दिनभर में कई बार कॉफी पीना, तले भुने स्नैक्स खाना और घण्टों तक बैठे रहना सेहत पर गहरा प्रभाव डालता है। दरअसल, बिन सोचे समझे कुछ भी खाना और पीना शरीर को कई प्रकार से नुकसान पहुंचा सकता है। इससे शरीर का इम्यून सिस्टम कमज़ोर बनने लगता है और मौसम में होने वाला बदलाव शरीर को संक्रमण की चपेट में ले लेते हैं। पोषक तत्वों की कमी और प्रोसेस्ड फूड का अत्यधिक सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम करने लगता है। जानते हैं उन फूड्स के बारे में जिनके सेवन से शरीर का इम्यून सिस्टम होने लगता है कमज़ोर (Worst foods for immunity)।
इस बारे में डाइटीशियन मनीषा गोयल का कहना है कि डाइट में प्रोसेस्ड फूड, शुगर, सोडियम, सेचुरेटिड फैट और अल्कोहल को शामिल करने से इम्यून सिस्टम प्रभावित होने लगता है। साथ ही शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या भी बनी रहती है। इम्यून सिस्टम वीक होने के साथ साथ डायबिटीज़ और हार्ट डिज़ीज़ का खतरा भी बना रहता है। इसके अलावा समय पर न सोना और उठना व तनाव भी इस समस्या का कारण बनने लगता है।
खुद को हेल्दी रखने के लिए आहार में फाइबर, हेल्दी फैट्स, जिंक, आयरन और विटामिन की उचित मात्रा को शामिल करना बेहद ज़रूरी है। इससे शरीर एक्टिव और मज़बूत बनता है। साथ ही आलस्य और कमज़ोरी की समस्या भी कम होने लगती है।
डाइट में फ्लेवर्ड चॉकलेट और कैंडीज़ समेत शुगर एडिड फूड्स को सम्मिलित करने से न केवन वेटगेन की समस्या बढ़ने लगती है बल्कि इससे इम्यून फंक्शन भी प्रभावित होता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार वे फूड्स जो खाने के बाद ब्लड शुगर को बढ़ाते हैं।
उनसे शरीर में ट्यूमर नेक्रोसिस अल्फा, सी.रिएक्टिव प्रोटीन और इंटरल्यूकिन 6 जैसे इंफ्लामेटरी प्रोटीन का कंटेंट बढ़ने लगता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। 2017 की एक स्टडी के अनुसार 562 लोगों में से जिनका ब्लड शुगर लेवल ज्यादा है। उनका इम्यून सिस्टम कमज़ोर देखने को मिला।
डाइट में अधिक मात्रा में नमक को सम्मिलित करके शरीर में ऑटो इम्यून डिज़ीज़ का खतरा बढ़ जाता है। एनआईएच के अनुसार पैकड फूड का अत्यधिक सेवन करने से शरीर में नमक की मात्रा बढ़ जाती है, जो अलसरेटिव कोलाइटिस, क्रान्स डिज़ीज़ और रयूमोटाइड अर्थराइटिस के खतरे को बढ़ा देता है। साथ ही शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स बढ़ने लगते हैं, जिन्हें मोनोसाइटस कहा जाता है। इससे शरीर में सूजन की समस्या भी बढ़ जाती है।
डाइट में ओमेगा 3 फैटी एसिड को एड करने से जहां इम्यून सिस्टम मज़बूत बनता है, तो वहीं आमेगा 6 फैट्स से शरीर में प्रो इंफ्लामेटरी प्रोटीन बढ़ने लगते हैं, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। एनआईएच की कुछ स्टडीज़ के अनुसार आमेगा 6 फैट के सेवन से न केवल इम्यून सिस्टम कमज़ोर होता है बल्कि अस्थमा और राइनटिस का भी खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में डाइट में ज्यादा मात्रा में सनफ्लावर कनोला ऑयल, कॉर्न ऑयल और सोयाबीन ऑयल का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
चिप्स एंड वेफर्स का नियमित सेवन करने से शरीर में शुगर, प्रोटीन और फैट्स की मात्रा बढ़ जाती है। इसके अलावा डेली रूटीन में फ्राइड फूड को शामिल करने से इंफ्लामेशन और सेलुलर डैमेज का खतरा बना रहता है। साथ ही मेटाबॉलिज़म वीक हो जाता है और कैंसर व हृदय रोगों की संभावना बढ़ जाती है। इससे राहत पाने के लिए डाइट में आलू के चिप्स, वेफर्स, फ्राइड चिकन और फ्राइड फिश के इनटेक को सीमित करना चाहिए। दरअसल, फ्राइड फूड में ग्रुप ऑफ मॉलिक्यूल्स पाए जाते हैं, जिन्हें एडवांसड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्टस कहा जाता है।
मैदे से तैयार होने वाली व्हाइट ब्रैड, कुकीज़़ एंड केक से शरीर में कैलोरीज़ की मात्रा बढ़ने लगती है, जो वेटगेन को बढ़ा देती है। मगर साथ ही पोषण की प्राप्ति न होने से इम्यून सिस्टम वीक होने लगता है। इससे इंफ्लामेशन की समस्या भी बढ़ने लगती है। इसके अलावा ब्लड में शुगर की मात्रा भी बढ़ने का खतरा रहता है।
चाय, कॉफी और शुगर एडिड ड्रिंक तक हर चीज़ की अधिकता सेहत को नुकसान पहुंचाने लगती है। इससे शरीर में स्ट्रेस हार्मोन कार्टिसाल बढ़ने लगता है। इससे शरीर में तनाव और चिंता की स्थिति बनी रहती है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है। इससे शरीर में ब्लड शुगर लेवल और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ने लगती है। इसके अलावा स्लीप साइकल भी अपसेट हो जाती है।
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