नवरात्रि के दौरान नौ दिनों का उपवास वजन कम करने के लिए आदर्श समय हो सकता है, लेकिन अगर गलत खाद्य पदार्थों को डाइट प्लान का चयन करते हैं तो इससे वेटगेन का जोखित बढ़ भी सकता है। अधिकतर लोग व्रत में तले हुए खाद्य पदार्थ, डाइट फ्रेंडली चिप्स और अन्य स्नैक्स का सेवन करते हैं। इससे कैलोरी स्टोरेज का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में जहां कुछ लोग दिनभर स्मॉल मील्स को विकल्प के तौर पर चुनते हैं, तो कुछ वन मील अ डे यानि ओमेड को फायदेमंद मानते हैं। दरअसल, व्रत में सही खाद्य पदार्थों का चयन करने के अलावा सही समय पर खाना, उचित मात्रा में कसरत करना और खुद को अच्छी तरह से हाइड्रेट करना भी ज़रूरी है। जानते हैं नवरात्रि में ओमेड या स्मॉल मील्स कौन सा डाइट प्लान (Navratri weight loss diet) आपको कैसे वजन कम करने में करता है मदद।
ओमेड यानि एक दिन में एक मील वजन घटाने में फायदेमंद साबित होता है। इसमें व्यक्ति प्रतिदिन केवल एक समय ही भोजन करता है। इसके तहत वे दिन भर कैलोरी युक्त कुछ भी नहीं खा सकते हैं। ये इंटरमिटेंट फास्टिंग का ही एक रूप है। इसमें कैलोरी युक्त कुछ भी न खाने या पीने के लंबे अंतराल और खाने के लिए टाइम विंडो में बारी बारी से बदलाव किया जाता है।
इसके तहत व्यक्ति प्रतिदिन 23 घंटे उपवास (Navratri weight loss diet) करता है जिसमें खाने के लिए केवल 1 घंटा बचता है। फ्रंटियर्स इन फिजियोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार इस आहार का पालन करने वाले अधिकांश लोग रात के खाने के समय के आसपास खाते हैं और फिर अगली शाम तक उपवास करते हैं।
डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि नवरात्रि व्रत का अर्थ शरीर को डिटॉक्स करना है। हांलाकि दिनभर में छोटी मील्स लेना और ओमेड दोनों ही तरीके शरीर के लिए फायदेमंद है (Navratri weight loss diet) । मगर इसमें ये देखना ज़रूरी है कि किन खाद्य पदार्थें को एड करने से फायदा मिलता है। वे लोग जो बहुत ज्यादा आलू खाते है या दिनभर मीठी चीजों का सेवन करते हैं। उससे शरीर में 3 से 4 हजार कैलोरीज़ जमा हो जाती है। ऐसे में एक साथ खाना खाने से कैलोरी स्टोरेज का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में गर्मी में निर्जलीकरण से बचने के लिए दिनभर में थोड़ी-थोड़ी देर में हल्की और हेल्दी मील्स लें। इससे एनर्जी का स्ता बना रहता है और कैलोरी कंजप्शन कम होने लगता है।
डॉ अदिति बताती हैं कि स्मॉल मील्स लेने के लिए लो कैलोरी और हाई प्रोटीन फूड का चयन करने से फायदा मिलता है। आहार में दूध और उसससे बनी चीजें शामिल करें। घीए या गाजर का रायता बनाकर खाएं। इसके अलावा कुटृटू के आटे से पूरी की जगह रोटी और डोसा बनाएं। इनमें आलू की जगह पनीर की फिलिंग करें। इससे शरीर को उच्च मात्रा में विटामिन, मिनरल और फाइबर की प्राप्ति होती है। छोटी मील्स से हाइड्रेशन को मेंटेन करने के लिए लस्सी, छाछ, नींबू पानी, शरबत और नारियल पानी का सेवन करें।
लंबे अंतराल पर अधिक भोजन करने के बजाय छोटे मील्स लें। इससे आपको अधिक खाने से बचने में मदद मिलेगी और साथ ही आपकी कुल कैलोरी की मात्रा भी कम होगी। न्यूट्रिएंट्स की रिपोर्ट के अनुसार भोजन की कम आवृत्ति और अनियमित भोजन वेटगेन का कारण बनने लगता है।
नवरात्रि के आहार में फल और सब्जियाँ शामिल हैं। इससे पर्याप्त मात्रा में फाइबर की प्राप्ति होती है, जिससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। साथ ही पेट लंबे वक्त तक भरा रहेगा। आहार में मौसमी फल और सब्जियाँ शामिल करें। साथ ही कुट्टू के आटे की स्टफ रोटी बना सकते हैं।
उपवास के दौरान शरीर को हाइड्रेट रखना भी ज़रूरी है। हांलाकि अनहेल्दी स्नैक्स और तली भुनी चीजें निर्जलीकरण की समस्या को बढ़ा देती है। ऐसे में सतर्क रहें और हाइड्रेट रहने का प्रयास करें। कार्बोनेटेड पेय पदार्थ को छाछ, नींबू पानी, नारियल पानी और जूस व स्मूदी से रिप्लेस करें।
छोटी मील्स के तौर पर दही का सेवन करें। इससे गट हेलथ को मज़बूती मिलती है और कैलोरी से बचा जा सकता है। इसमें फाइबर और विटामिन व मिनरल की मात्रा को एड करने के लिए गाजर, घीया और खीरे का इसतेमाल कर सकते है। इससे स्वाद और पोषण बढ़ने लगता है।
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