आम, पपीता, सेब, केला, आलूबुखारा! यकीनन ये सभी आपके फलों की टोकरी में मौजूद बेहद खास फल हैं। ये न केवल आपके शरीर को पोषक तत्व देते हैं, बल्कि आपकी स्किन और मेंटल हेल्थ को भी दुरूस्त रखते हैं। पर क्या आप जानती हैं कि इन्हीं फलों को जब आप इनके कच्चे रूप में अर्थात पकने से पहले खाती हैं, तो वे डबल फायदेमंद (benefits of 5 Green or Unripe fruits) हो जाते हैं! जी हां, चौंकिए मत, क्योंकि ये सभी हरे या कच्चे फल आपकी सेहत के लिए वरदान हैं।
कच्चे आम का नाम लेते ही मुंह में पानी आने लगता है। कच्चे फल को तो हम सैलेड के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि हम पके फल से तुलना करें, तो कच्चे फल में डाइटरी फाइबर अधिक होते हैं। विटामिन सी, पोटैशियम और विटामिन बी 6 की मात्रा भी अधिक होती है।
डायबिटीज के रोगियों के लिए तो कच्चा फल पके फल से अधिक लाभदायक होता है। कच्चे फल के फायदों के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए हमने बात की आयुर्वेदाचार्य सत्यम त्यागी से।
कच्चे फलों में आमतौर पर अधिक कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होते हैं। जो डाइटरी फाइबर की तरह काम कर सकते हैं। जब ये पक जाते हैं, तो शुगर में टूटने लगते हैं। कच्चे फल जैसे कि कच्चे केले में रेसिस्टेंट स्टार्च हाई लेवल में मौजूद होते हैं। इसे हम पचा तो नहीं पाते हैं, लेकिन ये हमारे पेट में प्रीबायोटिक के रूप में कार्य करते हैं, जो गट में उपस्थित माइक्रोब्स के लिए भोजन की आपूर्ति कर सकते हैं। इससे बॉवेल कैंसर का जोखिम कम हो सकता है। पकने के बाद यह प्रक्रिया धीमी हो जाती है।
कच्चे पपीते में विटामिन सी, बी, और ई जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के साथ-साथ पोटैशियम, फाइबर, मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होते हैं। कैलोरी की बहुत कम मात्रा होने के कारण वेट लॉस में भी यह मददगार हो सकता है।
कच्चा पपीता के सेवन से सोरायसिस, एक्ने-पिंपल्स, स्किन पिगमेंटेशन और सूजन में राहत मिल सकती है। कच्चा पपीता शरीर से टॉक्सिन या फ्री रेडिकल पार्टिकल्स को बाहर निकालने में मदद करता है।
इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण अस्थमा, ऑस्टियोआर्थराइटिस, गाउट और रुमेटॉयड आर्थराइटिस के रोगियों को लाभ पहुंचाते हैं। इसमें विटामिन ए भी होता है, जो आंखों के लिए अच्छा होता है। फेफड़ों की सूजन को कम करता है। ताजे हरे पपीते का रस भी सूजन वाले टॉन्सिल का इलाज कर सकता है।
कच्चे केले पोटेशियम से भरपूर होते हैं। विटामिन बी, विटामिन बी 6 से भरपूर यह ब्लड को प्यूरिफाई करता है, नर्व और मसल्स को कार्य करने में मदद करता है। यह ब्लड वेसल्स और आर्टरी में तनाव को कम करने में मदद करता है। हरे केले में मौजूद विटामिन सी और नेचुरल ऑयल बालों को टूटने-झड़ने से बचाता है।
कच्चे केले में शुगर कंटेंट बहुत कम होता है। इसका ग्लायसेमिक इंडेक्स 30-50 के बीच होता है। 55 से कम ग्लायसेमिक इंडेक्स वाले फूड मेटाबॉलिज्म को कम कर देते हैं। इससे ब्लड में शुगर लेवल अचानक नहीं बढ़ता है। इसलिए यह डायबिटीज पेशेंट के लिए अच्छा है।
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कस्टमाइज़ करेंडाइटरी फाइबर होने के कारण पचने में अधिक समय लगता है। खाने के बाद पेट भरा लगता है। इसलिए वजन घटाने में भी यह मददगार है। केले में मौजूद फैटी एसिड बॉडी के न्यूट्रीएंट एबजॉर्बशन को बढ़ा देते हैं।
सत्यम त्यागी कहते हैं कि एक कच्चे आम में 20 से अधिक सेब, 9 नींबू या 3 संतरे जितना विटामिन सी मौजूद हो सकता है। गर्मी के दिनों में कच्चे आम के फायदों के बारे में कौन नहीं जानता।
इसमें मौजूद एसिड पित्त स्राव को बढ़ाता है और आंतों के एंटीसेप्टिक के रूप में कार्य करता है। यह ब्लड को भी शुद्ध करने में मदद करता है। यह लीवर टॉनिक के रूप में कार्य करता है।
कच्चा आम आयरन के अवशोषण में भी मदद करता है और रक्तस्राव को कम करता है। यह तनाव, अनिद्रा और याददाश्त की कमजोरी को ठीक करता है। यह शरीर को टोन करता है और अत्यधिक गर्मी को सहन करने में मदद करता है।
कहावत है कि एक सेब खाने से डॉक्टर को दूर रखा जा सकता है। कच्चा सेब विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन से भरपूर होता है।
कच्चा सेब एलडीएल कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के अनुसार, प्रत्येक सप्ताह कम से कम एक या दो कच्चे सेब खाने से टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना कम हो सकती है। हालांकि अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
हरे सेब में पेक्टिन नामक एक कंपाउंड होता है। यह फाइबर का स्रोत है, जो पेट में स्वस्थ बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रीबायोटिक के रूप में काम करता है। हरे सेब में पाया जाने वाला पेक्टिन खाद्य पदार्थों को अच्छी तरह तोड़ने में मदद कर सकता है। कच्चे सेब में मौजूद हाई फाइबर डायजेस्टिव सिस्टम पर अच्छी तरह काम करता है। यह कॉन्सटिपेशन और लूज मोशन, दोनों में राहत पहुंचाता है।
आलूबुखारे में मौजूद विटामिन सी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करता है, मांसपेशियों के निर्माण और ब्लड वेसल्स बनाने में मदद करता है। यह आंखों के लिए भी बहुत अच्छा है।
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर प्लम शरीर को कोशिका और ऊतक की क्षति से बचाते हैं। इससे डायबिटीज, अल्जाइमर, पार्किंसंस रोग और कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। यह स्ट्रेस और एंग्जाइटी को दूर करता है। एंटीऑक्सीडेंट कम होने पर तनाव पैदा होता है। इसलिए एक प्लम रोज खाएं।
यह ब्लड शुगर कम करता है। आलूबुखारा फाइबर से भरपूर होता है, जो कार्ब्स खाने के बाद ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है। . आलूबुखारे में मौजूद फाइटोकेमिकल्स और पोषक तत्व हृदय रोग को ट्रिगर करने वाली सूजन को कम करते हैं।