आप घर पर हैं, फिजिकल एक्टिविटी बहुत कम है और उम्र बढ़ रही है, तब क्या आपको रोटी या चावल (Roti or rice) खाना कम कर देना चाहिए? अपनी फिटनेस के प्रति सजग ज्यादातर लोग यह सवाल पूछ रहे हैं। जबकि भारतीय भोजन का प्रमुख हिस्सा रोटी या चावल ही है। ये मैक्रोन्यूट्रीएंट्स (macronutrients) या कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrates) हमें दिन भर के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं। इसलिए हमारे हर मील में ये किसी न किसी रूप में उपस्थित रहते हैं। पर तब क्या करें जब आप अपने बढ़ते वजन के प्रति चिंतित हों? आपके लिए इन सभी सवालों के जवाब हमने ढूंढे।
हेल्दी डाइट, वेट लॉस और फिटनेस के लिए जरूरी इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए हमने फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, ओखला (नई दिल्ली) में हेड डायटेटिक्स दलजीत कौर से संपर्क किया।
दलजीत कौर कहती हैं, “खानपान और फिटनेस का आपस में गहरा नाता है क्योंकि अगर हम संतुलित भोजन नहीं करेंगे तो हमारे शरीर में अनेक विकार और रोग जैसे मोटापा, मधुमेह, कैंसर तथा हृदय रोग अपनी जड़ें जमा लेंगे। इसलिए पोषणयुकत आहार किसी भी मनुष्य के स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आपके शरीर को सही ईंधन रूपी भोजन नहीं मिलेगा, तो यह सही तरीके से काम नहीं करेगा। यह ठीक ऐसा ही है जैसे मोटर या कार भी ईंधन नहीं मिलने पर चल नहीं सकती।”
प्रत्येक जीवित कोशिका को पोषण की आवश्यकता होती है। सभी पोषक तत्व शरीर को सेहतमंद रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। खानपान में शुगर और कार्बोहाइड्रेट्स की मौजूदगी मोटापे, मधुमेह और अन्य कई रोगों को जन्म देती है। जबकि फैट्स की वजह से हृदय संबंधी रोग, मोटापा और अन्य बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है।
वजन कंट्रोल करने और एनर्जेटिक बने रहने के लिए दलजीत कौर एक सही-संतुलित आहार की योजना प्रस्तुत करती हैं। उनके अनुसार इसमें जिन पोषक तत्वों का होना जरूरी है, वे इस प्रकार हैं –
ये शरीर के विभिन्न भागों, अंगों और ऊतकों को ऊर्जा प्रदान करते हैं। इसके स्रोत हैं – ब्रैड, गेंहूं और शुगर। कार्बोहाइड्रेट कितनी मात्रा में लेना चाहिए यह शरीर के वज़न, ऊर्जा की आवश्यकता और खेल-कूद के लिए आवश्यक मैटाबोलिक मांग पर निर्भर करता है। कार्बोहाइड्रेट के सेवन से परफॉर्मेंस बढ़ती है और थकान दूर होती है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए अनाज, बाजरा, अपरिष्कृत कार्बोहाइड्रेट लेने की सलाह दी जाती है।
यह मांसपेशियों को बनाने में मदद करने के साथ-साथ मस्तिष्क तथा शरीर के अन्य भागों के लिए ऊर्जा का स्रोत है। साथ ही, शरीर के ऊतकों की मरम्मत के लिए भी इनकी आवश्यकता होती है। जो खिलाड़ी एन्ड्योरेंस, स्ट्रैन्थ और अन्य प्रकार के स्पोर्ट्स से जुड़े होते हैं, उन्हें प्रोटीन की आवश्यकता अधिक होती है।
सामान्य व्यक्ति को 1 ग्राम/किलोग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है, लेकिन ज्यादा परिश्रम करने वाले व्यक्ति के शरीर में यह मात्रा 2 ग्राम/शरीर के वज़न तक बढ़ सकती है। खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए अच्छी क्वालिटी के प्रोटीन की जरूरत होती है।
