“मां के हाथ का राजमा चावल” अपने आप में एक इमोशन है! बहुत सारे उत्तर भारतीय घरों में, इस प्यारे कॉम्बिनेशन के बिना वीकेंड लंच अधूरा है। वाकई में राजमा चावल से कितने सारे इमोशन जुड़े हुए हैं। इससे हमारी बचपन की यादें जुड़ी हुई हैं। जैसे स्कूल की कैंटीन में गरमा गरम राजमा चावल की थाली खाना, हर सनडे को दोपहर के लंच में राजमा चावला की फर्माइश करना। यह वाकई में एक कम्फर्ट फूड है। मगर क्या आप जानती हैं कि अपनी वेट लॉस जर्नी में आपको इसे छोड़ने की ज़रूरत नहीं है। राजमा चावल आपके डाइट में शामिल करने के लिए सबसे सही है, खासकर शाकाहारियों के लिए।
यहां तक कि शिल्पा शेट्टी कुंद्रा ने भी एक बार इस अहसास का खुलासा किया था कि उन्हें “वजन कम करने के लिए शतावरी और क्विनोआ” की आवश्यकता नहीं है। बस घर के बने राजमा चावल यह कमाल कर सकते हैं। यह सभी नौ अमीनो एसिड के साथ एक पौष्टिक भोजन है।
राजमा मुख्य रूप से लाल राजमा प्याज, टमाटर, लहसुन और मसालों के साथ पकाया जाता है। सफेद, भूरा या लाल राजमा भी उपलब्ध है जिसे आप अपने लिए बना सकती हैं! आपको यह लग सकता है कि राजमा के साथ रोटी खाना बेहतर रहेगा लेकिन ऐसा नहीं है मॉडरेशन सबसे ज़्यादा ज़रूरी है। यही कारण है कि हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप अपने पॉर्शन साइज़ को नियंत्रित करने के लिए एक बोल का उपयोग करें।
प्रसिद्ध पोषण विशेषज्ञ और लेखक कविता देवगन हेल्थ शॉट्स बताती हैं – दिलचस्प बात यह है कि राजमा चावल अनाज भी है और बीन भी, जिसकी वजह से हमें इसका सेवन करने पर प्रोटीन की भरपूर खुराक मिलती है। साथ में, वे सभी आवश्यक अमीनो एसिड बनते हैं। इसका उच्च प्रोटीन स्तर (अमेरिका के कृषि विभाग के अनुसार 100 ग्राम में 9 ग्राम) बहुत ज़्यादा है जिससे आपको जल्दी भूख नहीं लगती है।
राजमा चावल अपने आप में पर भरने वाला भोजन होने के साथ-साथ एक मूड-लिफ्टर भी है। देवगन का कहना है कि यह घुलनशील फाइबर से भरा हुआ है, जो इसे गट हेल्थ के लिए फायदेमंद बनाता है और कोलेस्ट्रॉल भी कम करता है। इसकी उच्च फाइबर सामग्री राजमा को मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा बनाती है।
क्या आप जानते हैं कि 100 ग्राम उबले हुए राजमा में 405 मिलीग्राम पोटैशियम होता है। पोटेशियम का सेवन रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार उच्च रक्तचाप के प्रबंधन में पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ महत्वपूर्ण हैं। यह रक्त वाहिकाओं की दीवारों में तनाव को भी कम करता है, जिससे रक्तचाप कम होता है।
देवगन कहती हैं कि राजमा में मोलिब्डेनम की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो एक दुर्लभ खनिज है जो अक्सर आयरन और तांबे के अलावा खाद्य पदार्थों में नहीं पाया जाता है। यह कैल्शियम का भी एक बड़ा स्रोत है, जो व्यापक रूप से हड्डियों को मजबूती देने के लिए जाना जाता है।
अगर हम उपरोक्त फ़ायदों को ध्यान में रखते हुये बात करें तो राजमा चावल, वज़न घटाने के साथ – साथ डायबिटीज़ में भी फायदेमंद है। यह हृदय और कोलेस्ट्रॉल के रोगियों के लिए भी अनुकूल है, और इसकी फोलिक एसिड सामग्री इसे गर्भवती महिलाओं के लिए सही बनाती है।
राजमा बनाते समय हमेशा चुटकीभर हींग ज़रूर डालें, इससे गैस नहीं बनती है।
एक बार में केवल एक मीडियम बोल में राजमा लें।
इसे लंच में ही खाएं क्योंकि राजमा को पचने में समय लगता है।
आप अलग-अलग रूपों में सप्ताह में तीन बार लाल राजमा खा सकती हैं। कभी-कभी, सिंपल राजमा चावल के रूप में और कभी, राजमा से बने ब्रूसचेट्टा, टिक्की या सलाद का भी सेवन किया जा सकता है!
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