सर्दी के दिनों में हरी सब्जियों का विशेष महत्व होता है। सर्दी का मौसम इन हरी सब्जियों के रूप में अपने साथ पौष्टिकता लेकर आता है, जो कि व्यक्ति के शरीर में तमाम पौष्टिक तत्वों की पूर्ति करती है। किसी भी बीमारी से लेकर तमाम तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने या उसे कुछ हद तक दूर करने के लिए हरी सब्जियों को खाने की सलाह ही दी जाती है। वहीं, सर्दियों में मिलने वाली इन हरी सब्जियों में ‘पालक’ भी शामिल है।
साधारण सा दिखने वाली पालक में कई तरह के गुण होते है। इसीलिए न जाने पिछले कितने समय से भारत में पालक की सब्जी अलग-अलग रूप में बनाई जाती है। लेकिन आजकल स्वस्थ रहने और अपने फिटनेस गोल्स को पूरा करने के लिए कई लोग पालक को गलत तरह से अपनी डाइट में शामिल करते है, जिसके कारण उन्हें पाचन संबंधी समस्याओं से लेकर तमाम तरह की परेशानियां भी हो सकती है।
यदि पालक को सही तरह से खाया जाएं, तो उससे हमारे शरीर को बहुत पोषण मिलता है और हमारे शरीर में कई पौष्टिक तत्वों की कमी नहीं होती। पालक में विटामिन A, C, और K , खनिज तत्व, कि बीटा-कैरोटीन और लुटीन जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स (antioxidants) और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके साथ ही पालक में फोलेट और आयरन भी होता है, जो हेमोग्लोबिन बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं और शरीर में खून की कमी को दूर करने में मदद करता हैं। वहीं, पालक में फाइबर की मात्रा भी अच्छी होती है, जो पाचन को सुधारने में मदद करती है और वजन नियंत्रित रखने में भी सहायक होती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार, पालक (spinach) ज़ेक्सैन्थिन और ल्यूटिन से भरपूर होता है जो कि आंखों की गंभीर समस्या जैसे मोतियाबिंद और अंधेपन को रोकने के लिए काम करते हैं।
पालक का नियमित और नियंत्रित सेवन व्यक्ति को कैंसर से बचाने के लिए भी लाभदायक है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट बताती हैं कि पालक में एमजीडीजी और एसक्यूडीजी दो कंपाउंड्स पाएं जाते है, जो मानव शरीर में कैंसर के विकास को धीमा कर सकते हैं। इसके साथ ही एक अध्ययन में पाया गया कि पालक में मौजूद ये तत्व गर्भाशय में मौजूद ट्यूमर सहित पेट के कैंसर को कम करने में भी लाभदायक है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के द्वारा किए गए एक शोध में 27 लोगों पर एक परीक्षण किया गया, जिसमें पालक खाने से ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) का स्तर प्रभावी रूप से कम हो गया। वहीं, इसी से संबंधित अन्य अध्ययनों में यह भी पाया गया कि पालक हार्ट हेल्थ को भी अच्छा बनाए रखने में मदद कर सकता है। रिपोर्ट में बताया गया कि, पालक में उच्च मात्रा में नाइट्रेट होते हैं, जो ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।
पालक के इतने सारे स्वास्थ्य लाभ होने के कारण भी यदि आप पालक को गलत तरीके से अपने आहार में शामिल करते हैं, तो आपको तमाम तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसी मुद्दे पर प्रण हेल्थकेयर की आयुर्वेदिक और गट कोच डॉ. डिंपल अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में बतातीं हैं कि पालक को गलत तरह से अपने आहार में शामिल करने से आपको किडनी स्टोन्स (kidney stones) जैसी कई परेशानियां हो सकती हैं।
आजकल कई फिटनेस फ्रीक्स किसी भी फल या सब्जियों को पका कर अपने आहार में शामिल करने की बजाय, उनका जूस बना कर पीना पसंद करते है। हालांकि जूस पीने एक स्वस्थ विकल्प है लेकिन पालक के मामले में उसका जूस बना कर पीने पर डॉ.डिंपल बतातीं हैं कि एक गिलास पालक का जूस आठ से दस गुना ऑक्सालेट कंपाउंड के बराबर होता है, जिसे संभवतः आपका शरीर संभाल नहीं सकता।
साथ ही यह आपके शरीर में कैल्शियम (calcium) के साथ जुड़ जाता है, जिसके कारण आपको किडनी स्टोन्स जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, इसके अलावा अपच, सूजन, पेट फूलना, कब्ज, दस्त, बॉवेल सिंड्रोम जैसी आंत संबंधी स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
आमतौर पर जूस को और टेस्टी बनाकर पीने के लिए स्मूदी तैयार करना भी एक विकल्प होता है। स्वाभाविक तौर पर स्मूदी बनाते समय दूध का इस्तेमाल किया जाता है। जिसमें, कैल्शियम होता है। वहीं, पालक में मौजूद ऑक्सलेट जब कैल्शियम के साथ मिलकर किडनी स्टोन्स का कारण बन सकते हैं। इसके साथ ही कुछ लोगों को ऑक्सैलिक एसिड से एलर्जी की समस्या होती है, ऐसे में पालक की स्मूदी या जूस पीना उनके लिए समस्या खड़ी कर सकता है।
हेल्दी रहने के लिए सलाद खाना भी एक स्वस्थ विकल्प है। लेकिन पालक के पत्तों को सलाद के रूप में खाने के कारण आपको स्वास्थ्य लाभ की जगह कई परेशानियां हो सकती है। डॉ डिंपल बताती है कि पालक को कच्चा खाने के बाद जब हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम में मौजूद एन्जाइम्स इनके साथ रिएक्ट करेंगे , तब यह पालक के पत्ते हानिकारक गैस बनायेगे, जिसके कारण आपस, सूजन और पेट फूलने जैसी समस्या होने की संभावनाएं कई अधिक बढ़ जाती है।
इसके साथ ही वे बताती हैं कि यदि उनमें किसी प्रकार के ऐसे पैरासाइट या वॉर्म्स मौजूद हुए, जिन्हें हम अपनी आंखों से नहीं देख सकते तो वे सिस्टीसर्कोसिस जैसी कई बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
पालक खाने का सही तरीका बताती हुए डॉ. डिंपल कहती हैं कि पालक में मौजूद तत्वों को अपनी डाइट में शामिल करने के लिए हमारी दादी-नानी ने बहुत बेहतरीन रेसिपी बनाई थी। वे गर्म पानी में पालक को ब्लांच करती थी, जिससे पालक में मौजूद ऑक्सालेट (oxalate) कम हो जाते थे । फिर वे इसको डिक्लरेशन से बचाने के लिए इसे ठंडे पानी में डाल देते थे, और फिर वे इसका एक पेस्ट बनाते थे, इसे उन मसालों और मसालों के साथ पकाते थे जो लाइट होते थे और शरीर को स्वस्थ रखते थे।
वहीं, अगर आपको भी पालक को स्वस्थ तरह से डाइट में शामिल करना है तो पालक को गर्म पानी से धुलना आवश्यक है। इसके साथ ही पालक को उबालने से उसमें मौजूद हानिकारक कण भी खत्म हो जाते है, जिससे पालक स्वस्थ तरह से व्यक्ति को पोषण पहुंचा सकती है।
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