है!
इसीलिए मैंने अपोलो टेली हेल्थ में एक वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ एम. सरोजा नंदम से संपर्क किया। उन्होंने मुझे बताया कि तांबा संक्रमित पानी हमारे शरीर को सूक्ष्म पोषक तत्व प्रदान करता हैं।
नंदम कहते हैं, “हमारे आहार में इन सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को तांबा पूरा कर सकता है। इसीलिए तांबे के बर्तन में पानी पीना या तांबे के बर्तन में भोजन पकाना अच्छा विचार है।”
सिर्फ इतना ही नहीं कॉपर बॉटल या तांबे के जग में पानी पीने से आपके स्वास्थ्य को ये खास लाभ भी मिलते हैं –
ज्यादातर भोजन जो हम खाते हैं, वह हमारे पेट में एसिड बना देता है और विषाक्त पदार्थ भी उत्पन्न कर देता है। कॉपर – इन्फ्यूज्ड पानी प्रकृति में क्षारीय है और यह एसिड प्रकृति को संतुलित करने में मदद करता है। यह आपके शरीर को ठंडा रखने के लिए डिटॉक्सीफाई करता है।
तांबा हमारे शरीर के लिए अति आवश्यक है। लोहे के अवशोषण में सेल के निर्माण से लेकर सहायता तक, यह शरीर के सभी काम काज के लिए महत्वपूर्ण खनिज है। तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर को लौह तत्व यानी आयरन का अवशोषण करने में मदद मिलती हैं, जो एनीमिया को रोक सकता है।
कॉपर में मजबूत एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो मुक्त कणों से लड़ने में मदद करते हैं। साथ ही इसके प्रभावों को कम करता है, जो कैंसर कोशिकाओं के विकास के पीछे मुख्य कारणों में से एक है।
कॉपर में अपार जीवाणुरोधी,एंटीवायरल और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इसे एक बेहतरीन हीलिंग एजेंट बना देते हैं। यह न केवल शरीर को बाहरी रूप से ठीक करता है, बल्कि आंतरिक रूप से भी इम्यूनिटी को बढ़ाकर और नई स्वस्थ कोशिकाओं के उत्पादन में सहायता करता है।
ई. कोली और एस. ऑरियस पर्यावरण के दो सबसे आम जीवाणु हैं। ये मनुष्यों में गंभीर शारीरिक बीमारियों का कारण बन सकते हैं। कॉपर इन जीवाणुओं को प्रभावी ढंग से समाप्त करने और आगे किसी संक्रमण को रोकने की शक्ति प्रदान करता है।
अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, रक्तचाप, हृदय गति को नियंत्रित करके हृदय रोग के विकास के जोखिम को कम करने में तांबे का पानी उपयोगी पाया गया है। कॉपर भी खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करता है।
प्राचीन समय में, लोग कॉपर बेस्ड ब्यूटी प्रोडक्ट का उपयोग करते थे, क्यों? क्योंकि तांबा एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध है और यह कोशिकाओं के निर्माण को बढ़ावा देते है। यह मुक्त कणों से भी लड़ता है जो आपको महीन रेखाएं और झुर्रियां दे सकते है।
नंदम बताते है “पुराने दिनों में लौटें तो पाएंगे कि लोग पहले सुबह उठते ही तांबे के बर्तन में रखे पानी से गरारे किया करते थे। तांबे के बर्तन में स्टोर किए गए पानी से रोज सुबह गरारे करने से गले के संक्रमण का इलाज किया जा सकता है।
डॉ नंदम ने इस बात की चेतावनी देते हैं, “सुनिश्चित करें कि आप तांबे के पानी का उपयोग कितना कर रहे है, क्योंकि अतिरिक्त तांबा आपको दस्त दे सकता है और लंबे समय तक इसकी अधिकता आपके अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है।”
इसीलिए दिन में दो या तीन बार तांबे का पानी पीना ही काफी है। आप एक बार में छह घंटे से अधिक समय तक तांबे की बोतल या किसी बर्तन में पानी को स्टोर न करें।
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