गर्मी के दिनों में आइसक्रीम के नजर आते ही खुद को रोक पाना मुश्किल हो जाता है और अगर बात बच्चों की करें, तो उन्हें समझाना नामुमकिन सा लगता है। दरअसल, मन कई बार ये सोचकर खुद को कंट्रोल करना चाहता हैं कि कहीं आइसक्रीम खाने से शरीर को कोई नुकसान तो नहीं पहुंचेगा। कहीं न कहीं मन में कभी डायबिटीज़ (diabetes) का खतरा, तो कभी दांतों में कैविटी का डर सताने लगता है। हालांकि ऐसा है नहीं। अगर नियंत्रण के साथ खाया जाए, तो कोई भी चीज़ शरीर को नुकसान नहीं पहुंचा सकती है। जानते हैं इंटरनेशनल आइसक्रीम डे (International ice cream day) के मौके पर एक्सपर्ट से कि आइसक्रीम खाने से शरीर को क्या फायदे मिलते हैं (benefits of ice cream) ।
जुलाई के तीसरे इतवार को हर साल वर्ल्ड आइसक्रीम डे 2024 (World ice cream day 2024)के मौके पर मनाया जाता है। 21 जुलाई को मनाए जाने वाले नेशनल आइसक्रीम डे (national ice cream day) के मौके पर लोग तरह तरह की हेल्दी आइसक्रीम बनाकर इस दिन का लुत्फ उठाते है। स्वाद और हेल्दी फैट्स से भरपूर आइसक्रीम से स्वास्थ्य को कई लाभ भी मिलते हैं।
ठंडी- ठंडी आइसक्रीम का मज़ा चखने के दौरान कभी आपने सोचा है कि इसकी शुरूआत (origin of ice cream) कब और कहां हुई होगी। यूं तो आइसक्रीम (ice cream) पल भर में पिघल जाती है, मगर अपनी पहचान पाने के लिए आइसक्रीम कई जगहों से होकर गुज़री।
इंटरनेशनल डेयरी फूड एसोसिएशन का कहना है कि इसकी शुरूआत दूसरी शताब्दी में हुई। मगर 16वीं शताब्दी में इसे आइसक्रीम के रूप में विकसित किया गया। वहीं अमेरिका में आइसक्रीम का पहला एडवरटिज़मेंट 1777 में न्यूयॉर्क गजट में पब्लिश हुआ। 19 वी संदी के अंत तक इस उपलब्धता बढ़ चुकी थी।
एक अन्य रिसर्च के अनुसार आइसक्रीम का आविष्कार चीन में हुआ, जिसे मार्को पोलो इटली लाया था। उसके बाद कैथरीन डी मेडिसी ने इसे फ्रांस के लोगों तक पहुंचाया। उसके बाद थॉमस जेफरसन इसे अमेरिका लेकर आए।
स्वीट टूथ को सेटिसफाई करने के लिए लोग आइसक्रीम का आनंद उठाते हैं। अलग अलग फ्लेवर में मिलने वाली आइसक्रीम से सिंथेटिक शुगर और आर्टिफिशल एडिक्टीव्स को हटाकर उसे हेल्दी और टेस्टी बनाया जा सकता है।
क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट, आर्टेमिस लाइट, डॉ संगीता तिवारी बताती हैं कि आइसक्रीम खाने से शरीर को माइक्रो न्यूट्रिएंट्स (micro nutrients) की प्राप्ति होती है। इससे शरीर को पोषण के अलावा एनर्जी की भी भरपूर मात्रा मिलती है। आइसक्रीम मूड स्विंग (mood swing) की समस्या को हल करती है, जिससे शरीर में हैप्पी हार्मोनस रिलीज़ होते हैं।
इसमें कई माइक्रो न्यूट्रिएंट्स (micronutrients) पाए जाते हैं। इसके सेवन से शरीर को कैल्शियम, विटामिन डी विटामिन ए और फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। कैल्शियम और विटामिन डी की प्राप्ति से हड्डियों को मजबूती मिलती है। इसके सेवन से शरीर में विटामिन और मिनरल्स की भी कमी पूरी होती है।
आइसक्रीम में शुगर एडिड होती है। इससे शरीर को इस्टेंट एनर्जी (instant energy) की प्राप्ति होती है। आइसक्रीम खाने से शरीर को ग्लूकोज की प्राप्ति होती है। शुगर के अलावा भी इसमें कार्बोहाइड्रेट के अन्य रूप होते हैं, जो शरीर को एनर्जी प्रदान करते हैं । इससे शरीर के कई फंक्शन में भी मदद मिलती है।
हमारे शरीर में आइसक्रीम खाने से डोपामाइन (dopamine) और सेरोटोनिन (serotonin) जैसे हार्मोंस का स्राव बढ़ता है। इन्हें हैप्पी हार्मोन भी कहा जाता है। इसलिए आइसक्रीम खाने से मूड अच्छा होता है। आइसक्रीम खाने से हमारा पेट जल्दी भरा हुआ महसूस होता है। इससे डाइट कंट्रोल करने और बैलेंस करने में भी मदद मिलती है।
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कस्टमाइज़ करेंइस बारे में स्कूजो आइस ओ मैजिक के फाउंडर गगन आनंद बताते हैं कि गर्मी के दिनों में बार बार प्यास लगती है, मगर आइसक्रीम को खाने के बाद फ्रोजन डेजर्ट पेलेट को सुन्न कर देता है, जिससे आइसक्रीम खाने के दौरान प्यास का पता नहीं चलता है। मगर आइसक्रीम खत्म होने के बाद प्यास महसूस होने लगती है। ज्यादा मात्रा में आइसक्रीम खाने से इसमें मिलाई गई शुगर रक्तप्रवाह में मिल जाती है और हमारे शरीर में जल संतुलन को प्रभावित करती है। इससे ब्ल्ड सेल्स डिहाइड्रेट होने लगते हैं।
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