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अल्जाइमर और मेमोरी लॉस के जोखिम से बचा सकती हैं आपकी रसोई में मौजूद ये 5 आयुर्वेदिक हर्ब्स

धीरे-धीरे याद्दाश्त का इस कद्र गुम हो जाना कि व्यक्ति अपने आप को भी भूल जाए, किसी के लिए भी खतरनाक स्थिति हो सकती है। अल्जाइमर रोग में होने वाली इस समस्या से आप समय रहते बच सकते हैं।
अल्जाइमर रोग में होने वाली इस समस्या से आप समय रहते बच सकते हैं। चित्र : शटरस्टॉक
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वर्ल्ड अल्जाइमर डे 2021 (World Alzheimer’s Day 2021) का उद्देश्य इस बीमारी के बारे में जागरुकता बढ़ा कर इसकी रोकथाम के उपाय खोजना है। अल्जाइमर रोग (Alzheimer’s Disease) में याद्दाश्त धीरे-धीरे (Memory Loss) खोने लगती है। मगर वैज्ञानिक मानते हैं कि आयुर्वेद में मौजूद कुछ हर्ब्स संज्ञानात्मक हानि (Cognitive Loss) को रोक सकती हैं। आप जानकर हैरान होंगी, कि आयुर्वेद की ये महान जड़ी-बूटियां (Great Ayurvedic Herbs) आपकी रसोई में ही मौजूद हैं। आइए जानते हैं इन आयुर्वेदिक हर्ब्स के बारे में जो आपकी मेमोरी बूस्ट कर डिमेंशिया और अल्जाइमर्स रोग से बचा सकती हैं।

क्या कहते हैं शोध

इंटरनेशनल जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन के अनुसार, कई आयुर्वेदिक हर्ब्स या जड़ी -बूटियां अल्जाइमर रोग और न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों को रोक सकती हैं। आपकी रसोई में मौजूद ये हर्ब्स आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित हैं, जिनका सेवन नियमित तौर पर आहार में शामिल करके किया जा सकता है।

यहां हैं आपकी याद्दाश्त और संज्ञानात्मक क्षमता पर सकारात्म्क प्रभाव डालने वाली 5 जड़ी-बूटियां या मसाले

1. दालचीनी (Cinnamon)

दालचीनी ऐसा मसाला है, जो हर घर में मौजूद होता है। वृद्ध वयस्कों और प्री-डायबिटिक लोगों के लिए दालचीनी फायदेमंद साबित हो सकती है, क्योंकि इसमें प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स में ब्लड सर्कुलेशन सुधारने की क्षमता होती है, जो मस्तिष्क की कार्य प्रणाली को सही रखता है।

यह कोलेस्ट्रॉल, फास्टिंग ग्लूकोज और एचबीए1सी के स्तर को कम करने और इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने के लिए भी दिखाया गई है।

2. हल्दी (Turmeric)

2010 में प्रकाशित एक समीक्षा के अनुसार, प्रारंभिक शोध से पता चलता है कि हल्दी मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकती है और बीटा-एमिलॉइड (एक प्रोटीन टुकड़ा) के मस्तिष्क को साफ करके अल्जाइमर रोग को दूर कर सकती है।

अल्जाइमर में हल्दी बहुत फायदेमंद है। चित्र- शटरस्टॉक।

बीटा-एमिलॉइड के निर्माण को अल्जाइमर से संबंधित मस्तिष्क पट्टिका बनाने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा, हल्दी मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं के टूटने को रोककर मस्तिष्क के स्वास्थ्य की रक्षा कर सकती है।

3. केसर (Saffron)

2016 के एक अध्ययन में पाया गया कि केसर अल्जाइमर रोग से ग्रसित लोगों में याददाश्त में सुधार कर सकता है। इसके अलावा, ईरान में तेहरान विश्वविद्यालय में कई अध्ययनों में पाया गया कि केसर हल्के से मध्यम अवसाद वाले लोगों के इलाज में अवसादरोधी दवा के रूप में प्रभावी था। अवसाद स्मृति समस्याओं और भूलने की बीमारी से जुड़ा है।

4. थाइम (Thayme)

यह स्वादिष्ट जड़ी बूटी मस्तिष्क में न्यूरॉन्स को समय से पहले बूढ़ा होने से बचाने में मदद करती है। यह मस्तिष्क में सक्रिय ओमेगा -3 डीएचए (डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड) की मात्रा को भी बढ़ाता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड स्मृति, फंकशन और मूड को बढ़ा सकता है और मस्तिष्क शोष को कम कर सकता है।

मन को शांत रखने के लिए अश्वगंधा आपकी मदद कर सकता है आपकी मदद। चित्र-शटरस्टॉक

5. अश्वगंधा (Ashwagandha)

2015 में अल्जाइमर रोग की पत्रिका बताती है कि अश्वगंधा ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके मस्तिष्क को लाभ पहुंचा सकता है। यह एक कारक जो अल्जाइमर रोग के विकास और प्रगति में योगदान कर सकता है। इतना ही नहीं, यह मस्तिष्क को मजबूती प्रदान करता है, जो वृद्धावस्था में बहुत ज़रूरी है।

यह भी पढ़ें : World Alzheimer’s Day: आपके अकेलेपन के साथ बढ़ सकता है अल्जाइमर्स और डिमेंशिया का जोखिम

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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