भारत में मोटा अनाज कहे जाने वाले कई अनाज हैं। पोषक तत्वों से भरपूर ये अनाज शरीर का कई रोगों से बचाव करते हैं और शरीर को स्वस्थ रखते हैं। ऐसा ही एक मोटा अनाज है रागी (Finger Millet)। भारत में रागी का प्रयोग ईसा पूर्व काल से किया जाता रहा है। पोषक तत्वों की मौजूदगी की वजह से जाड़े के दिनों में रागी की खपत बढ़ जाती है। इसकी कुछ रेसिपी बहुत स्वादिष्ट लेकिन पौष्टिक होती है। यहां तक कि डायबिटीज के पेशेंट भी इन्हें अपनी डाइट में शामिल (Ragi Recipes for Diabetes) कर सकते हैं। रागी रेसिपी जानने से पहले आइये जानते हैं रागी के फायदों के बारे में।
रागी बाजरा परिवार का सदस्य है। अन्य सदस्यों की तुलना में रागी (Finger Millet) में सबसे अधिक कैल्शियम (344 मिलीग्राम%) और पोटेशियम (408 मिलीग्राम%) पाया जाता है। इनके अलावा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, डायटरी फाइबर भी पाए जाते हैं। इसमें विटामिन बी के घटक थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, फोलिक एसिड, आयरन और फास्फोरस भी पाए जाते हैं।
रागी के फायदों पर एस शोभना, के कृष्णस्वामी, वी सुधा, आरएम अंजना आदि शोधकर्ताओं के शोध आलेख पबमेड सेंट्रल में शामिल किये गये। शोधकर्ताओं ने अन्य अनाज से रागी की तुलना की। उन्होंने पाया कि सफेद चावल, गेहूं, जौ, पर्ल मिलेट की तुलना में फिंगर मिलेट यानी रागी में हाई डायटरी फाइबर, मिनरल्स और सल्फर युक्त अमीनो एसिड अधिक मात्रा में मौजूद होते हैं। फिंगर मिलेट को मिलिंग, माल्टिंग, फर्मेंटेशन, पॉपिंग और डिकॉर्टिकेशन द्वारा संसाधित किया जाता है। यही वजह है कि नूडल्स, सेवई, पास्ता, हलवा मिक्स, पापड़, सूप और फिंगर मिलेट से बने बेकरी उत्पाद भी अब खूब बनने लगे हैं।
रागी पर किये गये अध्ययन बताते हैं कि फिंगर मिलेट में एमिनो एसिड, फायटोकेमिकल, पोलिफिनॉल और फाइबर की मौजूदगी ब्लड ग्लूकोज लेवल को कम करते हैं। यही वजह है कि रागी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) कम होता है। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी मदद करते हैं। इसमें एंटीअल्सरेटिव, घाव भरने वाला गुण भी पाया जाता है। डायबिटीज के मरीज रोजाना या अल्टरनेट डे पर 10-20 ग्राम रागी का सेवन कर सकते हैं। यदि रागी को भिगोकर खाया जाए, तो इसका फायदा बढ़ जाता है।
सामग्री : 1 कप रागी, 10 बादाम, 10 अखरोट, 5 काजू, हाफ कप मखाना
इस तरह तैयार करें रागी माल्ट
एक पैन में सभी सामग्रियों को बिना तेल घी के हल्का भून लें। इसे मिक्सी में पीस कर पाउडर तैयार कर लें।
गर्म पानी या दूध के साथ इसे ले सकती हैं। यदि पानी के साथ ले रही हैं, तो इसमें नमक और नींबू रस डालकर चटपटा बना सकती हैं। चीनी एड कर इसे बच्चों को भी दे सकती हैं। विटामिन, पोटेशियम और कैल्शियम की मौजूदगी उनके शरीर और दिमाग को मजबूत बनाएगी।
रोटी या परांठे बनाने के लिए हमेशा गर्म पानी के साथ रागी का आटा गूंथें। इससे रोटी या परांठा मुलायम हो पाता है। परांठे के लिए आटे में नमक, आजवाइन, कलौंजी डाल सकती हैं।
यह गट हेल्थ के लिए बढ़िया होगा।
इस तरह तैयार करें रागी रोटी या परांठे
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कस्टमाइज़ करेंगूंथे हुए आटे से छोटी-छोटी लोई बनाएं और उन्हें आराम से बेल लें।
बस साधारण रोटी की तरह इन्हें पकाएं।
चाहें तो इस पर घी या ऑयल लगाकर रागी का पराठा भी बना सकती हैं।
एक बाउल रागी के आटे में कद्दूकस की हुई मौसमी सब्जियां डालें।
गाजर, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, फूल गोभी, प्याज मिला सकती हैं।
1 इंच अदरक, 4-5 कली लहसुन भी घिसकर डाल दें।
स्वादानुसार नमक और एक बाउल दही डालकर अच्छी तरह मिला दें। पानी डालकर इसका बैटर तैयार करें।
इडली स्टेंड में डालकर पका लें।
सांभर या नारियल की चटनी के साथ खाएं।
चाहें तो इसे डोसा फॉर्म में भी खा सकती हैं।
सामग्री : रागी आटा, पानी, आर्टिफिशियल शुगर, इलायची, बादाम पाउडर
इस तरह तैयार करें रागी का हलवा
मीडियम फ्लेम पर 1 बाउल रागी आटे को बिना घी के भूनें।
जब सोंधी खुशबू आने लगे, तो 5 बाउल पानी एड करें।
लो फ्लेम पर अच्छी तरह पकाकर आर्टिफिशियल शुगर डालें।
एक टी स्पून काऊ घी डालकर फ्लेम बंद कर दें।
बादाम पाउडर और इलायची पाउडर छिड़ककर थोड़ी देर ढंक कर छोड़ दें।
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