गरम मसालों में शुमार काली मिर्च कई औषधीय गुणों से समृद्ध है। पपीते के बीज के समान दिखने वाली काली मिर्च(black pepper) को हम स्पाइस के तौर पर कई रेसिपीज़ में रोज़ाना इस्तेमाल करते हैं। अक्सर पीसकर इस्तेमाल किए जाने वाले ब्लैक पैपर(black pepper) के दाने पाउडर की फॉर्म में आने के बाद दरदरे हो जाते हैं। कई सब्जियों, पुलाव, बिरयानी, काढ़ा, चाय और कई आर्युवेदिक दवाओं(ayurvedic medicines) में प्रयोग की जाने वाली काली मिर्च(Health benefits of black pepper) स्वाद में तिखी होती है। मगर हमारी बॉडी का इम्यून सिस्टम मज़बूत करने समेत कई रोगों से बचाने का भी काम करती है।
डॉ रूचि का कहना है कि काली मिर्च पाचन क्षमता को दुरूस्त रखने का काम करती है। इसके अलावा मोटापे को भी काली मिर्च के नियमित सेवन से कम किया जा सकता है। पैपरकॉर्न(peppercorn) यानि काली मिर्च की बाहरी परत फैट सेल्स को ब्रेक करने का काम करते हैं। ऐसे में काली मिर्च आसानी से वजन कम(weight loss) करने में मदद करती है। आप चाय में काली मिर्च मिलाकर पीने से भी वेटलॉस(weight loss) की ओर बढ़ सकते है।
इस बारे में डॉ रूचि बताती हैं कि सर्दी में खांसी और नज़ला एक आम बात है। अगर आप भी इन मौसमी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं, तो कालीमिर्च को काढ़े में पीने से या सूप में डालकर पीने से शरीर को फायदा पहुंचता है। साथ ही नाम में जमा म्यूकस से भी राहत मिलती है और शरीर स्वस्थ हो जाता है।
काली मिर्च में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंटस पाए जाते हैं, जो शरीर को रोगमुक्त रखने का काम करते हैं। रिसर्च के मुताबिक काली मिर्च में अल्कलॉइड पिपेरिन नामक तत्व पाया जाता है। जो एंटीऑक्सीडेंट का प्रमुख स्त्रोत है। इसके अलावा हमारे शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को दूर करने का काम करती हैं। साथ ही शरीर को कैंसर समेत कई और रोगों के खतरे से भी बचाने का काम करती है।
डॉ रूचि के मुताबिक काली मिर्च डाइजेस्टिव सिस्टम को मज़बूत बनाए रखती है। दरअसल, काली मिर्च से निकलने वाले जूसिज़ भोजन को पचाने में सहायक होते हैं। पाचन तंत्र को नियमित करने के अलावा काली मिर्च बीमारी के दौरान आपके शरीर को जल्द स्वस्थ करने में अहम रोल अदा करती है।
अक्सर पपीता, सेब या फिर कच्ची सब्जियों पर डालकर खाई जाने वाली काली मिर्च को एक दिन में 7 से 8 ग्राम तक कंज्यूम किया जा सकता है। इसका अधिक इस्तेमाल शरीर में होने वाले कई प्रकार के साइड इफे्क्टस का कारण साबित हो सकता है।
काली मिर्च के ज्यादा सेवन से सीने में और पेट में जलन की शिकायत हो सकती है।
काली मिर्च खून को पतला करने में भी कारगर साबित होती है। ऐसे में अगर आप हार्ट पेशेंट हैं। तो आप पहले से ब्लड थिनर दवाएं ले रहे होंगे। दवाओं के साथ काली मिर्च का सवन करने से बचें। दरअसल, काली मिर्च भी खून को पतला करने का काम करती है।
काली मिर्च को अदरक और शहद के साथ मिलाकर खाने से खांसी जुकाम से राहत मिलती है।
सर्दी के मौसम में काली मिर्च को सूप और काढ़े में मिलाकर पीने से शरीर को काफी फायदा पहुंचता है।
पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में भी काली मिर्च अहम रोल अदा करती है।
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कस्टमाइज़ करेंकाली मिर्च के साथ हल्दी मिलाकर लेने से इसका फायदा दोहरा हो जाता है। इससे शरीर को भरपूर मात्रा में एंटी आक्सीडेंटस की प्राप्ति होती है।
काली मिर्च में मैगनीज़ और विटामिन पाए जाते हैं। जो ब्लड प्रेशर की परेशानी को दूर करने में सहायक साबित होते हैं।
काली मिर्च में माइक्रो न्यूटरीएंटस पाए जाते हैं, जो हमें कई रोगों से बचाने का काम करते हैं।
काली मिर्च को आप खाने में लाल मिर्च औी हरी मिर्च की जगह रिप्लेस कर सकते हैं।
इसके अलावा फलों में काले नमक के साथ काली मिर्च का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
वहीं, सनैक्स पर काली मिर्च डालकर खा सकते हैं।
इतना ही नहीं, गुड़, तुलसी और काली मिर्च को पानी में डालकर उबालें और काढ़ा बनाकर पीएं।
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