ये 7 आयुर्वेदिक उपाय आपके माता-पिता को बढ़ती उम्र में भी रखेंगें स्ट्रॉन्ग

अपने माता-पिता की बढ़ती उम्र को, तो आप नहीं रोक सकते, लेकिन उनकी डाइट में यह आयुर्वेदिक औषधि शामिल कर आप उन्हें लम्बे समय तक स्वस्थ और तंदुरुस्त रख सकते हैं।
आयुर्वेद को चिकित्सा की सबसे लाभकारी प्रणालियों में से एक माना जाता है. चित्र- शटर स्टॉक।
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 21 Dec 2020, 21:15 pm IST
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याद है कैसे बचपन मे मम्मी-पापा आपके खानपान का ध्यान रखते थे ताकि आप स्वस्थ रहें। अब आप बड़े हो गए हैं और मां-बाप बूढ़े। अब आपका दायित्व है कि आप उनका ख्‍याल रखें।

अपने पेरेंट्स के स्वास्थ्य के लिए उनकी डाइट में इन 7 आयुर्वेदिक औषधियों को शामिल करें-

1. आंवला-

आंवला में भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। जर्नल ऑफ़ क्लीनिकल एडुकेशन के अनुसार आंवला कोलेस्ट्रोल कम करता है, इम्यूनिटी बढ़ाता है, पाचनतंत्र दुरुस्त रखता है, डायबिटीज नियंत्रण में रखता है, अस्थमा, खांसी, ज़ुखाम, कमजोरी और ओस्टियोपोरोसिस को दूर रखता है। यह सिर्फ़ आपके माता-पिता ही नहीं, आपके लिए भी बहुत फायदेमंद है। रोज़ सुबह खाली पेट आंवले का सेवन करना चाहिए।

आंवला है विटामिन सी का भंडार। चित्र- शटर स्टॉक।

2. अश्वगंधा-

अश्वगंधा मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है। यह तनाव और अवसाद को तो दूर रखता ही है, साथ ही उम्र के साथ कमजोर होती याद्दाश्त को भी रोकता है। अल्ज़ाइमर के लिए भी अश्वगंधा रामबाण इलाज है। नेचुरल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित स्टडी में पाया गया कि अश्वगंधा दिमाग को सुचारू रूप से फंक्शन करने में मदद करता है। यह कॉर्टिसोल (स्ट्रेस हॉर्मोन्स) को कम करता है, दिमाग का फोकस और मेमोरी इम्प्रूव करता है और हमें मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है।

3. जिन्सेंग-

हर्बल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित रिसर्च में सामने आया है कि जिन्सेंग डायबिटीज नियंत्रित करने में कारगर है। यह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है और इंसुलिन से प्रोडक्शन को भी मैनेज करने में सहायक है। डायबिटीज के साथ-साथ जिन्सेंग दिमाग की बीमारियों को भी कंट्रोल करता है जो बुढ़ापे में एक बड़ी समस्या है। जिन्सेंग पाउडर बाजार में आसानी से उपलब्ध है।

4. तुलसी-

तुलसी बहुत गुणकारी औषधि है, और हर उम्र के व्यक्ति के लिए लाभदायक है। तुलसी के सेवन से इम्यूनिटी बढ़ती है, ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है, डायबिटीज कंट्रोल रहती है, पाचनतंत्र दुरुस्त रहता है और सांस सम्बन्धी बीमारियां नहीं होतीं। इसके साथ ही तुलसी मुंह के स्वास्थ्य का भी सबसे अच्छा उपाय है।

नियमित सुबह खाली पेट 5-8 तुलसी की पत्ती खाने से हार्ट अटैक की संभावना कम होती है। चित्र- शटर स्टॉक

5. सौंफ़-

सौंफ़ में भरपूर मात्रा में विटामिन ए होता है इसलिए सौंफ़ का सेवन आंखों के लिए अच्छा होता है। साथ ही सौंफ़ हाजमा दुरुस्त रखती है, ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखती है और अस्थमा के लक्षण भी दूर करती है। हर दिन एक चम्मच सौंफ़ चबाने या पानी में उबालकर पानी पीने से इन सभी समस्याओं से निजात मिलेगी।

6. मेथी-

जर्नल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक शोध के अनुसार मेथी का पानी दिल के रोगों को दूर रखता है, डायबिटीज नियंत्रित करता है, मांसपेशियों के दर्द में राहत देता है, लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है और पेट साफ रखता है। रोज़ रात को एक मुट्ठी मेथी एक गिलास पानी मे भिगा दें, और सुबह उठकर वह पानी पी लें।

डायबिटीज नियंत्रण के लिए मेथी या मेथी के बीज को चुन सकते हैं। चित्र: शटरस्टॉक

7. तिल-

तिल हड्डियों की सभी समस्याओं के लिए बहुत फायदेमंद है। जोड़ों में दर्द से लेकर कमजोरी, बुढ़ापे में हड्डियों की समस्या बहुत बढ़ जाती है। तिल का सेवन इन सभी समस्याओं का निवारण करता है। तिल में कैल्शियम, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। इसलिए इन्हें भोजन में शामिल करने से हड्डियों की सभी समस्या दूर होती हैं। इन आयुर्वेदिक दवाओं को खाने से आपके मां-बाप बुढ़ापे में भी एकदम स्वस्थ रहेंगें।

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