मांसाहार छोड़कर शाकाहार अपनाना चाहते हैं, तो पोषक तत्वों के लिए ये फूड्स जरूर करें आहार में शामिल
जब कभी भी हम मांसाहार छोड़ते हैं या उसमें कमी करते हैं, तो यह सवाल बड़ा होता है, क्या हमारी डाइट में उतना प्रोटीन मिलेगा या और तरह के मिनरल्स मिल पाएंगे जो मीट से मिलते हैं? जवाब है हां। प्लांट बेस्ड डाइट के सहारे हम उन सारे मिनरल्स की कमी पूरी कर सकते हैं जो नॉन वेज डाइट हमें देती है। इतना ही नहीं, प्लांट बेस्ड डाइट के जरिए हम कोलेस्ट्रॉल को भी कम या यूं कहें कि कंट्रोल में रख सकते हैं। आज हम यही समझेंगे एक्सपर्ट की मदद से कि प्लांट बेस्ड डाइट के फायदे क्या हैं और किस तरह इनकी मदद से मीट छोड़ने के बावजूद हम शरीर तक पर्याप्त पोषण पहुंचा सकते हैं।
प्लांट-बेस्ड डाइट क्या होती है? (What is a plant-based diet?)
प्लांट-बेस्ड डाइट का मतलब यह नहीं है कि आप सिर्फ सलाद ही खाएं और सूप में डुबोकर जी लें। इसका मतलब है कि आप अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा पौधों से प्राप्त होने वाली चीजें शामिल करते हैं, जैसे फल, सब्जियाँ, दाल, नट्स, बीज, और अगर आप चाहें तो अंडे और दूध से बने प्रोडक्ट्स भी इसमें शामिल किया जा सकता है। जब आप प्लांट-बेस्ड आहार खाते हैं, तो आप मीट और प्रोसेस्ड फूड्स की जगह पर हेल्दी विकल्प चुन रहे होते हैं जो ना सिर्फ आपके शरीर के लिए अच्छे होते हैं बल्कि कोलेस्ट्रॉल भी कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
मीट की कमी को प्लांट प्रोडक्ट से कैसे पूरा करें? (How to compensate for the lack of meat with plant products?)
न्यूट्रीशन थेरेपिस्ट विक्रम सिंह मीना के अनुसार, अगर आप मीट को कम कर रहे हैं या छोड़ रहे हैं तो आपको प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स जैसी चीजों की कमी महसूस हो सकती है। लेकिन प्लांट-आधारित डाइट में भी ये सारे मिनरल्स मिल सकते हैं जैसे –
1. प्रोटीन (protein)
जब हम मीट छोड़ने की बात करते हैं तो सबसे पहले प्रोटीन की कमी का डर होता है। लेकिन आप जानिए कि प्रोटीन सिर्फ मीट में नहीं होता, बहुत सारे प्लांट-आधारित प्रोडक्ट्स में भी भरपूर प्रोटीन होता है।
दाल (Lentils) – ये प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत हैं। दालें, चना, मूंग, मसूर – ये सब आपके शरीर को वो सभी अमीनो एसिड्स देंगे जो आपके मसल्स और इम्यून सिस्टम के लिए ज़रूरी हैं।
टोफू और टेम्पे (Tofu & Tempeh)- ये सोया प्रोडक्ट्स प्रोटीन से भरपूर होते हैं और इनसे मीट की कमी पूरी की जा सकती है। टोफू को तो आप लगभग किसी भी डिश में शामिल कर सकते हैं।
क्विनोआ (Quinoa)- यह एक सुपरफूड है जिसमें प्रोटीन के अलावा बहुत सारे फायदे हैं। यह पूरे ग्रेन की तरह काम करता है और इसमें सभी नौ जरूरी अमीनो एसिड्स भी होते हैं।
नट्स और सीड्स (Nuts & Seeds)- बादाम, अखरोट, चिया सीड्स, फ्लैक्स सीड्स, ये सब न सिर्फ प्रोटीन देते हैं बल्कि इसमें हेल्दी फैट्स और फाइबर भी होते हैं।
2. आयरन (Iron)
पालक और हरी पत्तेदार सब्जियाँ (Leafy Greens)- पालक, बथुआ, मेथी, इन सबमें आयरन होता है। आप इनको सलाद, सूप, या फिर सब्ज़ी में डालकर खा सकते हैं।
