मानसून के दौरान कई लोगों के मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि बरसात के मौसम में जब शाक-सब्जियों पर भी जीवाणुओं की उपस्थिति बढ़ जाती है, तब क्या इस मौसम में चिकन खाना सेफ है? तब और भी जब हर साल बर्ड फ्लू या एवियन इंफ्लुएंजा का जोखिम मंडराने लगता है। कुछ लोगों का मानना है कि बरसात के मौसम में हमें अंडे, मछली और चिकन से दूर रहना चाहिए। नम हवा (Moisture) के कारण भोजन पर बैक्टीरिया जल्दी बन सकते हैं, जिससे संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है। मगर चिकन लवर किसी भी मौसम में अपने इस पसंदीदा आहार को नहीं छोड़ पाते। अगर आप भी चिकन खाने के शौकीन हैं, तो बीमारियों से बचने के लिए आपको कुछ चीजों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
मानसून में कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करने के लिए केवल इसलिए कहा जाता है क्योंकि क्योंकि खाना जल्दी खराब हो जाता है। बरसात के मौसम में बढ़ी हुई नमी के कारण ये खाद्य पदार्थ पाचन संबंधी समस्याओं या फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकते हैं। लेकिन अगर आप भी चिकन लवर है और किसी भी मौसम में चिकन खाना नहीं छोड़ सकते है तो आपको इसे खाने के लिए कुछ सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन कर लेना चाहिए।
चिकन खरीदते समय आपको हमेशा ये याद रखने की जरूरत होती है कि आप किसी अच्छे और साफ स्टोर से चिकन खरीदें। ध्यान रखें कि जिस भी दुकान से आप चिकने ले रहे हैं उसके पास रेफ्रिजरेटर की अच्छी व्यवस्था और स्वच्छता होनी चाहिए।
याद रखें ताजे चिकन का रंग गुलाबी और बनावट सख्त होनी चाहिए। ऐसे चिकन से बचें जो रंगहीन दिखते हों, जिनमें बदबू आती हो या जो छूने पर चिपचिपा लगता हो।
कच्चे चिकन को 4°C या उससे कम तापमान पर रेफ़्रिजरेटर में स्टोर करें और 1-2 दिनों के अंदर ही इसका इस्तेमाल करें। अगर आप इसे ज़्यादा समय तक रखने की योजना बनाते हैं, तो इसे -18°C पर फ़्रीज़ करें।
क्रॉस-कंटैमिनेशन को रोकने के लिए कच्चे चिकन को दूसरे खाद्य पदार्थों, ख़ास तौर पर खाने के लिए तैयार चीज़ों से अलग रखें। इसे रखने के लिए सीलबंद कंटेनर या प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल करें।
जमे हुए चिकन को कमरे के तापमान पर नहीं, बल्कि रेफ्रिजरेटर में पिघलाएं। आप माइक्रोवेव का भी इस्तेमाल कर सकते हैं या चिकन को सीलबंद बैग में रखकर ठंडे पानी में डुबो सकते हैं, हर 30 मिनट में पानी बदल सकते हैं।
कच्चे चिकन को संभालने से पहले और बाद में हमेशा अपने हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं। कच्चे चिकन के संपर्क में आने वाली सभी सतहों, कटिंग बोर्ड, चाकू और बर्तनों को कीटाणुरहित करें। कच्चे चिकन और अन्य खाद्य पदार्थों के लिए अलग-अलग कटिंग बोर्ड का उपयोग करें।
चिकन को 75°C (165°F) के आंतरिक तापमान पर पकाएं। चिकन को पकाते समय ये ध्यान रखें की आपका चिकन पूरी तरह से पका हो वो कच्चा न रह जाए। खाना पकाने के दो घंटे के भीतर बचे हुए भोजन को रेफ्रिजरेटर में स्टोर करें। रेफ्रिजरेटर में रखे बचे हुए भोजन को 2-3 दिनों के भीतर खा लें।
मानसून के दौरान, गर्म भोजन के हिस्से के रूप में चिकन खाना सुरक्षित है। सूप, स्टू और करी बेहतरीन विकल्प हैं, क्योंकि इसमें मीट काफी अच्छी तरह से पकाया जाता है जिससे बैक्टीरिया होने का खतरा कम हो जाता है। सुनिश्चित करें कि चिकन के साथ उपयोग की जाने वाली अन्य सभी सामग्री, जैसे सब्जियां और मसाले, ताज़ी हों और ठीक से धुली हों।