दिन की शुरूआत चाय की गरम प्याली से होती है। उसके बाद दिनभर में प्याली का आकार व चाय की मात्रा बढ़ती घटती रहती है। जी हां बहुत से लोग दिनभर में एक के बाद एक कप करते करते न जाने कितने ही कप चाय (side effects of tea) पी लेते हैं। वे हर समस्या का सॉलयूशन चाय को समझने लगते हैं। मगर इससे शरीर को फायदा नहीं बल्कि कई समस्याओं का सामना करना पड़़ता है। जानते हैं अत्यधिक चाय कैसे पहुंचाती है शरीर को नुकसान और स्वास्थ्य समस्याओं के लिए चाय की जगह किन हेल्दी विकल्पों को चुनें (Healthy options of tea)।
इस बारे में डायटीशियन लवलीन कौन बताती हैं कि चाय का बार बार सेवन करने से इसमें मौजूद टैनिन एंजाइम गट (how tea affect gut health) में पहुंचकर इन्नर लाइनिंग की थिकनेस को बढ़ा सकता है। इससे पेट का पीएच लेवल असंतुलित होने लगता है, जिससे पाचनतंत्र (Digestion) पर उसका असर देखने को मिलता है। इसके चलते ब्लोटिंग (Bloating) और एसिडिटी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हर समस्या को हल करने के लिए चाय की जगह कुछ हेल्दी विकल्पों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।
सिर में बढ़ने वाले दर्द को कम करने के लिए 1 गिलास पानी में 6 से 7 काली मिर्च को भिगोकर रख दें और फिर उस पानी का सेवन कर लें। इसके अलावा काली मिर्च को पानी में उबाल लें और फिर उस पानी को पीएं। साथ ही 2 से 3 काली मिर्च को चबाकर खा लें। कालीमिर्च में एंटी इंफ्लामेटरी गुण और पाइपरिन तत्व मौजूद होता है। शरीर में इसकी मात्रा ब्रेन के न्यूरॉन को रिलैक्स करने में मदद करता है।
अक्सर ज्यादा और हैवी मील्स लेने के बाद अपच और भारीपन महसूस होने लगता है। कुछ लोग इससे बचने के लिए चाय का सेवन करते हैं। मगर पेट में होने वाली ऐंठन और ब्लोटिंग से बचने के लिए पैन में 1 गिलास पानी डालें और उसमें आधा आधा चम्मच जीरा, सौंफ और अजवाइन डालकर उबालें। पानी उबलने के बाद उसे छानकर अलग कर ले। अब पानी में नींबू का रस डालकर ठंडा होने के बाद पी लें। इससे डाइजेशन बूस्ट होता है।
शरीर में महसूस होने वाली थकान को दूर करने के लिए चाय को नींबू पानी से रिप्लेस करें। इससे न केवल शरीर एक्टिव होता है बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार आने लगता है। इसके अलावा नारियल का टुकड़ा लें और साथ में खजूर और किशमिश खा लें। इससे थकान और कमज़ोरी को दूर करने में मदद मिलती है और शरीर हेल्दी बना रहता है। किशमिश को पानी में भिगोकर खाने से भी शरीर को खूब लाभ मिलता है।
अधिकतर लोग वर्कप्लेस पर खुद को एक्टिव रखने के लिए बार बार चाय और कॉफी का सेवन करते है। मगर इन्हें नट्स से रिप्लेस करके आहार में पोषण को जोड़ा जा सकता है। विटामिन , मिनरल और हेल्दी फैट्स से भरपूर सीड्स व नट्स के सेवन से बार बार नींद की झपकियों से बचा जा सकता है।
इन्हें खाने से ब्रेन अलर्ट रहता है। बादाम में पाया जाने वाले मेलाटोनिन का स्तर नींद की साइकल को रेगुलेट करता है। इससे मसल्स रिलैक्स हो जाते हैं और मस्तिष्क को मज़बूती मिलती है।
एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर ब्लैक टी को छोड़कर बहुत से लोग ऐसे हैं, जो केवल दूध वाली चाय ही पीना ही पंसद करते है। इसके लिए वे चायपत्ती को पानी में डालकर देर तक उबालते है और फिर उसमें दूध को डालकर उबालने लगते हैं। इससे शरीर को नुकसान पहुंचता है। चाय को सही प्रकार से बनाने के लिए चाय की पत्ती को हर्बस के साथ एक पैन में पानी डालकर उबालें। वहीं दूध को अलग पैन में गर्म कर दें। अब एक कप में आधा कप उबला हुआ चायपत्ती का पानी डालें और फिर उसमें गर्म दूध को एड कर दें। इससे शरीर को खूब फायदा मिलता है।