सफेद मुलायम पनीर को देखते ही मसालेदार और मीठे व्यंजन दोनों की याद आ जाती है। विश्व भर में मशहूर हो चुके पंजाबी भोजन में पनीर का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। इसके डिशेज खाते ही मन और पेट दोनों तृप्त हो जाते हैं। पोषक तत्वों से भरपूर यह डेयरी प्रोडक्ट प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और हेल्दी फैट का भी खजाना है, जो ओवरआल हेल्थ के लिए बढ़िया है। पर यह सवाल मन में उठता है कि क्या पनीर डायबिटीज के मरीज के लिए बढ़िया है? वर्ल्ड डायबिटीज डे पर जानते हैं कि डायबेटिक के लिए पनीर खाना सही है (paneer for diabetics) या नहीं?
इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के अनुसार, दुनिया भर में हर 10 वें वयस्क को मधुमेह (Diabetes) है। 90% से अधिक लोगों को टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) है। आधे के करीब का तो निदान ही नहीं हुआ है। वर्ल्ड डायबिटीज डे या विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) वैश्विक स्तर पर मधुमेह के प्रति लोगों को जागरूक करने का अभियान है। यह प्रत्येक वर्ष 14 नवंबर को आयोजित किया जाता है। इंसुलिन की खोज करने वाले सर फ्रेडरिक बैंटिंग के जन्मदिन को वर्ल्ड डायबिटीज डे के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने 1922 में चार्ल्स बेस्ट के साथ इंसुलिन की खोज की थी।
World Diabetes Day 2023 की थीम वैश्विक स्वास्थ्य को सशक्त बनाना (Empowering Global Health) है। यह विषय न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर केंद्रित है, बल्कि इस वैश्विक समस्या से निपटने के लिए लोगों के साथ मिलकर काम करने के महत्व पर भी जोर देता है।
पनीर संपूर्ण प्रोटीन का एक स्रोत है। इसमें सभी आवश्यक अमीनो एसिड शामिल हैं। इसमें फायदेमंद मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (MUFA) होता है। यह लिपिड प्रोफाइल को बनाए रखता है और खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। पनीर में प्रमुख एमयूएफए ओलिक एसिड है, जो ब्लड प्रेशर को बनाए रखता है। इसमें मौजूद पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड अल्फा-लिनोलेनिक एसिड का पर्याप्त भंडार है, जो वसा जलाने में मदद करता है। यह हृदय रोग के खतरे को कम करता है। इसमें फॉस्फोरस, कैल्शियम, सेलेनियम, जिंक और मैंगनीज भी जरूरी मात्रा में मौजूद होते हैं।
इसमें न्यूनतम मात्रा में कार्ब्स होते हैं, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) भी कम यानी 27 होता है। इसके कारण यह ब्लड शुगर को बढ़ने से रोकता है। ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रण में रखता है। डायबिटीज के मरीज पर इसका कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। आवश्यक अमीनो एसिड और स्वस्थ वसा का अच्छा स्रोत होने के कारण यह देर तक तृप्त रखता है।
यह कैलोरी की मात्रा कम करता है। लिनोलिक एसिड की उपस्थिति कैलोरी बर्न को ट्रिगर करती है। पनीर एंटीऑक्सिडेंट और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों का एक पावरहाउस है। इससे यह पैंक्रियाज सेल की मरम्मत और इंसुलिन स्राव में सुधार करने में मदद करता है। विटामिन डी और कैल्शियम की मौजूदगी के कारण यह हड्डियों को भी मजबूत बनाने और पाचन क्रिया में मदद करता है। इसलिए पनीर को नियमित भोजन में शामिल करने से अतिरिक्त वजन कम करने और टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
डायबिटीज के मरीज सप्ताह में दो से तीन बार लगभग 100 ग्राम पनीर खा सकते हैं। अगर वे रोजाना सेवन करें, तो 60 ग्राम से ज्यादा पनीर न खाएं। डायबिटीज के मरीज मीठे व्यंजन और बहुत तेल-मसाले के साथ पका हुआ पनीर नहीं खाएं। पनीर पर हर्ब्स और स्पाइसेज स्प्रिंकल कर पनीर खाना सबसे बढ़िया तरीका है। पनीर एक डेयरी प्रोडक्ट है। लैक्टोज इन्टोलिरेंस वाले लोग भी इसे बिना किसी पाचन समस्या के खा सकते हैं।
यह भी पढें :-World Diabetes Day : यहां हैं बचपन की वे 7 बुरी आदतें, जो बड़े होने पर डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा देती हैं