आप अपने घर के खाने की कल्पना एक दिन करें, जब आप कोई स्पेशल डाइट रूटीन फॉलो नहीं कर रहे हों। क्या आप सोच सकते हैं कि लंच या डिनर में चावल नहीं हो? खासकर अगर आप उत्तर भारतीय हैं तो ऐसा हो नहीं सकता या बहुत रेयर मौके आएंगे जब आपके खाने में चावल न हो। यह हमारे खाने का इतना अहम हिस्सा है। लेकिन अब चावल के विकल्प के रूप में किनोआ को देखा जाने लगा है। किनोआ का पौधा भी कुछ धान की ही तरह का होता है लेकिन उसमें जो दाने होते हैं, वो चावल से छोटे और थोड़े गोल होते हैं। लेकिन आपके सेहत के लिए कौन सही ऑप्शन है, चावल या क्विनोआ (Rice vs Quinoa)? आज यही समझने वाले हैं हम एक्सपर्ट की मदद से।
चावल ( Rice) को डाइट के रूप में शायद हमारे इंटरोडक्शन की जरूरत तो नहीं है। एशियाई देशों में तो कम से कम ये हमारी नियमित डाइट का हिस्सा है। चावल के अपने कई सारे फायदे हैं, एक एक करके जानते हैं।
100 ग्राम सफेद चावल (Rice vs Quinoa)में करीब 130 कैलोरी होती है जो ज्यादा नहीं है। हालांकि ब्राउन राइस में 100 ग्राम में थोड़ी ज्यादा कैलोरी होती है, करीब 110-120 कैलोरी के आसपास।
चावल में प्रोटीन बहुत कम होता है। सफेद चावल (Rice vs Quinoa) में 100 ग्राम में सिर्फ 2-3 ग्राम प्रोटीन होता है, और ब्राउन राइस में यह थोड़ा ज्यादा होता है, लगभग 4-5 ग्राम। लेकिन फिर भी, यह प्रोटीन की मात्रा उतनी ज्यादा नहीं होती।
चावल में फाइबर की भी बहुत कम मात्रा होती है खासकर सफेद चावल में। ब्राउन राइस में थोड़ा ज्यादा फाइबर होता है यानी 100 ग्राम में करीब 2.8 ग्राम। इस वजह से ब्राउन राइस पाचन के लिए थोड़ा बेहतर है।
चावल में कुछ मिनरल्स होते हैं, जैसे मैंगनीज और सेलेनियम लेकिन इसमें विटामिन्स की मात्रा बहुत कम होती है। इसके अलावा ब्राउन राइस में अनसैट्युरेटिड फैट होता है। ये तेल आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है।
ब्राउन राइस में फाइबर और मिनरल्स की भीअच्छी खासी मात्रा होती है क्योंकि इसमें चोकर (जो चावल के छिलके में होता है) रहता है।
क्विनोआ में मौजूद मिनरल्स की वजह से इन दिनों ये हेल्दी लाइफस्टाइल की ओर बढ़ रहे लोगों की पसंद भी बना है। साबुत अनाज के तौर पर इसे लोग ले रहे हैं ताकि शरीर में पोषण की कमी न रहे। समझते हैं कि किनोआ के क्या क्या फायदे हैं –
1. कैलोरी
100 ग्राम कच्चे किनोआ में करीब 368 कैलोरी होती है जो चावल से काफी ज्यादा है। लेकिन जब आप इसे पकाते हैं तो इसका वजन बढ़ता है तो असल में पकाकर खाए जाने पर यह कैलोरी थोड़ी कम हो जाती है।
क्विनोआ (Rice vs Quinoa) में प्रोटीन की मात्रा चावल से बहुत ज्यादा होती है। 100 ग्राम किनोआ में करीब 14 ग्राम प्रोटीन होता है। चावल में जो प्रोटीन है वह किनोआ की तुलना में बहुत कम है। और खास बात यह है कि किनोआ में पूरा प्रोटीन होता है यानी इसमें सभी 9 जरूरी अमीनो एसिड्स होते हैं। यह खासकर उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो शाकाहारी होते हैं और उनके पास प्रोटीन इंटेक के ज्यादा ऑप्शन नहीं होते।
