मेरी डायटीशियन ने मुझे वेट लॉस के लिए खिलाए पिज़्ज़ा और बर्गर, जानिए क्या हुआ परिणाम

इस जंक फूड डाइट से मेरा वेट लॉस तो हुआ, पर बाद में मेरी सेहत पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ा।
Junk food se bnaye doori
सेहत के लिए नुकसानदायक है जंक फूड का सेवन करना। चित्र : शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 10 Dec 2020, 12:55 pm IST
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सुबह नाश्ते में मैगी, लंच में अपना पसंदीदा बर्गर, शाम को एक गरमागरम समोसा और रात को चिकन बिरयानी। ये डाइट तो हमारे सपने की तरह है ना! और अपने पसंदीदा खाने के साथ ही आपका वेट लॉस हो तो सोने पर सुहागा।

पहले तो मुझे इस डाइट प्लान पर भरोसा नहीं हुआ, लेकिन चूंकि इसे एक नामी डायटीशियन ने बताया था और वो मुझसे मोटी फीस वसूल रहे थे, तो मैंने भी भरोसा कर लिया। आख़िरकार महंगी चीज़ तो बढ़िया ही होती है ना! इसी सोच के चक्कर में मुझे लेने के देने पड़ गए।

मैं उस डायटीशियन का नाम तो नहीं बताऊंगी, लेकिन आपको ऐसी किसी भी फ़र्ज़ी डाइट से दूर रहने के कारण ज़रूर बताऊंगी।

पहले बात करते हैं वेट लॉस की

इस बात में तो कोई शक नहीं है कि जंक फूड खाने से मेरा वज़न कम हो रहा था। हफ़्ते में लगभग 3 किलो वज़न कम होता था, इसलिए मुझे भी लगा कि यह डाइट तो कमाल कर रही है।

मैं खुश थी कि दो सप्‍ताह में ही मेरा वजन कम होने लगा। चित्र: शटरस्‍टाॅॅक

लेकिन जंक फूड खाने से वेट कम कैसे हो सकता है? इस सवाल का जवाब ढूंढ़ते हुए मैंने बात की मैक्स हेल्थकेयर, साकेत की डायटीशियन और न्यूट्रीशनिस्ट रितिका समद्दार से। उन्होंने मुझे बताया कि इस डाइट से मेरी बॉडी में कैलोरी डेफिसिट बन गया था। कैलोरी डेफिसिट यानी जितनी कैलोरी शरीर को काम करने के लिए चाहिए उससे कम कैलोरी खाना। ऐसा होने पर वज़न कम होता है।

मैं अब भी कंफ्यूज़ थी, वेट लॉस हो रहा है, यह तो अच्छी बात है। तब रितिका समद्दार ने मुझे बताया, “वेट लॉस का मतलब फैट लॉस नहीं है। जब आप जंक फूड खा रहे हैं, तो बॉडी में कैलोरी के साथ-साथ पोषण की भी कमी होगी, और ऐसे में बॉडी फैट बर्न करने के बजाय मसल्स को अटैक करेगी। तो आपका वेट तो कम होगा लेकिन मसल्स लॉस के कारण।

जंक फूड डाइट ने मेरे शरीर का किया यह हाल

इस डाइट पर मुझे शक तब हुआ जब मुझे हर वक्त थकान महसूस होने लगी। बाल झड़ना, नाखून टूटना और यहां तक कि स्किन बेजान दिखना-इस तरह के लक्षण मुझे दिखाई पड़ रहे थे। इतना ही नहीं मैं अक्सर बीमार पड़ने लगी। यानी यह डाइट मेरी इम्यूनिटी के साथ भी खिलवाड़ कर रही थी। मुझे हाथ पैर में ऐंठन, क्रेम्प्स महसूस होने लगे।

पबमेड सेंट्रल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार जंक फूड में प्रोटीन, विटामिन्स और ज़रूरी मिनरल्स न के बराबर होते हैं। इन ज़रूरी पोषक तत्वों की कमी की वजह से हमें ऐंठन महसूस होती है।

हर वक्‍त की थकान से मेरा बुरा हाल था। चित्र: शटरस्‍टॉक

शुक्र है मैंने दो महीने में ही इस डाइट को छोड़ दिया, वरना मैं इसके कारण कई गम्भीर बीमारियों की शिकार हो सकती थी। फैटी लिवर, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो सकती थी इस डाइट से।

इस डाइट को छोड़ने पर मेरा वेट बढ़ गया

अक्सर हम यह सोचते हैं कि एक्सरसाइज, वर्कऑउट, डाइटिंग का हमारा उद्देश्य है वेट कम करना, जबकि असल में टारगेट होता है फ़िट होना। जैसा कि मैंने बताया, वेट लॉस और फैट लॉस में बहुत फर्क है। इस तरह की फ़ालतू डाइट से वेट लॉस तो होगा, लेकिन आप जैसे ही नॉर्मल डाइट शुरू करेंगे, वेट दोगुनी तेज़ी से बढ़ेगा।

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क्या है फ़िटनेस का सही तरीका

वेट लॉस या फैट लॉस के लिए हम शॉर्टकट ढूंढ़ते हैं, और इसीलिए ऐसे फ़र्ज़ी डायटीशियन की दुकान चल रही है। बैलेंस डाइट से बेहतर कुछ भी नहीं है।

वेट लॉस के लिए हेल्‍दी डाइट और एक्‍सरसाइज दोनों जरूरी हैं। Gif: giphy

रितिका बताती हैं, “फ़ल, सब्जियां, ड्राई फ्रूट्स इत्यादि हमारे शरीर की जरूरत हैं। इन्हें अपनी डाइट में शामिल करें। बैलेंस डाइट लें। आपका वज़न मैटर नहीं करता, आप हेल्दी हो या नहीं यह मैटर करता है। हर दिन थोड़ी एक्सरसाइज करें, अच्छा हेल्दी खाना खाएं और तनाव से दूर रहें, स्वस्थ रहने का कोई और मंत्र नहीं है।”

वज़न धीरे-धीरे कम होना ही बेहतर है, और उसके लिए अपने शरीर को पोषण से दूर मत करिए। कोई भी डाइट अपनाना चाहते हैं तो उस पर कुछ रिसर्च करें, एक्सपर्ट से बात करें और फ़िर भरोसा करें।

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