सोया प्रोडक्ट्स (Soy Products)- टोफू में भी आयरन होता है, तो इन्हें अपने आहार में शामिल करना शरीर को आयरन देने के लिहाज से सबसे अच्छा ऑप्शन है। आप इनको आसानी से अपनी रोज की डाइट में शामिल कर सकते हैं।
बीन और दाल (Beans and Lentils)- काले बीन्स, राजमा, मूंग दाल, इनमें भी आयरन काफी अच्छा होता है। इनमें प्रोटीन, कैल्शियम जैसे मिनरल्स भी मिलते हैं।
विटामिन C से भरपूर चीजें (Vitamin C Rich Foods)-आयरन को सही तरीके से एब्जॉर्ब करने के लिए विटामिन C भी जरूरी है। इसलिए संतरा, नींबू, अमला, टमाटर जैसे खाद्य पदार्थ भी डाइट का हिस्सा बनाएं। ये दोनों मिलकर काम करेंगे और आपके आयरन लेवल को सुधारने में मदद करेंगे।
3. कैल्शियम (Calcium)
कैल्शियम पाने का मतलब हम अक्सर दूध या दूध से बने प्रोडक्ट को समझते हैं लेकिन प्लांट बेस्ड डाइट में भी आसानी से इसे पाया जा सकता है। जैसे पालक या कोई और हरी सब्जी। हरी सब्जियों में कैल्शियम पाया जाता है। इसके अलावा आप दूध की जगह बादाम का दूध डाइट में शामिल कर सकते हैं। खासकर वीगन लोगों के लिए ये अच्छा और हेल्दी ऑप्शन है।
4. ओमेगा-3 फैटी एसिड्स (Omega-3 Fatty Acids)
ओमेगा-3 के लिए आमतौर पर मछली खाने को कहा जाता है, लेकिन प्लांट-आधारित आहार में भी ये आसानी से मिल सकता है। इसमें आप चिया सीड्स को शामिल कर लें या फिर अखरोट। ये दोनों ओमेगा 3 फैटी एसीड्स के अच्छे सोर्स हैं। इनके अलावा फ्लैक्स सीड्स को डाइट में शामिल करके भी आप आसानी से मिनरल्स पा सकते हैं।
प्लांट-आधारित डाइट के फायदे (Benefits of a plant-based diet)
1. कोलेस्ट्रॉल होगा कम
हार्वर्ड हेल्थ की एक रिपोर्ट कहती है कि प्लांट-आधारित आहार में फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट्स और हेल्दी फैट्स होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं। खासकर सैचुरेटेड फैट्स जो मीट में होते हैं वे कोलेस्ट्रॉल बढ़ा सकते हैं।
प्लांट फूड्स में सैचुरेटेड फैट्स की मात्रा बहुत कम होती है, और इनमें मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स होते हैं, जो दिल के लिए अच्छे होते हैं। हरी सब्जियाँ, फल, दालें और अनाज में फाइबर होता है, जो LDL (बुरा कोलेस्ट्रॉल) को कम करता है। ऑलिव ऑयल और एवोकाडो जैसी चीजों में मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स होते हैं, जो अच्छे कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाते हैं और बुरे कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करते हैं।
2. ब्लड प्रेशर कंट्रोल में मदद
प्लांट-आधारित आहार से ब्लडप्रेशर भी कंट्रोल हो सकता है। फल, हरी पत्तेदार सब्जियाँ और दालों में पोटैशियम होता है जो ब्लड प्रेशर को नॉर्मल रखता है।
3. वजन कम करने में मदद
अगर आप वेट लॉस करने की सोच रहे हैं, तो प्लांट-आधारित डाइट काफी फायदेमंद हो सकती है। इसमें कम कैलोरी होती है और फाइबर की वजह से पेट लंबे समय तक भरा हुआ रहता है जिससे ओवरईटिंग की संभावना कम हो जाती है।
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