चॉकलेट सोल फ़ूड है। इसका स्वाद मुंह में पिघलकर आपको स्वर्ग की अनुभूति करा सकता है। चॉकलेट मूड बूस्टर ही नहीं, एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरपूर भी है। इस विश्व चॉकलेट दिवस पर, हम कोको से बने डार्क चॉकलेट की वकालत कर रहे हैं, क्योंकि सामान्य मिल्क चॉकलेट जहां आपकी कमर का साइज बढ़ा सकती है, वहीं डार्क चॉकलेट आपकी सेहत और फिटनेस दोनों के लिए फायदेमंद है।
बहुत से लोगों को लगता है कि डार्क चॉकलेट मधुमेह रोगियों के लिए हानिकारक है। शुगर कॉन्टेंट होने के कारण हो सकता है कि यह मधुमेह रोगियों के लिए हानिकारक हो मगर डार्क चॉकलेट के स्वास्थ्यवर्धक विकल्प हैं और मधुमेह वाले लोग इसका आनंद ले सकते हैं। इनमें फ्लेवोनॉइड और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो मधुमेह वाले लोगों में ब्लड शुगर (blood sugar) के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं।
डार्क वेरिएंट में फ्लेवोनोइड्स हाई ब्लड शुगर के स्तर के कारण होने वाले इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने के लिए दिखाए गए हैं, जो टाइप 2 मधुमेह को रोकने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग फ्लेवोनोइड्स रिच डाइट लेते हैं, उनमें हृदय रोग या स्ट्रोक होने का जोखिम उन लोगों की तुलना में कम होता है जो इस प्रकार के भोजन का सेवन नहीं करते हैं।
डार्क चॉकलेट में मिल्क चॉकलेट की तुलना में अधिक कैफीन हो सकता है। यह बताना मुश्किल हो सकता है कि आपकी बॉडी को डार्क चॉकलेट से पर्याप्त एंटीऑक्सीडेंट मिल रहे हैं या नहीं। हालांकि, ये चीजें ब्लड शुगर के स्तर को प्रभावित नहीं करती हैं ।
इसे अपनी diabetes डाइट में शामिल करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आपको मीठा खाने की इच्छा हो तो इसका 1 छोटा टुकड़ा खा लें। याद रखें 1 क्यूब दिन के लिए पर्याप्त है। यदि आप मधुमेह रोगी हैं तो किसी भी चीज की अधिकता आपके लिए सही नहीं हो सकती।
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