अगर आप भी है टाइप-2 डायबिटीज की शिकार, तो ग्लूटेन-फ्री डाइट से रहें दूर

अगर आप या आपका कोई प्रियजन डायबिटीज से ग्रस्त है और आप ऐसे में ग्लूटेन-फ्री डाइट लेने की सोच रहे हैं, तो इस लेख में इसकी पूरी जानकारी लेने के बाद निर्णय लें।
Gluten free hota hai bajra
ग्‍लूटेन फ़ूड की बजाय ग्लूटेन फ्री डाइट लें। चित्र: शटरस्‍टॉक
seema singh Updated: 10 Dec 2020, 12:16 pm IST
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ग्लूटेन-फ्री कई लोगों के लिए काफी कंफ्यूजिंग (भ्रामक) हो सकता है। ग्लूटेन-फ्री डाइट को लेकर लोगों के मन में एक आम भ्रांति है। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि यह वजन कम करने के लिए बनाई गई डाइट है। लेकिन ग्लूटेन-फ्री डाइट सिर्फ खाने का एक तरीका है। जो हमारी आंतों को ठीक करने में मदद करता है।

जिससे कि हमारा शरीर डाइट से सभी जरूरी पोषक तत्वों को अधिक प्रभावी ढंग से अवशोषित कर सके। ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है जो कि गेहूं, जौ और राई जैसे अनाज में पाया जाता है।

ग्लूटेन डायबिटीज के रोगियों को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है। साथ ही ज्यादातर लोगों को ग्लूटेन-फ्री डाइट का पालन करने की आवश्यकता नहीं होती है।

ग्लूटेन-फ्री डाइट के बारे में यह जानना भी है जरूरी

वास्तव में दो प्रकार की स्वास्थ्य स्थितियां होती हैं जहां शरीर रोग के प्रकार के अनुसार ग्लूटेन के साथ अलग-अलग प्रतिक्रिया करता है: ग्लूटेन इन्टॉलरेंस और ग्लूटेन सेंस्टिविटी।

ग्लूटेन उन लोगों के लिए सख्त प्रतिबंधित है जिन लोगों के शरीर में ग्लूटेन के सेवन से किसी भी प्रकार की एलर्जी होती है। लेकिन ऐसे कई खाद्य़ पदार्थ हैं जिनमें ग्लूटन होता है और जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं।

एक और तथ्य जिसे हमें ध्यान रखने की जरूरत है कि टाइप 1 डायबिटीज और सीलिएक रोग एक-दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। ये दोनों ही शरीर में ग्लूटेन इंटोलरेंस का कारण बनते हैं। टाइप-1 डायबिटीज और सीलिएक डिजीज दोनों ही स्व-प्रतिरक्षित (Autoimmune) स्थिति है।

टाइप 2 डायबिटीज में ग्‍लूटेन फ्री डाइट की सलाह नहीं दी जाती। चित्र: शटरस्टॉक
टाइप 2 डायबिटीज में ग्‍लूटेन फ्री डाइट की सलाह नहीं दी जाती। चित्र: शटरस्टॉक

एक स्टडी के अनुसार यह देखा गया है कि टाइप-1 डायबिटीज वाले 19.7% लोगों को सीलिएक डिजीज भी होता है। हालांकि सीलिएक डिजीज बहुत दुर्लभ है। अगर यह कंट्रोल में नहीं रहता है, तो यह आंतों के भीतर सूजन का कारण बनता है। जो शरीर को भोजन के आवश्यक तत्वों को अवशोषित करने से रोकता है।

यह देखा गया है कि सीलिएक डिजीज के लक्षण दिखाई देने से पहले डॉक्टर बच्चों में टाइप-1 डायबिटीज का निदान करते हैं। कुछ शोधकर्ताओं ने पाया है कि टाइप-1 डायबिटीज वाले बच्चों के लिए ग्लूटेन-फ्री डाइट मददगार है। शोधकर्ताओं का दावा है कि अगर एक महिला ग्लूटेन-फ्री डाइट का पालन करती है तो यह बच्चे में टाइप-1 डायबिटीज को रोकने में मदद कर सकता है।

टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों को ग्लूटेन-फ्री डाइट की सलाह नहीं दी जाती

कुछ शोध के मुताबिक ग्लूटेन मोटापे के जोखिम को कम करने में मदद करता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं मोटापा टाइप-2 डायबिटीज के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक है। इसलिए ग्लूटेन-फ्री डाइट डाइट टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए सहायक हो सकती है।

टाइप 2 डायबिटीज में आहार का बहुत ध्‍यान रखना होता है। चित्र: शटरस्‍टॉक
टाइप 2 डायबिटीज में आहार का बहुत ध्‍यान रखना होता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

लेकिन यह अभी तक वैज्ञानिक रूप से साबित नहीं हुआ है। इसके अलावा डॉक्टर्स और पोषण विशेषज्ञ भी टाइप -2 डायबिटीज के रोगियों को ग्लूटेन-फ्री डाइट लेने की सलाह नहीं देते हैं।

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ज्यादातर विशेषज्ञ, डायबिटीज चिकित्सक और डायटीशियन यह सुझाव देते हैं कि जब तक किसी को टाइप-1 डायबिटीज या सीलिएक डिजीज या किसी भी प्रकार की ग्लूटेन एलर्जी के लक्षण न नजर आएं, तब तक ग्लूटेन से बचने के बजाए कार्बोहाइड्रेट के सेवन की गुणवत्ता और मात्रा पर ध्यान देना बेहतर है।

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Founder/ Clinical & Lifestyle Nutritionist- Seema Singh’s Nutrition Clinic ...और पढ़ें

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