दाल, बीन्स, अंडे का सफेद भाग, चिकन के पतले टुकड़े, मछली, सोया, टोफू, स्किम्ड मिल्क और उससे बने उत्पाद प्रोटीन के अच्छे स्रोत होते हैं। अच्छी सेहत के लिए साबुत दाल और अन्य दालों का सेवन करना चाहिए।
यह ऊर्जा का अच्छा स्रोत होता है। वसा में घुलनशीन विटामिनों के मैटाबोलिज़्म के लिए इसकी आवश्यकता होती है। वसा से भोजन में स्वाद और तृप्ति मिलती है।
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वसा के स्रोतों में तेल, मक्खन, मेवे तथा बीज आदि शामिल हैं। अच्छी परफॉरमेंस के लिए सैचुरेटेड फैट्स से बचना चाहिए। इनकी बजाय अनसैचुरेटेड फैट्स जैसे कि अलसी के बीज (Flax seeds), मछली, मेवे आदि का सेवन करना चाहिए।
विटामिन और खनिज पदार्थ वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के लिए उत्प्रेरक की तरह होते हैं। इसलिए भोजन में ताजे फल और मौसमी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। विटामिन और मिनरल्स हमारे शरीर के लिए सुरक्षा कवच की तरह होते हैं। क्योंकि इनमें फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स तथा कैरोटेनॉयड्स मौजूद होते हैं।
इस बारे में दलजीत कौर का मानना है कि, “फिटनेस के लिए ऊर्जा की सही खपत जरूरी है। महामारी के दौरान जबकि ज्यादातर लोग घरों से काम कर रहे हैं, ऐसे में जितनी कैलोरी शरीर में जा रही हैं, उनका सही अनुपात में इस्तेमाल होना चाहिए।
अलग-अलग प्रकार की शारीरिक गतिविधियों पर ऊर्जा का व्यय अलग-अलग मात्रा में होता है, जैसे कि बैठने के दौरान 86kcal/घंटे होता है और दौड़ने के लिए 500 से 750 kcal /घंटे के हिसाब से एनर्जी खर्च होती है। स्पष्ट तौर पर, खुराक और फिटनैस का नज़दीकी संबंध है।”
उम्र और फिजिकल एक्टिविटी वे दो प्रमुख कारक हैं, जो आपकी आहार की खपत निश्चित करते हैं। यह भी सही है कि उम्र बढ़ने के साथा आपकी शारीरिक गतिविधियां कम होने लगती हैं।
पर इसका यह अर्थ नहीं है कि तब आपको कार्ब्स की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। बल्कि वजन को कंट्रोल रखने में कार्बोहाइड्रेट्स भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये आपको तृप्ति का अहसास करवाते हैं, जिससे आप ओवरईटिंग से बचती हैं।
विशेषज्ञ आहार संबंधी दिशानिर्देश की अनुशंसा करते हुए कहते हैं कि कार्बोहाइड्रेट आपके कुल दैनिक कैलोरी का 45 से 65 प्रतिशत हिस्सा होना चाहिए। यानी अगर आप एक दिन में 2,000 कैलोरी ले रहे हैं, तो 900 से 1,300 कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से आनी चाहिए। यह एक दिन में 225 से 325 ग्राम कार्बोहाइड्रेट हो सकता है।
उम्र बढ़ने के साथ आपको अनप्रोसेस्ड फाइबर की तरफ स्विच करना चाहिए। जिनमें मोटे अनाज शामिल हैं। आप गेहूं के प्रोसेस्ड आटे की बजाए दलिया या बाजरा को अपने आहार में शामिल कर सकती हैं। वहीं सफेद चावल की बजाए ब्राउन राइस भी आपके लिए हेल्दी विकल्प हो सकता है।
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