डायबिटीज एक बेहद आम लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है, वहीं इसके मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। डायबिटीज के मरीजों में बल्ड शुगर लेवल असंतुलित हो जाता है, जिसके कारण कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। डायबिटीज को मैनेज करने के लिए सबसे जरूरी है, नियमित खानपान पर ध्यान देना। जब आप सही डाइट लेती हैं, तो आपके लिए ब्लड शुगर लेवल (blood sugar level) को संतुलित रखना आसान हो जाता है।
डायबिटीज के मरीजों में फल, सब्जी, अनाज इत्यादि बेहद कारगर होते हैं। वहीं दाल पोषक तत्वों से भरपूर एक बेहद पौष्टिक अनाज है, जिसमे फाइबर सहित कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की गुणवत्ता पाई जाती है, जो डायबिटीज (pulses in diabetes) के मरीजों में ब्लड शुगर मैनेजमेंट में उनकी मदद करते हैं। इसके अलावा दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है, जो इसे अधिक असरदार बनाते हैं। तो आइए जानते हैं आखिर ऐसी कौन सी दालें हैं, जिन्हें डायबिटीज (pulses in diabetes) के मरीज अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
दाल कम जीआई (कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स) खाद्य पदार्थों की श्रेणी में आती हैं। इसका मतलब है कि उनमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट को शर्करा में टूटने और ब्लड फ्लो में रिलीज़ होने में अधिक समय लगता है। इस प्रकार ये आपके ब्लड शुगर को तुरंत नहीं बढ़ने देते। डायबिटीज से पीड़ित मरीजों के लिए दाल नियमित डाइट में शामिल करने के लिए एक बेहतरीन डाइट स्रोत साबित हो सकता है।
“क्या आपको डायबिटीज है? क्या आप राजमा खाने से बचते हैं? राजमा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, और डायबिटीज के मरीजों के लिए यह पूरी तरह उपयुक्त है। इसके अलावा, राजमा कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं, और सिंपल कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थों से बेहतर होते हैं”। इस प्रकार यह शरीर में धीरे-धीरे अवशोषित होता है, और ब्लड शुगर स्पाइक होने से रोकता है।
सबसे स्वस्थ दालों में से एक मानी जाने वाली मूंग दाल लगभग हर भारतीय रसोई में मौजूद होती है। फाइबर से भरपूर इस दाल को पचाना बेहद आसान है। यह पेट के लिए हल्का है, और पाचन संबंधी परेशानी नहीं होने देता। फाइबर ब्लड शुगर रेगुलेशन में मदद करते हैं, जिससे डायबिटीज मैनेजमेंट में मदद मिलती है और अनचाही क्रेविंग्स भी नहीं होती। इसे डाइट में शामिल करने का सबसे आसान तरीका है इसे अंकुरित करके ब्रेकफास्ट में खाना। आप इसे चावल या रोटी के साथ भी खा सकती हैं। वहीं इसकी खिचड़ी भी बनती है।
यह एक बेहद पौष्टिक दाल है। चना दाल में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और फोलिक एसिड होता है, जो रेड बल्ड सेल्स के निर्माण में मदद करता है। वहीं इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी बेहद कम होता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल अचानक से नहीं बढ़ता और इन्हें नियंत्रित रखना आसान हो जाता है। कुल मिलाकर, यह डायबिटीज के मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आप इसे आसानी से अपनी नियमित डाइट का हिस्सा बना सकती हैं।
कुछ स्वादिष्ट दक्षिण भारतीय टिफिन आइटम का आधार, यह दाल पौष्टिकता से भरपूर होता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है, जो बल्ड सर्कुलेशन को बढ़ा देते है। इतना ही नहीं, उड़द की दाल मैग्नीशियम और फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, जो डायबिटीज के मरीजों में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती है। यदि आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ता घटता रहता है, तो इसे अपनी डाइट का हिस्सा जरूर बनाएं। आप इसे दाल और सूप के रूप में अपनी डाइट में शामिल कर सकती हैं। साथ ही इसकी खिचड़ी भी बनाई जाती है।
अंकुरित करके खाई जाने वाली ये दाल कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है, जैसे कि प्रतिरक्षा को बढ़ावा देना, हड्डियों को मज़बूत बनाना, मल त्याग को सही रखना और त्वचा को चमकदार बनाना। इसके साथ ही यह डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद मानी जाती है। इस दाल के सेवन से ब्लड शुगर स्पाइक नहीं होता और शुगर का स्तर संतुलित रहता है। डायबिटीज के मरीजों को इसे डाइट में शामिल करने की सलाह दी जाती है।
डायबिटीज की बीमारी खाने का सारा मज़ा छीन लेती है। लेकिन छोले की मदद से कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जा सकते हैं। चने की डिश का स्वाद बेहद कमाल का होता है, और यह शरीर को पर्याप्त ताकत प्रदान करता है।
33 के जीआई के साथ, छोले तुरंत मूड को बेहतर बनाते हैं। इनसे हल्की मसालेदार, सुगंधित करी बनाएं या इन्हें क्रिस्पी स्नैक में बेक करें, इन्हें हम्मस में प्यूरी करें या छोले-चाट बनाएं, छोले के साथ अपने आहार को नियंत्रित रखने के कई तरीके हैं।
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