हमारे देश में खाने पीने के व्यंजनों की लिस्ट काफी लम्बी है और इन सभी आहार का अपना एक अलग स्वाद तो है ही इसके साथ ही इसमें इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री भी काफी फायदेमंद होती है। इस लिस्ट में एक नाम आता है भुने चने (roasted Chana) का। इनका इस्तेमाल कई व्यंजनों में किया जाता है। इसके कुरकुरे स्वाद के लिए इसे धीमी आंच पर भूना जाता है।
कुरकुरा और स्वादिष्ट होने के साथ ही भुने चने पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, मिनरल्स और फैटी एसिड जैसे गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें फैट की मात्रा भी काफी कम पायी जाती है और यह ऊर्जा का भी बेहतरीन स्रोत है। भुने चने के सेवन से आपको लम्बे समय तक भूख नहीं लगती है जिससे आपका वजन भी नियंत्रित रहता है।
न्यूट्रिशनिस्ट एंड डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा, डायरेक्टर ऑफ़ फैट टू स्लिम की कहती है कि, चने को भूनने से इसके पोषक तत्व काफी बढ़ जाते हैं। वैसे तो आप कच्चे चने को सब्जी के रूप में, अंकुरित करके या चाट बनाकर भी खा सकते हैं लेकिन इस सबमें थोड़ी मेहनत करनी पड़ती है और भुने चने में इतना सब करने की आवश्यकता नहीं होती है।
भुने चने के गुण सिर्फ पेट भरने तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि यह शरीर की कई परेशानियों में फायदेमंद सिद्ध हो सकता है।
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च की माने तो, भुने चने शरीर में अतिरिक्त ब्लड शुगर को कम करने का कार्य करते हैं। असल में, डायबिटीज की मुख्य वजह ज्यादा भूख लगना भी है और भुने चने का सेवन आपको लम्बे समय तक भरा हुआ महसूस करता है। चने की गिनती लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले आहार में की जाती है। इसके साथ ही इसमें फाइबर व प्रोटीन भरपूर मात्रा में होते हैं, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने में सहायता करता है।
भुने चने में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो ज्यादा लगने वाली भूख को कंट्रोल करके मोटापे से परेशान लोगों की वजन घटाने में मदद कर सकता है।
यह भी पढ़े- रात में हेल्दी स्नैकिंग भी बढ़ा सकती है आपका वज़न? हम बताते हैं कैसे
नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के एक स्टडी के मुताबिक, भुने चने में ब्यूटिरेट नामक फैटी एसिड नामक गुण पाया जाता है, जो कोशिकाओं की संख्या को बढ़ने से रोकता है। इसके साथ ही एपोप्टोसिस को प्रेरित कर कोलन कैंसर से बचाने में भी सहायता कर सकता है। इसके अलावा, भुने चने में मौजूद बायोइकनिन-ए और लाइकोपीन जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड कैंसर से बचाव में मददगार साबित हो सकते हैं।
भुने चने में फाइबर की मात्रा अधिक पायी जाती है जो पाचन तंत्र के लिए काफी फायदेमंद होता है। ये गैस, कब्ज, डायरिया और पेट की और भी कई परेशानियों से राहत दिला सकता है।
भुने चने का सेवन हृदय के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। एनसीबीआई की साइट पर पब्लिश एक शोध से पता चलता है कि भुने चने कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है और एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करता है। जिससे हृदय स्वस्थ रहता है।
भुने चने में बीटा-कैरोटीन और विटामिन-सी जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। वहीं, ‘एज-रिलेटेड आई डिजीज स्टडी’ में इस बात का जिक्र मिलता है कि चने में पाए जाने वाला बीटा-कैरोटीन तत्व बढ़ती उम्र के साथ आंखों की घटती रोशनी के जोखिम को कुछ कम कर सकता है और विटामिन-सी को आंखों के स्वास्थ्य के लिए अहम माना जाता है।
प्रेगनेंसी के दौरान में भारत में एक बड़ी संख्या में महिलाओं को एनीमिया (खून की कमी) की परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस समस्या की वजह से बच्चे और माँ दोनों की जान को खतरा बना रहता है। ज्यादातर महिलाओं में आयरन की कमी की वजह से यह परेशानी होती है। भुने चने में आयरन भरपूर मात्रा में शामिल होता है। इसी वजह से एनीमिया में भुने चने का सेवन लाभकारी माना जाता है।