सत्तू की गिनती उन पारंपरिक खाद्य पदार्थों में की जाती है, जो अपने स्वाद, खुशबू, गुण और टैक्सचर के लिए सदियों से आहार में शामिल किया जाता रहा है। भुने चनों को पीसकर तैयार किए जाने वाले इस सुपरफूड को अधिकतर गर्मी के बढ़ते तापमान से बचने के लिए पानी में घोलकर पिया जाता है। मगर उत्सव और त्योहार की इस रौनक में सत्तू से तैयार रेसिपीज़ स्वाद के साथ आहार में पोषण को जोड़ देती है। इससे न्यूनेस और न्यूट्रीशन दोनों की प्राप्ति होती है। तो चलिए रसोईघर में और कीजिए सत्तू बार्स (Sattu bars recipe) तैयार।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिसर्च एंड रिव्यूज़ के अनुसार घुलनशील फाइबर से भरपूर सत्तू तेज़ी से शरीर में ऊर्जा प्रदान करता है और थकान से बचाता है। सत्तू में आयरन, मैंगनीज और मैग्नीशियम की मात्रा अधिक और सोडियम की मात्रा कम होती है। ये शरीर में कूलिंग एजेंट के रूप में काम करता है। गैस, कब्ज और एसिडिटी को नियंत्रित करता है। इसमें पाई जाने वाली आयरन की मात्रा बालों के झड़ने को कम करने और ऑक्सीजन की पहुँच में सुधार करके बालों की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करता है।
इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि सत्तू के सेवन से शरीर को प्लांट बेस्ड प्रोटीन की प्राप्ति होती है। नियमित रूप से इसे आहार में शामिल करने से शरीर को फाइबर, प्रोटीन, कैलिशयम, विटामिन और मिनरल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा खजूर से भी शरीर को विटामिन मिलते है। साथ ही शरीर में निर्जलीकरण का खतरा कम होने लगता है। इन बार्स की मदद से शुगर लेवल को नियंत्रित रखकर शरीर को पोषण की प्राप्ति होती है।
इसका ग्लाइमेसिक इंडैक्स लो होने के चलते ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित बना रहता है। इससे रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को धीमी गति रे रिलीज़ करता है। साथ ही इसमेंं पाई जानी वाली फाइबर की मात्रा ब्लड शुगर स्पाइक को रोकने में मदद करती है।
रिसर्च गेट की रिपोर्ट के अनुसार कॉम्प्लेक्स कार्ब्स, मिनरल्स और प्रोटीन से भरपूर सत्तू का सेवन करने से शरीर को एलर्जी की प्राप्ति होती है। इससे शरीर का संतुलन बना रहता है और हर पल रहने वाली थकान और कमज़ोरी से बचा जा सकता है। इसे खाने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का बैलेंस बना रहता है। वर्कआउट से पहले इसका सेवन करने से शरीर में स्टेमिना बूस्ट होने लगता है।
फाइबर से भरपूर सत्तू में आयरन, मैग्नीशियम और पोटेशियम की मात्रा पाई जाती है। इससे एसिडिटी और ब्लोटिंग का जोखिम कम हो जाता है और बॉबल मूवमेंट नियंत्रित बना रहता है। फाइबर और मिनरल के उच्च स्तर से शरीर में विषैले पदार्थों को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। इसके अलावा आंत में गुड बैक्टीरिया का प्रभाव बढ जाता है। इससे डाइजेस्टि डिसऑर्डर से राहत मिलती है। इसमें मौजूद घुलनशील फाइबर कोलन को क्लीन करने में मदद करता है और गट वॉल्स को हेल्दी बनाए रखता है।
आहार को संतुलित बनाए रखने के लिए सत्तू एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें मोनोअनसैचुरेटिड और पॉलीअनसैचुरेटिड फैट्स पाए जाते है। इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करके हृदय रोगों को दूर किया जा सकता है। इसमें पाई जाने वाली पोटेशियम की मात्रा ब्लड प्रेशर को नियंत्रित बनाए रखती है, जिससे शरीर में रक्त का प्रवाह नियमित बना रहता है।
सत्तू प्लांट बेस्ट प्रोटीन का प्रमुख सोर्स है। यूएसडीए के अनुसार 100 सत्तू से 20 से 25 ग्राम प्रोटीन की प्राप्ति होती है। इससे मसल्स बिल्डिंग और वेटलॉस में मदद मिलती है। इसके अलावा सत्तू से शरीर को फाइबर, कैल्शियम, आयरन और मैगनीशियम की प्राप्ति होती है।
सत्तू में आयरन की उच्च मात्रा पाई जाती है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन के स्तर में सुधार नज़र आने लगता है। इसके चलते हेयरफॉल और रूखी त्वचा की समस्या हल हो जाती है। नियमित रूप से इसका सेवन करने से बालों की गुणवत्ता में सुधार आने लगता है।
चने का सत्तू 1 कप
सीडलेस खजूर 5 से 6
नारियल पाउडर 1/2 कप
रोस्टेड बादाम 2 चम्मच
अलसी के बीज 1 चम्मच
घी 2 चम्मच
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