Paleo Diet : आहार और वेट लॉस की दुनिया का नया ट्रेंड, चैक करते हैं क्‍या यह आपको करेगा सूट

पिछले कुछ समय में चर्चित हो रहा है वेट लॉस का यह तरीका, जानिये कितनी कारगर है पालेयो डाइट।
paleo diet wazan ghtane ke liye sahi hai
पालेयो डाइट मे क्या आता है? चित्र: शटरस्टॉक
विदुषी शुक्‍ला Updated: 10 Dec 2020, 12:42 pm IST
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अगर आप एक फिटनेस फ्रीक हैं, तो आपने भी हाल ही में पालेयो डाइट के बारे में सुना होगा। यह डाइट वेट लॉस के लिए कितनी फायदेमंद है, इस पर अलग-अलग पक्ष मौजूद हैं। लेकिन क्या है पालेयो डाइट? इसका जवाब आपको हम देंगे।

पालेयो डाइट के पीछे क्या है सोच?

सबसे पहले तो जानते हैं ‘पैलियो’ का अर्थ। दरअसल आदि युग यानी स्टोन ऐज के आदि मानव को पैलिओलिथिक मैन कहते हैं। यहीं से आया है शब्द पालेयो डाइट। इसके पीछे का तर्क है वह डाइट जो उस काल के आदि मानव खाते थे।

पालेयो डाइट शुरू करने से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी जुटा लें। चित्र: शटरस्टॉक

हालांकि उस समय क्या-क्या खाया जाता था, इसका सटीक जवाब तो किसी इतिहासकार के पास नहीं हो सकता, लेकिन यह कहा जा सकता है कि उस समय भोजन को उसकी नेचुरल फॉर्म में खाया जाता होगा। यानी साबुत अनाज, कच्चे फल और सब्जी और बिना तेल-मसाले के पका मांसाहार।

इस डाइट में इन्ही भोजनों को मुख्य रूप से देखा जा सकता है।

भोजन जो इस डाइट का हिस्सा है :

यह कुछ भोजन हैं जिन्हें फिटनेस एक्सपर्ट पैलियो डाइट के अंतर्गत रखते हैं।

1. मीट– मांस जैसे चिकन, मटन, पोर्क, फिश इत्यादि को उबाल या भून कर खाया जा सकता है। तली या पकी मीट इस डाइट का हिस्सा नहीं होती।

2. अंडे– इस डाइट में सभी प्रकार के अंडे शामिल हैं, जैसे मुर्गी, बतख, गूज और अन्य चिड़िया के अंडे। पोल्ट्री फार्म के अंडे भी इस डाइट का हिस्सा हैं।

3. सब्जियां– सब्जियां जैसे ब्रोकोली, प्याज, गाजर, टमाटर इत्यादि जिन्हें पकाना आवश्यक ना हो, इस डाइट में कच्ची खाई जाने वाली सब्जियों को प्राथमिकता मिलती है। हालांकि उबली या कम तेल में पकी सब्जी भी खाई जा सकती है।

100% फल और सब्जियों वाला आहार आपकी हेल्थ के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है। चित्र : शटरस्टॉक
100% फल और सब्जियों वाला आहार आपकी हेल्थ के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है। चित्र : शटरस्टॉक

4. फल– लगभग सभी फल जैसे केला, सेब, सभी तरह की बेरी, सन्तरा,नाशपाती, तरबूज इत्यादि पैलियो डाइट का हिस्सा हैं।

5. नट्स और बीज– सभी तरह के मेवे और नट्स जैसे बादाम, अखरोट, हेज़लनट इत्यादि और बीज जैसे सूरजमुखी के बीज, अलसी, तिल इत्यादि को उनके प्राकृतिक रूप में सेवन करना इस डाइट का हिस्सा है।

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6. मसाले– खाना पकाने नहीं, सीधे सेवन के लिए इस डाइट में मसाले शामिल हैं। हल्दी, दालचीनी, लहसुन जैसे मसाले इस डाइट का हिस्सा हैं।

कौन से भोजन इस डाइट में शामिल नहीं होते:

1. किसी भी तरह का प्रोसेस्ड फूड।
2. चीनी या उससे बना कोई भी व्यंजन।
3. दूध के अतिरिक्त कोई भी डेरी उत्पाद जैसे पनीर, चीज, मलाई इत्यादि।
4. दालें, राजमा और कोई भी बीन्स जिन्हें कच्चा नहीं खाया जा सकता।
5. वेजटेबल ऑयल जैसे रिफाइंड सोयाबीन तेल, सनफ्लॉवर तेल इत्यादि।
6. आर्टिफिशियल मीठा करने वाले स्वीटनर जैसे एस्पार्टेम, सुक्रेलोस, सचारीन इत्यादि।
7. ब्रेड, पास्ता, रोटी या पका हुआ कोई भी भोजन

क्या वजन कम करने के लिए फायदेमंद है डाइट?

इस डाइट के पीछे तर्क यही है कि इस तरह की डाइट लाइफ स्टाइल के कारण होने वाली बीमारी जैसे डायबिटीज, ओबेसिटी, हृदय रोग इत्यदि को नहीं होने देती।
जैसा कि आप देख सकती हैं कि पैलियो डाइट मूलतः भोजन को कच्चा या बिल्कुल न के बराबर पका हुआ शामिल करती है।

वजन कम करने का सोच रही है तो अपनाए पैलियो डाइट। चित्र: शटरस्‍टॉक
वजन कम करने का सोच रही है तो अपनाए पैलियो डाइट। चित्र: शटरस्‍टॉक

इसमें फैट और कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन काफी कम हैं। उस अनुसार यह डाइट कैलोरी में कम होगी और वजन कम करने में सहायक होगी। लेकिन इस डाइट का पालन करना संभव नहीं है।

क्यों भारतीय परिवेश के लिए नहीं बनी है यह डाइट?

यह डाइट आदिमानवों की खानपान की आदतों पर आधारित है, लेकिन वह शिकार करके खाते थे, जो शारीरिक रूप से बहुत मेहनत का काम था। न हम उस अनुसार श्रम करते हैं, न ही हम कच्चे भोजन को इतनी सहजता से पचा सकते हैं।
यह डाइट मुखतयः मांसाहारी है, जिसे भारत में अपनाना मुश्किल है।
किसी भी डाइट के भरोसे वजन तो कम किया जा सकता है, लेकिन फिटनेस के लिए व्यायाम आवश्यक है। इसलिए आप कुछ भी खाएं, जब तक आप व्यायाम नहीं करेंगी, सब व्यर्थ है।

निष्कर्ष में यह कहा जा सकता है कि भारतीयों के लिए पैलियो डाइट बहुत फायदेमंद नहीं है। आप इस डाइट को डिटॉक्स के रूप में एक हफ्ते या दस दिन के लिए बीच-बीच में अपना सकती हैं, लेकिन इसे परमानेंट रूप से निभाया नहीं जा सकता।

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लेखक के बारे में

पहला प्‍यार प्रकृति और दूसरा मिठास। संबंधों में मिठास हो तो वे और सुंदर होते हैं। डायबिटीज और तनाव दोनों पास नहीं आते। ...और पढ़ें

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