इस समय बहुत से वेगन्स अपनी डाइट से दूध को हटा रहे हैं। इसकी जगह वे प्लांट बेस्ड दूध को अपना रहे हैं। इनमें सोया, ओट्स और बादाम दूध शामिल हैं। जिससे ये लोग भी दूध का सेवन कर सके और अपनी डाइट को हेल्दी बना सकें।
विशेषज्ञों के अनुसार, बादाम से बना दूध बेहद सेहतमंद माना जाता है और हर कोई इसे पीना पसंद भी करता है। बादाम को सही मायने में पोषण का पावर हाउस माना जाता है।
वहीं कई लोगों का इस बारे में अलग दृष्टिकोण है। लोगों का मानना है कि लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए ये एक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी है। एक हद तक यह बात सच भी है, क्योंकि बादाम का दूध काफी महंगा होता है। इसके अलावा, आप हमेशा बादाम के दूध के बजाय हेल्दी रहने के लिए बादाम खा सकते हैं।
दिमाग में इतने सवाल आते हैं, है ना? इसी वजह से हमने हेल्थ एक्सपर्ट मनीषा चोपड़ा से पूछा कि लोग अपनी डाइट में बादाम के दूध का सेवन करें या उसे छोड़ दें।
यकीनन बादाम का दूध पौष्टिक होता है। पोषण मीटर पर आंकें तो बादाम के दूध में –
कैलोरी: 39
वसा: 3 ग्राम
प्रोटीन: 1 ग्राम
कार्ब्स: 3.5 ग्राम
फाइबर: 0.5 ग्राम
यह उन लोगों के लिए बिल्कुल सही है, जो अपने वजन और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को मैनेज करना चाहते हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गाय और भैंस के दूध की तुलना में बादाम वाले दूध में कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। इससे आपका शुगर लेवल भी नहीं बढ़ता और इसे डायबिटीज वाले पेशेंट भी आराम से ले सकते हैं।
जिन लोगों को लैक्टोज इनटॉलेरेंस होता हैं, वे सूजन, पेट में दर्द, कब्ज, गैस आदि जैसी बड़ी समस्याओं का सामना करते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लैक्टोज इनटॉलेरेंस की समस्या में लोग डेयरी प्रोडक्ट नहीं खा सकते। उनका पेट डेयरी प्रोडक्ट को अच्छे से नहीं पचा पाता।
उनके लिए प्लांट बेस फूड एकदम सही रहता है। वहीं बादाम के दूध में लैक्टोज नहीं पाया जाता, क्योंकि ये प्लांट बेस होता है।
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कस्टमाइज़ करेंमनीषा चोपड़ा के अनुसार, “जो लोग लैक्टोज इनटॉलेरेंस हैं, उन्हें दूध से एलर्जी होती है। इसलिए उन्हें अपने आहार में बादाम दूध शामिल करना चाहिए।
“कैल्शियम हमारी हड्डियों और दांतों के लिए अच्छा है। साथ ही, ये ऑस्टियोपोरोसिस से लड़ने में हमारे शरीर की मदद करता है। मनीषा कहती हैं, “मैग्नीशियम हमारे शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण होता है।”
एंटीऑक्सीडेंट की आवश्यकता हमारे शरीर को न केवल सुंदर दिखने के लिए होती है, बल्कि हमारी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए भी जरूरी है। मनीषा कहती है कि बादाम के दूध में पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो कोशिका को दोबारा बनने के लिए सहायक होते हैं।
प्रोटीन की कमी – बादाम के दूध में हर कप में केवल 1 ग्राम प्रोटीन होता है। प्रोटीन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है जैसे- मांसपेशियों की वृद्धि, हार्मोन का बनना, त्वचा बनना और बीमारी में जल्द ठीक होना।
इसमें एडिटिव्स हो सकते हैं – प्रोसेस्ड बादाम मिल्क में शुगर, फ्लेवर, नमक आदि एडिटिव्स हो सकते हैं।
शिशुओं के लिए उपयुक्त नहीं – बादाम का दूध शरीर में आयरन के अवशोषण को रोक सकता है। इसलिए, ये शिशुओं के लिए अच्छा नहीं है।
मनीषा इस बात पर ज़ोर देते हुए कहती हैं कि जिन्हें नट्स से एलर्जी हो उन्हें और शिशुओं को बादाम के दूध से बचना चाहिए।
इसे बनाने के लिए आपको केवल 2 चीजें चाहिए- बादाम और पानी। बादाम और पानी को एक ब्लेंडर में डालकर उसे मथ लें। अब, एक छलनी से उसे छान कर गिलास में डाल दें। अब आपका बादाम दूध तैयार है!
मनीषा चोपड़ा कहती हैं,“ बादाम का दूध स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होता है। माना इसमें कुछ तत्वों की कमी है, पर इसमें कमी से ज्यादा लाभ है। ये वजन घटाने के लिए एक अच्छा उपाय है। इसलिए, मेरा मानना है कि इसे चुनने में कोई बुराई नहीं है।
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