ये है दालाेें को डाइट में शामिल करने का परफेेक्‍ट टाइम, नॉनवेज से ज्यादा पोषण देती हैं दालें

प्रोटीन और फाइबर से भरपूर दालें मसल हेल्थ के साथ-साथ आयरन की कमी को भी दूर करती हैं। क्या आपकी थाली में हर रोज शामिल हो रही है दाल?
Daal mein itna protein hai ki vo aapki dainik jaroorat ko pura kar sakta hai
दालों में इतना प्रोटीन है जो आपकी प्रोटीन की दैनिक आवश्‍यकता को पूरा कर सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 25 Apr 2022, 18:57 pm IST
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जरा याद कीजिए कि पिछली बार आपने दाल कब खायी थी! प्रोटीन हमारे शारीरिक विकास के लिए सबसे ज्याीदा जरूरी है। लेकिन क्या हम इस आवश्यक पोषक तत्व का पर्याप्त सेवन करते हैं? हम इसके गुणों को सुन-सुन कर बड़े हुए हैं। क्यों इतना महत्वपूर्ण होते हुए भी इसे हमारे भोजन में वह स्थान नहीं दिया जाता।

जब हम कार्ब्स और वसा की ओर बढ़ते हैं, जिसका ज्याहदा सेवन हमें बीमार करता है। इसके बावजूद हम प्रोटीन को दरकिनार कर देते हैं।

यकीनन दालें और फलियां हमे वो सभी ज़रूरी पोषक तत्वू देती हैं, जिनकी हमारे शरीर को ज़रुरत होती है। यूं तो अंडे और चिकेन प्रोटीन के उत्तम सोर्स माने जाते हैं। पर देखा जाए तो दालें मासाहारी खाद्य पदार्थों से भी अधिक पौष्टिक होती हैं।

आजकल लॉकडाउन के समय में जब ताज़े फल और सब्ज़ियां मिलना मुश्किल हो रहा है। तब दालें अपनी पूरी पौष्टिकता के साथ हमारे पास उपलब्धय हैं।

लील (Lil) ‘गुडनेस एंड कूलमिल (एक बच्चे के आहार और पोषण संबंधी स्टार्ट-अप) में सह-संस्थापक और मुख्य पोषण अधिकारी परीक्षा राव कहती हैं: “दालें और फलियाँ एक उच्च पौष्टिक और टिकाऊ खाद्य स्रोत हैं, जो प्रोटीन, फाइबर और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरे होते है जैसे:- आयरन और विटामिन बी के रूप में। ”

 

टेस्‍टी स्‍टाइल में अगर आयरन की कमी को पूरा करना है, तो दालें जरूर खाएं। चित्र: शटरस्‍टॉक

वह कहती हैं, “जब इन्हें चावल, गेहूं, या अन्य अनाज के साथ खाया जाता है, जोकि सल्फर युक्त अमीनो एसिड में रिच होते हैं, तो दालों के प्रोटीन हमारी दैनिक अमीनो एसिड कि आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। यह सब पशु प्रोटीन के बिना भी संभव है।”

इम्‍यूनिटी के लिए विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों के साथ दालों को खाएं :

जब हम दालों को विटामिन सी में उच्च खाद्य पदार्थों के साथ खाते हैं, तब यह संयुक्त भोजन आयरन से भरपूर होकर उसे सम्पूर्ण पौष्टिक आहार में बदल देता है। दालें गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी को पूरा करतीं है।

जो एनीमिया के चलते आयरन कि कमी का अनुभव करतीं है। बुज़ुर्ग लोग भी दालें खाकर इसकी पौष्टिकता का फायदा उठा सकतें हैं। अगर आपको विटामिन सी वाली सब्ज़ियां बाजार में नहीं मिल रही, तो घबराइए मत! सिर्फ थोड़ा सा आंवला पाउडर या कुछ बूंदे नींबू की अपनी दाल में डालिये। और बस प्रॉब्लम सॉल्व !

सप्ताह में चार बार करें दाल का सेवन:-

My22BMI (एक हेल्थर और वेलनेस कंपनी) की संस्थापक और पोषण विशेषज्ञ प्रीति त्यागी का कहना है कि आप प्रोटीन के स्रोत के रूप में फाइबर के साथ-साथ दाल, फलियां, छोले, और सेम का उपयोग कर सकते हैं। वह बताती हैं कि साबुत दालें पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं और हफ्ते में कम से कम चार दिन जरूर खानी चाहिए।

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आपको सप्‍ताह में कम से कम चार बार दाल जरूर खानी चाहिए। चित्र: शटरस्‍टॉक

प्रीति का सुझाव है कि अपनी रसोई में सभी उच्च फाइबर वाले अनाज का उपयोग करें। “याद रखें, साबुत अनाज न केवल कार्ब्स से भरपूर होते हैं, बल्कि फाइबर के भी बेहतरीन स्रोत होते हैं। इनमें कई अन्य विटामिन और खनिज भी होते हैं। आवश्यक ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ यह हमारे लिए आवश्यक पोषण प्रदान करतें हैं।

दालों को अंकुरित करें :-

याद रखें, दाल, बीन्स, छोले आदि को अंकुरित करके उनके पोषण व लाभों को बढ़ाया जा सकता है। अपने चीले, चाट, और सलाद में मूंग दाल, बीन्स, और कला चना मिला सकती हैं।

इसके अतिरिक्त, आप खाना पकाने से पहले थोड़ी देर के लिए सेम, छोले, और साबुत दाल को पानी में भिगो सकती हैं। ताकि आपका पाचन तंत्र उन्हें ठीक से पचा सके। यदि आप आंत की समस्या से परेशान हैं, तो राजमा और छोले को 24 घंटे तक की अवधि के लिए भिगोकर इस्तेमाल में लाएं। हां, पानी को समय-समय पर बदलना उचित रहेगा।

अब आप जानते हैं कि जब आप अपने पसंदीदा मांसाहारी खाद्य पदार्थों का अधिक उपयोग नहीं कर सकते, तब भी प्रोटीन का सेवन कैसे करें। दालों और फलियों पर विश्वास कीजिए। यक़ीनन ये आपको निराश नहीं करेंगे।

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