हमें रोजमर्रा की गतिविधियों के लिए स्टेमिना की जरूरत होती है। अगर शरीर में पर्याप्त स्टेमिना है, तो आप अपने ज्यादा से ज्यादा काम बिना थके कर पाएंगी। लेकिन वही स्टेमिना की कमी महसूस होने पर शरीर में थकान, कमजोरी और सुस्ती जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। शरीर का स्टेमिना बनाए रखने के लिए व्यायाम के साथ हेल्दी डाइट भी जरूरी होती हैं। लेकिन कई बार डाइट और एक्सरसाइज रिजिम के बाद भी हमारे स्टेमिना में कमी आने लगती है। ऐसे में काम आती हैं सदियों से अपनाई जा रही आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां। आयुर्वेद में प्राकृतिक जड़ी-बूटियों को ही औषधि माना गया है। जो किसी भी स्वास्थ्य समस्याओं को जड़ से खत्म करने में मदद करती हैं। आज इस लेख में ऐसी ही आयुर्वेदिक हर्ब (herbs to boost stamina) पर बात करेंगे जो प्राकृतिक रूप से स्टेमिना बढ़ाने में आपकी मदद कर सकती है।
अश्वगंधा में आवश्यक मात्रा में एंटीआक्सीडेंट होने के साथ कार्बोहाइड्रेट, डाईट्री फाइबर और प्रोटिन भी होता है। साथ ही इसमें हीट शॉक प्रोटीन, कॉर्टिसोल जैसे कई आवश्यक प्रोटीन पाए जाते हैं। जो इम्युनिटी बूस्ट करने के साथ स्टेमिना बढ़ाने में मदद कर सकता है।
आयुर्वेदा ट्रीटमेंट ऑफ सेंटर के मुताबिक अश्वगंधा का सेवन फिजिकल और मेंटल हेल्थ बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही शरीर का मेटाबोलिज्म बढ़ाकर स्टेमिना बनाए रखने में मदद करता है।
ब्राह्मी आयुर्वेद में पाई गई एक ऐसी जड़ी बूटी है, जो आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद कर सकती है। यह आपके लिए एक बेहतरीन मेमोरी बूस्टर होने के साथ ब्रेन पॉवर बढ़ाने और बॉडी कॉर्डिनेशन में सुधार करता है। ब्राह्मी का सेवा अल्जाइमर की समस्या से लेकर वृद्धावस्था तक सभी के लिए फायदेमंद है।
आयुर्वेद के मुताबिक अगर प्रतिदिन ब्राह्मी चूर्ण का सेवन किया जाए, तो यह आपके एनर्जी लेवल के साथ स्टेमिना को बनाए रखने में लाभदायक हो सकता है।ब्लेस्ड ओरिएंटेशन-मेमोरी कॉनसन्ट्रेशन टेस्ट की एक स्टडी में सामने आया कि ब्राह्मी का सेवन सुनने और बोलने की शक्ति को भी बेहतर बनाए रख सकता है।
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शतावरी को एक एडाप्टोजेनिक हर्ब माना गया है, जो शारीरिक और भावनात्मक तनाव को कम करने में मदद कर सकती हैं। आयुर्वेद में शतावरी को जड़ी-बूटियों की रानी भी माना गया है। क्योंकि यह कई बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए रामबाण की तरह काम करती है। क्लीनिकल स्टडी में पाया गया है कि शतावरी महिलाओं में स्टेमिना बढ़ाने के साथ कई समस्याओं में मददगार साबित होती है।
वेबमेड सेंट्रल की रिसर्च के मुताबिक शतावरी में स्ट्रांग एंटीओक्सीडेंट होने के साथ एंटीवायरल गुण भी पाए गए हैं। जो इम्युन सिस्टम को बेहतर बनाए रखने के साथ शरीर की शक्ति बढ़ाने में मदद करती है।
शिलाजीत एक आवश्यक प्राकृतिक औषधि है, जिसे कई समस्याओं को जड़ से खत्म करने के लिए फायदेमंद माना गया है।
पबमेड सेंट्रल की रिसर्च के मुताबिक शिलाजीत में फुल्विक एसिड जो एंटी एंटीओक्सीडेंट होने के साथ एंटी इंफ्लेमेटरी कम्पाउंड है। सही मात्रा में पाया गया है, जिससे इसका सेवन एजिंग प्रोसेस को धीमा करने के साथ लंबी उम्र के लिए फायदेमंद है। रिसर्चगेट की एक स्टडी के मुताबिक शिलाजीत का सेवन शरीर में आयरन की कमी को पूरा कर सकता है। जो कमजोरी थकान, स्टेमिना की कमी का बड़ा कारण होता है।
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कस्टमाइज़ करेंगोक्षुरा एक पत्तेदार पौधा होता है, जिसे ट्रिब्युलस टेरेस्ट्रिस के नाम से भी जाना जाता है। सदियों से आयुर्वेद में गोक्षुरा का इस्तेमाल कई प्रकार के विकारों के लिए किया जाता था। जैसे कि किडनी से जुड़ी समस्या में करते थे। आयुर्वेदा ट्रीटमेंट ऑफ सेंटर के अनुसार बॉडी का स्टेमिना बढ़ाने और बूस्ट करने के लिए गोक्षुरा असरदार माना गया है। इसके साथ ही यह बोन हेल्थ बेहतर बनाने में भी फायदेमंद हो सकता है।
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