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क्या आप हाइपोथायरोइडिज्‍़म से ग्रसित हैं? तो इन 6 फूड्स को करें आहार में शामिल

थायराइड ग्लैंड के ठीक से काम न करने पर वजन बढ़ने की समस्याप हो सकती है। शुक्र है हाइपोथायरोइडिज्‍़म डाइट का, जो इस समस्या से आपको निजात दिला सकती है।
Written by: Dr Lovneet Batra
Updated On: 10 Dec 2020, 12:50 pm IST
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मधुमेह को कंट्रोल करने में आहार पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है । चित्र: शटरस्‍टॉक

हमारा थायराइड ग्लैंड ठीक से काम न करे, तो हमें बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। थायराइड ग्लैंड तितली की तरह दिखता है, देखने में यह छोटा होता है लेकिन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मेटाबॉलिज्म से लेकर दिल, दिमाग और पेट के स्वास्थ्य को नियंत्रित करता है थायराइड ग्लैंड। थायराइड हॉर्मोन T3 और T4 ही यह निश्चित करते हैं कि कितनी जल्दी कोई भी सेल ऊर्जा बनाएगा। यानी कि थायराइड हमारे मेटाबॉलिज्म को पूरी तरह नियंत्रित करता है।

अगर आपका थायराइड ग्लैंड सामान्य से जरा भी इधर-उधर काम करने लगता है, तो मेटाबॉलिज्म पर सीधा असर पड़ता है। थायराइड हॉर्मोन कम निकलने पर मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है। इसे हाइपोथायरोइडिज्‍़म कहते हैं। दुनियाभर में 30 मिलियन से अधिक महिलाएं और 15 मिलियन से अधिक पुरुष इसके शिकार हैं। इससे थकान, रूखी त्वचा, मांसपेशियों में कमजोरी, मेमोरी लॉस, मूड सविंग्स और वेट गेन जैसी समस्याएं आती हैं।

हर व्यक्ति में इसका कारण अलग हो सकता है। वायरल इंफेक्शन, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर या हॉर्मोनल असंतुलन के कारण हाइपोथायरोइडिज़्इम हो सकता है। अगर पौष्टिक आहार और एक्सरसाइज के बावजूद आपका वेट बढ़ रहा है, तो हाइपोथायरोइडिज्‍़म के लिए बनी इस खास डाइट का लें सहारा।

हाइपोथायरोइडिज्‍़म डाइट से आप हाइपोथायरोइडिज्‍़म को कंट्रोल कर सकती हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

यह 6 पोषण तत्वों को अपने आहार में शामिल करें-

1. विटामिन डी

विटामिन डी की कमी ऑटोइम्यून थायराइड से होने वाली बीमारी जैसे हाशिमोतो थयरोइडाईटिस से जुड़ा है। विटामिन डी की कमी से शरीर मे TSH का लेवल बढ़ जाता है।
थायराइड हॉर्मोन्स बनाने के लिये विटामिन डी आवश्यक होता है और इसकी कमी में थायराइड ग्लैंड पर्याप्त हॉर्मोन नहीं बना पाते। शरीर में 25-हाइड्रोक्सी विटामिन डी का लेवल 40 से 60 ng/ml होना चाहिये।

स्रोत- अंडे का पीला हिस्सा, मछली, ऑर्गन मीट, मशरूम और धूप।

2. सेलेनियम

सेलेनियम की कमी से शरीर थायराइड हॉर्मोन का इस्तेमाल नहीं कर पाता है। सेलेनियम का इस्तेमाल बॉडी ग्लूटाथोइन नामक एक एंटीऑक्सीडेंट बनाने के लिए करती है। यह एंटीऑक्सीडेंट थायराइड ग्लैंड को सूजने से बचाता है।

स्रोत- काजू, ब्राज़ील नट, दाल, मशरुम, लैम्ब, अंडे और चिकन।

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3. जिंक

जिंक शरीर में T4 हॉर्मोन और T3 हॉर्मोन बनाता है। जिंक की कमी से हाइपोथायरोइडिज्‍़म हो सकता है। इसके साथ ही, चूंकि जिंक को सोखने के लिए थायराइड हॉर्मोन्स की ज़रूरत होती है, हाइपोथायरोइडिज्‍़म के कारण भी शरीर में जिंक की कमी हो सकती है। इसलिये जिंक के स्रोत को अपने आहार में शामिल करना बहुत ज़रूरी है।

जिंक हाइपोथायरोइडिज्‍़म को कंट्रोल करने में मददगार है। चित्र: शटरस्‍टॉक

स्रोत- मशरूम, साबुत अनाज, छोले, पालक, लहसुन, सनफ्लॉवर और कद्दू के बीज।

4. आयोडीन

थायराइड ग्लैंड को हॉर्मोन्स बनाने के लिए आयोडीन की ज़रूरत पड़ती है। स्टडीज के अनुसार आयोडीन की ज़रा सी भी कमी थायराइड की समस्या का कारण बन सकती है। आयोडीन एमिनो एसिड टायरोसीन के साथ मिलकर थायराइड हॉर्मोन्स को बनाता है।

स्रोत- आयोडीन युक्त नमक, समुद्री सी-वीड, दूध, दही और पनीर।

5. कॉपर

कॉपर भी थायराइड ग्लैं ड के लिए महत्वपूर्ण मिनरल है। अगर खून में कॉपर कम होता है तो थायराइड हॉर्मोन्स T3 और T4 पर दुष्प्रभाव पड़ता है। कॉपर की कमी होने पर मरीज़ों को ठंड महसूस होनी बन्द हो जाती है।

स्रोत- बादाम, तिल, स्पाईरोलीना, मशरूम और दाल।

6. ओमेगा 3

ओमेगा 3 फैटी एसिड्स इंफ्लामेशन को कम करते हैं और इम्युनिटी भी बढ़ाते हैं। ओमेगा 3 की कमी से हाइपोथायरायडिज्म के मरीजों की मानसिक स्थिति बिगड़ जाती है। उन्हें संज्ञान नहीं रहता कि वे कहां है, कुछ याद नहीं रहता इत्यादि। इसके संज्ञानात्मक बधिरता कहते हैं।

स्रोत- घी, अखरोट, अलसी और चिया सीड

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
Dr Lovneet Batra
Dr Lovneet Batra

Lovneet Batra is one of Delhi’s most insightful nutritionist and columnist. She holds a BS and MS in Dietetics from Michigan State University and believes in a sustainable, ‘no deprivation’ approach to a meaningful, long-lasting lifestyle makeover. Going beyond fads & myths, she makes nutrition simple and straight. A nutritionist who believes good food and good health are best buddies, she begins her day with a “paneer paratha” for the breakfast because it keeps her happy, full and energized for the rest of the day. For her, nutrition is delicious & doable.

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