समक चावल (Samak rice) को अलग-अलग इलाके में अलग-अलग नाम से लोग जानते हैं। इसे वरई, कोदरी, समवत, समा चावल (Sama rice) के नाम से भी जाना जाता है। कई जगहों पर समा के चावल को जंगली चावल भी कहा जाता है, क्योंकि यह एक प्रकार की जंगली घास के ‘बीज’ हैं। क्योंकि यह ग्रेन यानी अनाज नहीं है, इसलिए ज्यादातर लोग नवरात्रि व्रत (Navratri fasting) में इसे फलाहार के तौर पर अपने आहार में शामिल करते हैं। पर क्या डायबिटीज (Diabetes) रोगी भी समक के चावलों का उसी तरह सेवन कर सकते हैं? जवाब है हां, यहां एक समक राइस पुलाव रेसिपी (Samak rice pulao recipe) है, जो डायबिटीज और वेट दोनों कंट्रोल कर सकती है।
समा या समक के चावलों में कार्बोहाइड्रेट (carbohydrate), प्रोटीन (Protein), विटामिन ए (Vitamin A), सी (Vitamin C) और ई (Vitamin E) अच्छी मात्रा में पाया जाता है। इसके अतिरिक्त यह खनिज से भी युक्त होते है। इन चावलों में ग्लूटेन (Gluten free) नहीं होता है, कम कैलौरी है, साथ ही इनमें शर्करा की मात्रा भी कम होती है।
इसमें उच्च मात्रा में फाइबर है। इन चावलों में कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस, लोहा, मैग्नीशियम में उच्च मात्रा में पाया जाता है। इसे आमतौर पर इसकी भूसी के साथ खाया जाता है, जो इसके अधिकांश पोषक तत्वों को बरकरार रखता है।
समक चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 50 (Samak rice glycemic index) के आसपास माना जाता है। जो कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स रेंज में आता है। इस प्रकार मधुमेह से ग्रसित व्यक्ति के लिए इन्हें उपयुक्त माना गया है। इसके अलावा, इसमें पाया जाने वाला फाइबर रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है।
पोषण से भरपूर यह चावल व्रत के दौरान व्यक्ति को ताकत और स्फूर्ति दोनों प्रदान करने में सहायक होता है। साथ ही यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। गर्भवती महिलाओं को हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे विभिन्न स्रोतों से सही प्रकार के कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, खनिज और विटामिन लें, जिससे उनका स्वास्थ्य सही रहे।
समक चावल कई मायनों में सामान्य चावल से अलग होता है। यह नियमित चावल की तुलना में प्रतिरोधी स्टार्च, प्रोटीन, लोहा, जस्ता और विभिन्न पॉलीफेनोल्स और एंटीऑक्सिडेंट के मामले में बहुत धनी है। एक सच तो यह भी है कि बहुत पहले इसे चावल नहीं, बल्कि दुनिया भर के गर्म और तापमान वाले क्षेत्रों में उगाया जाने वाला बाजरा माना जाता था।
रेगुलर राइस या सफेद चावल उच्च ग्लाइसेमिक अवयवों के कारण, रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है और गर्भावस्था के दौरान गर्भकालीन मधुमेह की संभावना को बढ़ा सकता है। जबकि कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण समक चावल रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए अच्छा है।
समक चावल सफेद चावलों की तुलना में अधिक स्वास्थ्यवर्धक होते हैं और आपको आवश्यक ऊर्जा और पोषक तत्व प्रदान करते हैं। यह मैग्नीशियम और पोषक तत्वों का एक समृद्ध स्रोत है, जो न्यूरोट्रांसमिशन में मदद करता है। इस प्रकार, यह बच्चे के मस्तिष्क और अन्य संज्ञानात्मक कार्यों में सुधार करने में मदद करता है।
गर्भावस्था के दौरान समक चावल का सेवन करने से हड्डियां और दांत मजबूत होते हैं। यह गर्भावस्था के दौरान सुचारू, सामान्य मल त्याग के लिए लाभकारी बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देता है।
मूत्रजननांगी संक्रमण मां और बच्चे पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। समक चावल एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक है, जो गर्भवती माताओं में इस तरह के संक्रमण के जोखिम को रोकने में मदद करता है इसमें एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो प्रतिरक्षा को बढ़ाने में मदद करते हैं।
गर्भावस्था के दौरान समक चावल खाने से गर्भावधि मधुमेह को कम करने में भी मदद मिलती है, क्योंकि इसमें बड़ी मात्रा में अघुलनशील फाइबर होता है और इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।
समक चावल नसों के लिए मददगार हैं और नींद के चक्र को बढ़ाते हैं, जिससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।
यह रेसिपी मधुमेह रोगियों के अनुकूल है, यानी आप इसे डायबिटीज या वेट लॉस डाइट में भी शामिल कर सकती हैं।
समक चावल उपमा (Samak rice upma)
समक चावल उपमा बनाने में बहुत आसान है। यह एक स्वादिष्ट और पौष्टिक वन पॉट रेसिपी है, जिसे 30 मिनट से भी कम समय में तैयार किया जा सकता है।
1 कप समक चावल
2 बड़े चम्मच तेल
1 इंच दालचीनी की छड़ी
2 लौंग
2 हरी इलाइची
1 चम्मच जीरा
1 हरी मिर्च, कटी हुई
आधा कप गाजर, कटी हुई
एक चौथाई कप हरी मटर
½ छोटा चम्मच नमक (स्वाद के अनुसार)
2 बड़े चम्मच हरा धनिया, कटा हुआ
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