यदि आप नियमित रूप से वर्कआउट करती हैं या जिम जाती है तो आपको मालूम होगा कि आपकी डाइट के लिए प्रोटीन कितना आवश्यक है। खासकर वह लोग जो बॉडी बना रहे होते हैं, उन्हें हाई प्रोटीन डाइट की आवश्यकता होती है। परंतु क्या आप प्रोटीन लेने के साथ-साथ इससे जुड़ी जरूरी जानकारी रखती हैं?
प्रोटीन शरीर के लिए आवश्यक माइक्रोन्यूट्रिएंट्स में से एक है। शरीर को भरपूर मात्रा में प्रोटीन की आवश्यकता होती है। प्रोटीन अमीनो एसिड में टूटकर शरीर में मांसपेशियों की ग्रोथ में मदद करता है। इसके साथ ही यह हॉर्मोन्स को रेगुलेट करता है और न्यूरोट्रांसमीटर और इम्यून फंक्शन के लिए भी जरूरी होता है।
परंतु जिस प्रकार किसी भी चीज की अधिकता सेहत को नुकसान पहुंचाती है, उसी प्रकार यदि आप एक सामान्य मात्रा से अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन कर रही हैं, तो यह आपके लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं खड़ी कर सकता है।
तो चलिए आज हेल्थ शॉट्स के साथ जानते हैं कि किस तरह प्रोटीन की अधिकता हमारे लिए हानिकारक होती है (side effects of too much protein)। साथ ही जानेंगे नियमित रूप से हमें प्रोटीन की कितनी मात्रा लेनी चाहिए।
हमें अक्सर वेट लॉस के लिए हाई प्रोटीन डाइट की सलाह दी जाती है, परंतु इस तरह की डाइट शॉर्ट टर्म में आपके वजन को कम करती है, परंतु आगे चलकर यह वेट गेन का कारण बन सकती है। क्लीनिकल न्यूट्रीशन द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार प्रोटीन की अधिकता शरीर में फैट की तरह स्टोर हो जाती है, साथ ही शरीर में अमीनो एसिड की भी मात्रा बढ़ने लगती है।
इस स्थिति में आगे चल कर आपको समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। खासकर यदि आप प्रोटीन इनटेक बढ़ाने के लिए अपनी डाइट में एक्स्ट्रा कैलोरी ले रही हों।
यदि आप अपनी डाइट में एनिमल बेस्ड प्रोटीन ले रही हैं और इसके साथ डाइट में फाइबर युक्त प्लांट फूड जैसे कि फल और सब्जियों का पर्याप्त सेवन नहीं कर रही हैं, तो आपको कब्ज और पाचन संबंधी अन्य समस्याएं जैसे ब्लोटिंग इत्यादि का सामना करना पड़ सकता है।
उचित मात्रा में प्रोटीन लेने के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में पानी पियें और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। ऐसा करने से आपको कब्ज की समस्या परेशान नहीं करेगी।
अधिक मात्रा में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से सांस से बदबू आने की समस्या हो सकती है। खासकर जब आप कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को बिल्कुल सीमित कर देती हैं तो बदबू और ज्यादा तेज हो जाती है।
स्मेल को ब्रशिंग और माउथ फ्रेशनर इत्यादि कंट्रोल नहीं कर पाते, इसके लिए आपको अपनी वॉटर इनटेक बढ़ानी होगी और अपने दांतो को दिन में कम से कम 2 से 3 बार ब्रश करना होगा। साथ ही साथ कुछ प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर जैसे कि पुदीना, सौंफ इत्यादि का इस्तेमाल करें।
यदि आप अधिक मात्रा में डेयरी और प्रोसैस्ड फूड का सेवन कर रही हैं जिनमें फाइबर की कमी होती है, तो आपको डायरिया का सामना करना पड़ सकता है। खासकर यदि आप लेक्टोज इनटोलरेंट हैं और प्रोटीन के लिए फ्राइड मीट , फिश इत्यादि का सेवन कर रही हैं तो यह आपकी पाचन क्रिया के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है।
इस स्थिति से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और कैफीनेटेड बेवरेजेस से दूरी बनाए रखें। हेल्दी और प्लांट बेस्ड प्रोटीन लें, साथ ही साथ अपने डाइट में फाइबर इंटेक बढ़ा लें।
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अधिक मात्रा में प्रोटीन का सेवन कैल्शियम लॉस का कारण बन सकता है। इससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और जोड़ों से जुड़ी परेशानियां बढ़ सकती हैं। रिसर्च गेट द्वारा 2013 में किए गए एक रिव्यु के अनुसार जो लोग हाई प्रोटीन डाइट लेते थें उनकी हड्डियों को काफी कमजोर पाया गया।
एक व्यक्ति की प्रोटीन की आवश्यकता उनकी उम्र, जेंडर, बॉडी वेट, बॉडी कंपोजिशन और फिजिकल एक्टिविटी पर निर्भर करती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार यदि कोई व्यक्ति शारीरिक गतिविधि में भाग नहीं ले रहा है, तो उन्हें नियमित रूप से अपने शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम कम से कम 0.8 ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए।
यदि आप दिन के लगभग 1 घंटे के करीब अपने शरीर को वर्कआउट और एक्सरसाइज में व्यस्त रखती हैं, तो आपको अपने शरीर के प्रति 3 किलोग्राम के अनुसार 1.2 से लेकर 1.7 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए।
वहीं जो लोग एथलीट हैं और भारी शारीरिक गतिविधियों में भाग लेते हैं, वे बिना किसी साइड इफेक्ट के शरीर के प्रति किलोग्राम के अनुसार 3.5 ग्राम प्रोटीन ले सकते हैं।
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