एक समय के बाद शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं, जिनकी वजह से पाचन संबंधी परेशानी, स्किन एक्ने और ब्रेकआउट सहित सिर दर्द आदि का सामना करना पड़ सकता है। इन सभी परेशानियों से बचने के लिए शरीर को डिटॉक्स की आवश्यकता होती है। एक स्वस्थ जीवन के लिए बॉडी डिटॉक्स बहुत जरूरी है। वहीं आयुर्वेद भी इस बात का समर्थन करता है। आयुर्वेद के अनुसार 3 ऐसी महत्वपूर्ण सब्जियां हैं, जिनके सेवन से आप अपने शरीर को आसानी से डिटॉक्स कर सकती हैं।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉक्टर चैताली राठौर ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए 3 ऐसी खास सब्जियों के नाम सुझाए हैं, जिनके सेवन से आपको अपने बॉडी को पूर्ण रूप से डिटॉक्स करने में मदद मिलेगी। तो चलिए जानते हैं, ये सब्जियां आपकी सेहत के लिए किस तरह से काम करती हैं (natural remedies to detox body)।
सैकड़ों स्वास्थ्य लाभों से भरपूर शीतकालीन लौकी, केवल एक अच्छी सब्जी नहीं है बल्कि आयुर्वेद में इसे एक बेहतरीन औषधि के रूप में भी जाता है। इसे संस्कृत में कुसमांडा कहा जाता है, यह किसी भी स्थानीय भारतीय सब्जी बाजार में आसानी से उपलब्ध होता है। खाली पेट लौकी का रस पीने से बॉडी में डिटॉक्सिफिकेशन प्रोसेस बूस्ट हो जाता है, जिससे की शरीर में मौजूद अधिक से अधिक टॉक्सिन्स को बाहर निकाला जा सके। यह शरीर से टॉक्सिक पदार्थों और वेस्ट मटेरियल को बाहर निकालने में सहायता करता है।
ताज़ी लौकी के छिलके उतार दें और इसे ब्लेंड करें, अब छननी से छानकर लौकी के जूस को अलग निकाल लें।
सुबह नाश्ते से पहले 1 गिलास लौकी का रस लें।
सुबह-सुबह इसका सेवन आंत और मूत्राशय को साफ करने में मदद करेगा, साथ ही ऊर्जा शक्ति को बढ़ाते हुए, मेमोरी में सुधार करता है। साथ ही साथ वात-पित्त दोष को संतुलित करता है और समग्र सेहत के लिए बेहद कमाल का होता है।
आयुर्वेद में हम इसे शिग्रु कहते हैं, यह कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, प्रोटीन, विटामिन सी, विटामिन बी और अन्य बेहतरीन पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसका सेवन आपको कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। मोरिंगा की पत्तियां प्राकृतिक क्लींजर हैं और आपके बॉडी सिस्टम को डिटॉक्सीफाई करने में मदद करती हैं। इससे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है और विभिन्न प्रकार के संक्रमणों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। इतना ही नहीं इनके सेवन से शरीर में ऊर्जा का स्तर भी बढ़ जाता है।
मोरिंगा के डिटॉक्सिफाइंग इफेक्ट्स इसे टॉक्सिन्स को रिमूव करने के लिए बेहद खास बना देते हैं। मोरिंगा तेल और फाइबर आपके इंटेस्टाइन से वेस्ट और टॉक्सिक पदार्थों को साफ करने में मदद करते हैं। जब शरीर डिटॉक्स हो जाती है, तो आप खाद्य पदार्थों में मौजूद पोषक तत्वों को पूरी तरह से अवशोषित कर पाती हैं।
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बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए आप सहजन का सूप, जूस या करी बना सकती हैं और इसके स्वास्थ्य लाभों का आनंद ले सकती हैं। ठंड के मौसम में मोरिंगा के सूप का सेवन एक सबसे अच्छा विकल्प है। इसके अल्वा आप इसे अपनी नियमित करी बनाने में भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
अदरक को कफ और वात दोष के लिए एक सर्वोत्तम आयुर्वेदिक मसाला माना जाता है। वहीं यह कब्ज से राहत दिलाता है, पुरानी सांस की बीमारी, अस्थमा, वजन घटाने, आंत की सफाई आदि में उपयोगी होता है। इन सभी स्वास्थ्य समस्यायों से डील करना तब ही मुमकिन हो पता है, जब आपके शरीर में टॉक्सिन्स नहीं होते। इसका मतलब अदरक बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन में भी आपकी मदद करता है।
पाचन, सर्कुलेशन और पसीने को उत्तेजित करके शरीर को डिटॉक्स करने की क्षमता के कारण अदरक का उपयोग अधिकांश डिटॉक्स प्रक्रियाओं में किया जाता है। अदरक की पाचन क्रियाएं कोलन, आंत, लिवर और अन्य अंगों में टॉक्सिक और वेस्ट पदार्थों के निर्माण को साफ करने का काम करती हैं।
प्रत्येक भोजन से पहले अदरक का एक छोटा टुकड़ा लें और इसे चबाएं। यदि आपको इसका स्वाद पसंद नहीं है, तो क्रश किये हुए अदरक में शहद मिलाएं और इसे लें।
इतना ही नहीं आप सुबह-सुबह अदरक की चाय से अपने दिन की शुरुआत कर सकती हैं। साथ ही नियमित व्यंजनों को तैयार करने में इसका इस्तेमाल करें।
नोट: एक्सपर्ट कहती हैं “भारत में हमने अभी-अभी दिवाली का त्योहार समाप्त किया है और आपमें से कई लोगों को अपने शरीर को डिटॉक्स करने की आवश्यकता होगी। इस सब्जियों का सेवन करना शुरू करें और 10 दिनों में बदलाव देखें और इन अद्भुत सब्जियों के स्वास्थ्य लाभों का आनंद लें।”
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