100 ग्राम क्विनोआ में 2.8 ग्राम फाइबर होता है जो ब्राउन राइस के बराबर है। क्विनोआ का फाइबर पाचन में मदद करता है और पेट को लंबे समय तक भरा रखता है। इसलिए अगर आप डाइटिंग कर रहे हैं या वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं तो यह फाइबर वजन घटाने में आपको मदद करेगा।
किनोआ (Rice vs Quinoa) में बहुत सारे मिनरल्स और विटामिन्स होते हैं जैसे मैंगनीज, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन, और बी विटामिन्स (खासकर बी6)। ये सभी आपके शरीर के लिए अच्छे होते हैं। खासकर हड्डियों की सेहत और हार्ट हेल्थ के लिए।
हमने इस बारे में डाइटीशियन रोहन कौशिक से बात की। उनका कहना था कि अगर आप प्रोटीन की बात करें तो किनोआ चावल (Rice vs Quinoa) से कहीं ज्यादा बेहतर है। जैसा कि मैंने पहले बताया, चावल में सिर्फ 2-3 ग्राम प्रोटीन होता है, जबकि किनोआ में 14 ग्राम प्रोटीन होता है।
खास बात यह है कि किनोआ में “पूरा प्रोटीन” होता है, यानी इसमें सभी 9 आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं। ये अमीनो एसिड्स आपके शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं और इसे शरीर नहीं बना सकता, इसलिए हमें यह आहार से ही मिलता है। अगर आप वेजिटेरियन हैं, तो किनोआ आपके लिए एक बेहतरीन प्रोटीन स्रोत हो सकता है।
फाइबर की मात्रा को लेकर दोनों ही (Rice vs Quinoa) अच्छे हैं। चावल में फाइबर की मात्रा कम होती है लेकिन ब्राउन राइस में थोड़ी ज्यादा होती है। किनोआ में भी फाइबर की मात्रा 2.8 ग्राम होती है, जो पेट को भरा रखने और पाचन में मदद करता है। इस वजह से, अगर आप पाचन संबंधी समस्याओं से बचना चाहते हैं या वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं तो किनोआ या ब्राउन राइस (Rice vs Quinoa) दोनों ही अच्छे ऑप्शन हैं।
रोहन कहते हैं कि ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) यह बताता है कि कोई खाने की चीज कितनी जल्दी ब्लड शुगर को बढ़ाती है। सफेद चावल का GI ज्यादा होता है, जिसका मतलब है कि यह जल्दी से ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है। वहीं, ब्राउन राइस और किनोआ का GI कम होता है यानी ये धीरे-धीरे ब्लड शुगर बढ़ाते हैं। तो कुल मिला कर आप अगर ब्लड शुगर में इजाफा नहीं चाहते या डायबिटीज या हाई ब्लड शुगर जैसी समस्या से जूझ रहे हैं तो किनोआ आपके लिए बेहतर ऑप्शन (Rice vs Quinoa) है।
डाइटीशियन रोहन कौशिक के ने हमें बताया कि ये आपकी चॉइस (Rice vs Quinoa) पर निर्भर करता है। अगर आप डाइट सिर्फ कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट्स देख रहे हैं तो चावल अच्छा विकल्प हो सकता है लेकिन अगर आप प्रोटीन, फाइबर और मिनरल्स की तलाश में हैं, तो किनोआ एक बहुत अच्छा विकल्प है। खासकर अगर आप शाकाहारी हैं और आपके प्रोटीन इंटेक के ऑप्शन सीमित हैं तो आप किनोआ के जरिए प्रोटीन की कमी आसानी से पूरी कर सकते हैं।
वजन घटाना चाहते लोगों के लिए भी किनोआ एक अच्छा ऑप्शन (Rice vs Quinoa) है क्योंकि किनोआ में मौजूद फाइबर हमारे मेटाबोलिज़्म के लिए जरूरी है। एक बात और किनोआ चावल के मुकाबले थोड़ा महंगा जरूर हो सकता है लेकिन इसके फायदे देखते हुए यह बहुत महंगा नहीं।
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