नवरात्रि में शुगर के मरीजों के सामने सबसे बड़ी समस्या होती है कि क्या खाएं और क्या नहीं खाएं। आलू से लेकर साबूदाना तक सभी ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जो शुगर लेवल बढ़ा सकते हैं। पर क्या आप जानती हैं कि आलू को शकरकंद यानी स्वीट पोटैटो से रिप्लेस करना, डायबिटीज के मरीजों के लिए एक हेल्दी बदलाव हो सकता है! जी हां, अपने नाम के उलट शकरकंद आपके रक्त में मौजूद रक्त शर्करा को कंट्रोल कर सकता है। बस आपको इसे पकाने और खाने का सही तरीका पता होना चाहिए। आइए जानते हैं डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए शकरकंद को आहार में शामिल (How to add sweet potato in diet to control blood sugar) करने का सही तरीका।
स्वीट पोटैटो यानी शकरकंद। जैसा कि हमें नाम से एहसास होता है कि यह फ़ूड हाई शुगर कंटेंट वाला होगा। इसलिए डायबिटीज पेशेंट इसे नहीं खा सकते हैं। इससे ब्लड शुगर बढ़ सकता है और हाइपरग्लेसेमिया हो सकता है। और बाद में डिस्लिपिडेमिया भी हो सकता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें लिपिड की मात्रा बहुत बढ़ जाती है या घट जाती है। ब्लड शुगर बढ़ने पर मरीज का रेटिना खराब (Diabetic Retinopathy) हो सकता है और आंखों की रोशनी भी जा सकती है। इसलिए डायबिटिक पेशेंट खाने से पहले बहुत सतर्कता बरतते हैं।
स्वीट पोटैटो पर कई रिसर्च किये गये कि इसे डायबिटीज में खाया जा सकता है या नहीं। यह डायबिटीज के लिए कितना फायदेमंद है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ मॉलिक्यूलर साइंसेज में एक रिसर्च आलेख प्रकाशित किया गया। मलेशिया युनिवर्सिटी के मेडिसिन एंड हेल्थ साइंस फैकल्टी के रूथ नओमी और मलेशिया युनिवर्सिटी के टिश्यू इंजीनियरिंग एंड रिजेनेरेटिव सेंटर के हस्नाह बाहरी ने वर्ष 2011 में स्वीट पोटैटो (Ipomoea batatas) के उपयोग में आशाजनक परिणाम देखे। इसमें इन विट्रो और इन विवो परीक्षणों को भी शामिल किया गया।
परीक्षणों में पाया गया कि स्वीट पोटैटो हाई ग्लूकोज लेवल को कम करने में सक्षम है। इस निष्कर्ष को वेब ऑफ साइंस, स्प्रिंगर नेचर और पबमेड डेटाबेस की कसौटी पर भी जांचा गया। इसके आधार पर कहा गया कि शकरकंद या इपोमिया बटाटा हाइपरग्लाइसेमिक स्थिति के उपचार में प्रभावी साबित हुआ।
यह डिस्लिपिडेमिया (Dyslipidemia) को नियंत्रित करने में भी सक्षम है। जर्नल ऑफ़ मेडिसिनल फ़ूड में वर्ष 2014 में रमया मोहनराज और शुभा शिवशंकर की रिसर्च रिपोर्ट प्रकाशित हुई। इसके आधार पर भी स्वीट पोटैटो को ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने वाला माना गया।
इपोमिया बटाटास (Ipomoea batatas) यानी शकरकंद में उच्च पोषण मूल्य होता है। यह एक ऐसा औषधीय पौधा है, जिसमें एंटी कैंसर, एंटी डायबिटिक और एंटी इन्फ्लामेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण होते हैं। इसमें फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम और सोडियम काफी मात्रा में पाया जाता है। इसमें जिंक भी होता है।
शकरकंद में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन के, विटामिन बी1, विटामिन बी 6 और विटामिन बी 9 भी मौजूद होते हैं। क्लिनिकल स्टडी में शकरकंद के अर्क को भी औषधीय गुणों वाला कहा गया।
डायबिटीज मेटाबोलिक रोगों (Metabolic Diseases) में से एक है। इसलिए इसमें डाइट पर पूरा ध्यान दिया जाता है।
आलू का ग्लायसेमिक इंडेक्स काफी अधिक होता है। इससे ग्लायसेमिक इंडेक्स वाला भोजन आलू जल्दी मेटाबोलाइज्ड होता है और शरीर में शुगर लेवल बढ़ जाता है।
वहीं दूसरी ओर स्वीट पोटैटो में फाइबर भरपूर होते हैं। इसके कारण यह डायबिटिक पेशेंट के लिए सही है। इसमें स्लो कार्बोहाइड्रेट्स यानी ग्लायसेमिक इंडेक्स कम होता है। इससे ब्लड शुगर फ्लकचुएट नहीं होती है और खाने के तुरंत बाद यह ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ाती है।
कैसे खाएं स्वीट पोटैटो
स्वीट पोटैटो को उबालकर भी खा सकते हैं डायबिटीज पेशेंट।
यदि वे चाहें तो स्वीट पोटैटो को उबालकर कट कर लें। उसमें लेमन जूस, काला नमक, काली मिर्च पाउडर, बारीक कटी धनिया की पत्ती, हरी मिर्च और काले उबले चने को मिक्स कर लें। इसका मीठा-तीखा स्वाद बेहद मजेदार लगेगा।