शहतूत गुडनेस और पोषक तत्वों से भरा हुआ फल हैं। इसके इतने सारे फायदे शायद अभी तक आप भी नहीं जानती होंगी। यह अंगूर की तरह बहुत स्वाद होते हैं और उनकी संरचना ब्लैकबेरी के समान ही होती है। इसके अलावा शहतूत के रूप में जाना जाने वाला यह फल कई पोषक तत्वों और विटामिन से भरा हुआ है। एक कप शहतूत में केवल 60 कैलोरी होती हैं, जो इसे एक आदर्श नाश्ता बनाती हैं।
शहतूत में मौजूद कार्बोहाइड्रेट शर्करा को ग्लूकोज में परिवर्तित करते हैं, जिससे कोशिकाओं को ऊर्जा मिलती है। शहतूत का सेवन करने से आपके शरीर के लिए आवश्यक आयरन की आपूर्ति होती है। इससे आपके ऊतकों को ऑक्सीजन भी मिलती है। उनमें रिबोफ्लेविन (जिसे विटामिन बी -2 भी कहा जाता है) भी होता है, जो आपके ऊतकों को मुक्त कणों से बचाता है और पूरे शरीर तक ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है
इतने सारे पोषक तत्वों से परिपूर्ण शहतूत फलों की दुनिया का ऑलराउंडर हैं। आइए जानते हैं शहतूत खाने के कुछ और लाभ
शहतूत में डायटरी फाइबर की एक अच्छी मात्रा होती है, जो हमारे शरीर के पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाने में मददगार होता है। यह बाउल मूवमेंट को तेज करता है, जिससे पाचन तंत्र द्वारा भोजन को एनर्जी में बदलने की प्रक्रिया तेज होती है। इस प्रक्रिया में कब्ज, सूजन और पेट की ऐंठन जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
इटली के एफ डी राइटिस इंस्टीट्यूट एंड कैथोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ सेक्रेड हार्ट द्वारा किए गए एक शोध में भी शहतूत की वेट लॉस क्षमता का समर्थन किया गया है। इस शोध के परिणामों के अनुसार जिन लोगों ने अपने दैनिक आहार की 1,300 कैलोरी में शहतूत को शामिल किया, तीन महीने की अवधि में उनके शरीर के कुल वजन का 10% कम हुआ।
इनमें कमर और जांघों पर जमी जिद्दी चर्बी का कम होना भी शामिल था। इस तरह शहतूत को अपनी डाइट में शामिल करने आप टोन्ड बॉडी पा सकती हैं।
यदि आप अपने शरीर में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना चाहती हैं, तो सफेद शहतूत उसका समाधान है। अध्ययनों से संकेत मिलता है कि सफेद शहतूत में ऐसे कुछ रसायन होते हैं जो टाइप -2 मधुमेह के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं के समान होते हैं।
शहतूत एंथोसायनिन से भरे हुए होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने नहीं देते। इनमें रिसवेरेट्रॉल होता है, जो एंटी कैंसर प्रोपर्टीज के कारण जाना जाता है। यह कोलन कैंसर, स्किन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और थॉयराइड से बचाने में मददगार होता है।
शहतूत एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो ब्लड वेसल्स की कार्यप्रणाली में सुधार करते हैं। जिससे रक्त संचरण भी ज्यादा सुगम हो जाता है। शहतूत में आयरन पर्याप्त मात्रा में होता है, यानी इनके सेवन से लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण बढ़ता है और ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है।
शहतूत में मौजूद पॉलीफेनॉल्स ब्लड वेसल्स को हेल्दी रखते हैं और इसमें मौजूद पोटेशियम उच्च रक्त चाप से बचाता है।
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कस्टमाइज़ करेंशहतूत मैक्रोफेज में मौजूद अल्कलॉइड को सक्रिय बनाते हैं जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शहतूत में मौजूद विटामिन सी एक अन्य तत्व है जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए जाना जाता है।
विटामिन के, कैल्शियम और आयरन का संयोजन शहतूत को बोन टिश्यू के निर्माण और बोन हेल्थ को मजबूत बनाने के लिए जाना जाता है। शहतूत में मौजूद ये खास तत्व उम्र के साथ होने वाले बोन्स के नुकसान को कम करते हैं। जिससे हड्डियों संबंधी विकार जैसे ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया आदि नहीं होते।
एक स्वस्थ मस्तिष्क के लिए जरूरी कैल्शियम शहतूत में पाया जाता है। यह मस्तिष्क के लिए एंटी एजिंग प्रोपर्टीज में मददगार होता है, जिससे हमारा ब्रेन लंबे समय तक युवा बना रहता है। यह हमें सजग और सतर्क बनाकर अल्जाइमर जैसे मस्तिष्क संबंधी विकारों से बचाए रखता है।
शहतूत में भरपूर मात्रा में आयरन मौजूद होता है, जो लिवर की सेहत को बनाए रखने के लिए जरूरी है। शहतूत का सेवन करने से लिवर में मौजूद रक्त शुद्ध होता है जिससे उसकी सेहत बनी रहती है।
अगर आप अकसर फ्लू की शिकार हो जाती हैं, तब भी आपको शहतूत जरूर खाना चाहिए। सफेद शहतूत प्रकृति में कसैले हैं और बैक्टीरिया को मारने में मददगार होते हैं। जिससे आपको फ्लू और ठंड से राहत मिलती है। उनमें फ्लैवोनोइड्स भी होते हैं, जिससे यह आपके स्वास्थ्य के लिए और भी ज्यादा लाभदायक होते हैं।
शहतूत में रिवर्सेटोल होता है, जो अपने एंटी इंफ्लामेटरी गुणों के लिए जाने जाते हैं। उनमें मौजूद एंथोकायनिन सूजन को रोकने में मदद करते हैं और इसलिए एलोपैथिक दवा के विकल्प के रूप में इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।