सावन का महीना शुरू हो चुका है। धार्मिक महत्व का महीना कहलाने के कारण इस महीने में बहुत सारे लोग न सिर्फ उपवास रखते हैं, बल्कि नॉन-वेज, वाइन यहां तक कि गर्म आहार का सेवन भी बंद कर देते हैं। जबकि कुछ लोग सात्विक आहार (Satvik aahar benefits) पर स्विच करते हैं। क्या है सात्विक आहार और ये कैसे आपके लिए फायदेमंद है, आइए जानते हैं एक्सपर्ट से।
आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार, आषाढ़ और सावन का महीना बारिश का महीना कहलाता है। इस मौसम में हमारा पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है और कई तरह की संक्रामक बीमारियां फैलने का भी डर रहता है। इसलिए ताजा और सुपाच्य भोजन लेने के अलावा, शरीर को डिटॉक्स करने के लिए सप्ताह में एक दिन उपवास रखने पर भी जोर दिया जाता है।
इससे न सिर्फ हमारा मन तनाव मुक्त होता है, बल्कि शरीर भी डिटॉक्स होता है। इस तरह का भोजन हमारे मन और शरीर के लिए कितना फायदेमंद है, इसके बारे में बंगलुरू के जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट की डायटीशियन सुषमा पीएस ने विस्तार से बताया।
यह शुद्ध भोजन है, जिसे हर कोई खा सकता है। यदि आप कम तेल-मसाले में खुश मन के साथ भोजन तैयार करती हैं, तो वह सात्विक कहलाएगा। विचारों का प्रभाव हमारे भोजन पर भी पड़ता है। सात्विक खाद्य पदार्थों का सेवन करने से आपको अपने मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन प्राप्त करने में मदद मिलती है। यह कुछ हद तक आपके योग अभ्यास में भी सुधार लाता है। यह हमारे शरीर को भरपूर पोषण देता है। हल्का भोजन पचाने में भी आसान होता है।
सुषमा पीएस कहती हैं, ‘जो भोजन शरीर पर न तो सकारात्मक और न ही नकारात्मक प्रभाव डालते हैं, उसे सात्विक प्रणाली के अनुसार, राजसिक भोजन(Rajasic Food) कहा जाता है। वहीं जब हम भोजन को प्याज, लहसुन और गर्म मसाले के साथ भूनते हैं, तो वह तामसिक भोजन (Tamasic Food) कहलाता है।
इसे शरीर के लिए पचाना कठिन हो जाता है।’ मेडिकल साइंस भी मानता है कि अधिक तेल-मसाले वाला भोजन, अत्यधिक शराब का सेवन ब्लड प्रेशर को बढ़ा देता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने पर व्यक्ति में क्रोध की प्रवृत्ति बढ़ सकती है। हल्के और आसानी से पचने वाले खाद्य पदार्थ सात्विक आहार के मूल सिद्धांतों का निर्माण करते हैं।
सुषमा पीएस कहती हैं, ‘हम जो भोजन करते हैं, वह मन और शरीर को संतुलित करता है। यह उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना योग और ध्यान। यदि संतुलित शरीर, मन, स्वास्थ्य और जीवन शक्ति प्राप्त करना चाहती, हैं तो सात्विक भोजन पर स्विच करें। प्याज-लहसुन से रहित भोजन को हम सात्विक भोजन कहते हैं।’
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन में प्रत्येक सप्ताह में 1 दिन का उपवास रखा जाता है। इस दौरान ऐसे फल और डेयरी प्रोडक्ट्स खाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को तो मजबूत बनाते हैं, लेकिन बॉवेल मूवमेंट में मदद कर बॉडी को डिटॉक्स करते हैं।
उपवास शरीर में उचित संतुलन बनाए रखने में सहायता करता है। यह विशेष रूप से मानसून में अधिक कारगर होता है, जब पर्यावरण में वाटरबॉर्न और एयरबॉर्न बैक्टीरियल इंफेक्शंस में वृद्धि हो जाती है। इसलिए इस अवधि के दौरान उपवास करने से न सिर्फ आपका शरीर डिटॉक्स होता है, बल्कि मन भी शांत होता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि डायबिटीज के मरीज उपवास न रखें। डॉक्टर की परामर्श से ही वे उपवास रखें।
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