अगर आपको ऐसा लगता है चाय दुनिया के बेहतरीन पेय में से एक है, तो हम आपका समर्थन करते हैं। चाय में मौजूद कैफीन और टैनिन शरीर में चुस्ती-फुर्ती ला देते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद अमीनो-एसिड मस्तिष्क को शांत करता है, जिससे आप ज्यादा एक्टिवली अपना काम कर पाते हैं। इसकी एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-ऑक्सीडेंट प्रोपर्टीज इम्यूनिटी बूस्ट कर शरीर को बाहरी संक्रमणों से मुकाबला करने के लिए तैयार करती हैं।
यही वजह है कि हमें अब तक दुनिया के नक्शे में ऐसा कोई देश नजर नहीं आया जहां किसी भी फॉर्म में चाय न पी जाती हो। आपको नजर आए, तो बताइएगा। हम जानना चाहेंगे कि वहां के लोग चाय के बिना कैसे खुद को चुस्त-दुरुस्त रख पाते हैं।
पहले पहल असम के कबीलाई लोग किसी स्थादनीय झाड़ी की पत्तियां उबाल कर पिया करते थे। 1815 में अंग्रेज यात्रियों ने जब यह कबीलाई पेय पिया तो इन्हें इसका स्वाद काफी भला और एनर्जेटिक लगा। इसके काफी बरसों बाद 1835 में भारत वृहत स्तर पर असम में चाय के बागान लगा कर चाय का उत्पादन बढ़ाने की शुरूआत हुई।
और आज चाय हमारे जीवन का हिस्सा बन चुकी है। बेड टी (Bed Tea) से लेकर ईवनिंग स्नैक्स (Evening snacks) तक हमारे पास चाय पीने के कई अंदाज और कई बहाने हैं।
कोरोनावायरस महामारी के समय में चाय एक बार फिर से बेमिसाल साबित हुई है। आईआईटी दिल्लीव के शोधकर्ताओं ने यह दावा किया है कि चाय और हरड़ में वह खासियत है जो कोरोनावायरस को अपनी कॉपी तैयार करने यानी वायरस में बढ़ोतर करने से रोक सकती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक ट्वीट में भी इस बात की पुष्टि की गई है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के शोध में कहा गया है कि चाय और हरड़ कोविड-19 के मुख्य प्रोटीन की वृद्धि को रोकने में कारगर साबित हो सकते हैं। आईआईटी के कुसुमा स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज (KSBC) के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 वायरस के मुख्य प्रोटीन के क्लोन पर 51 औषधीय पौधों के प्रभाव का अध्ययन किया।
इनमें दो पौधे चाय और हरड़ इस प्रोटीन की वृद्धि को रोकने में सक्षम पाए गए। ये दोनों ही वायरस की मारक क्षमता कम कर देते हैं।
शोधकर्ताओं ने बताया कि ग्रीन टी एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है और यह कोलेस्ट्रोल व ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मददगार है। वहीं ब्लैक टी (Black Tea) हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immunity) में सुधार करती है।
ताजा पीली काली चाय में टैनिन होता है जो इसे बेहतरीन स्वाद देता है जिससे इन्फ्लूएंजा, हेपेटाइटिस जैसे वायरस से लड़ने में भी मदद मिलती है।
इस शोध का नेतृत्व कर रहे प्रो. अशोक कुमार पटेल ने बताया कि कोविड-19 वायरस (SARs-Cov-2) के मुख्य प्रोटीन का लैब में क्लोन तैयार किया गया और इस पर 51 औषधीय पौधों का उपयोग किया गया। शोधकर्ताटों ने बताया कि कोविड-19 का मुख्य प्रोटीन मनुष्योंा के शरीर में प्रवेश करने के बाद अपनी नकल बनाने लगता है।
ग्रीन टी, ब्लैक टी व हरड़ इसकी नकल बनाने की प्रक्रिया को रोकने में कारगर हैं। यह शोध जीव विज्ञान की अंतरराष्ट्रीय पत्रिका-फाइटोथेरेपी रिसर्च में प्रकाशित हो चुका है।
प्रो. अशोक ने कहा कि इस शोध के बाद इन दोनों औषधीय पौधों का कोविड-19 से संक्रमित मरीजों पर इस्तेमाल करने के लिए क्लीनिकल ट्रायल जरूरी है। हालांकि कोरोना वायरस के मरीजों पर इसका ट्रायल किया जाना अभी बाकी है। पर तब तक आप चाहें तो चाय पीकर अपनी इम्यूनिटी बढ़ा सकती हैं।