कच्ची इमली, इमली का पानी, इमली की रसम और इमली की चटनी… आपकी मेमोरीज में इमली के ऐसे कई स्वाद हो सकते हैं। किसी भी व्यंजन को टैंगी टेस्ट देना हो तो इमली से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता। पर क्या आप जानती हैं कि खटास से भरी यह छोटी सी इमली आपके लिए कितनी फायदेमंद है? आइए हम बताते हैं आपको विस्तार से –
इमली को उसके खट्टे स्वाद के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। खासतौर से दक्षिण भारत में और कोस्टल एरिया में रहने वाले लोगों के भोजन में इमली का खूब इस्तेमाल किया जाता है। यह उनकी स्किन को समुद्र की नमकीन हवाओं से होने वाले नुकसान से बचाए रखने में मदद करती है। इसका वैज्ञानिक नाम टैमरींडस इंडिका (Tamarindus indica) है।
इमली को पोषक तत्वों का खजाना कहा जाता है। इसमें विटामिन सी (Vitamin C), ई (Vitamin E) और बी (Vitamin B) के साथ ही कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस, आयरन, मैंगनीज और फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स बाहरी संक्रमणों से आपकी रक्षा करने में कामयाब होते हैं।
इमली को आयुर्वेद में औषधि के रूप में शामिल किया गया है। खासतौर से कच्ची इमली खाने से एसिडिटी और खून संबंधी विकारों को दूर किया जा सकता है। जबकि पकी हुई इमली पाचनतंत्र और कफ-वात विकार से होने वाली समस्याओं से बचाती है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह भी सामने आया कि इमली का उपयोग बच्चों की आंत में होने वाले कीड़ों को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है।
अगर आप वजन कम करने की सोच रहीं हैं तो आपको अपने आहार में इमली को जरूर शामिल करना चाहिए। यह आपकी वेटलॉस जर्नी में आपकी मदद कर सकती है। इमली में हाइड्रोसिट्रिक नामक एसिड होता है, जो फैट बर्न करने का काम करता है। इमली आपकी क्रेविंग को कंट्रोल करती है। जिससे आप ओवरईटिंग से बच जाती हैं और आपका वजन नहीं बढ़ता।
हालांकि इस संदर्भ में अभी तक कोई शोध नहीं किया जा सका है। पर आयुर्वेद के जानकार मानते हैं कि इमली एंटी कैंसर फूड है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स में टैरट्रिक एसिड होता है। टैरट्रिक एसिड शरीर में कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है।
इमली मधुमेह के रोगियों के लिए भी फायदेमंद है। यह डायबिटीज को कंट्रोल करने में मददगार साबित होती है। जब आप अपने आहार में इमली को शामिल करती हैं तो यह कार्बोहाइड्रेट्स को एबजॉर्ब होने से रोकती है। जिसके चलते ब्लड में शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। अगर आपको लग रहा है कि आप डायबिटीज की बॉर्डर लाइन पर पहुंच रहीं हैं या आपको अपनी शुगर कंट्रोल करने की जरूरत है तो आपको अपने आहार में इमली का रस या इमली से बने व्यंजन जरूर शामिल करने चाहिए।
इमली कच्ची और पकी दोनों ही तरह की लीवर के लिए काफी फायदेमंद होती है। अगर आपको ऐसा लगता है कि आपका मेटाबॉलिज्म कमजोर हो रहा है, तो आपको इमली को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। यह चयापचय को दुरुस्त कर वजन घटाने के साथ ही पाचन संबंधी समस्याओं से भी छुटकारा दिलाती है।
हाई और लो दोनों ही तरह का ब्लड प्रेशर नुकसानदायक साबित होता है। अगर आप इसे नियंत्रण में रखना चाहती हैं तो अपने आहार में इमली को शामिल करें। इमली में मौजूद आयरन और पोटेशियम ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के साथ ही रेड ब्लड सेल्स के निर्माण में सहायक होते हैं।
पर ध्यान रहे
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंइमली का सेवन नियंत्रित मात्रा में ही करना चाहिए। इसका ज्यादा सेवन करने से आपको अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। अगर आप स्तनपान करवाती हैं, माहवारी में हैं या किसी बीमारी के उपचार के लिए दवा खा रहीं हैं, तो आपको इमली का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए।