ग्रीन टी के बारे में तो आपने बहुत सुना होगा। ये एक हेल्दी ड्रिंक मानी जाती है, जो बहुत से हेल्थ बेनिफिट्स देती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ग्रीन टी पीने का कुछ वक्त ऐसा भी है, जब ये आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती है? ग्रीन टी को पीने का सही समय और तरीका जानना बहुत जरूरी है ताकि आपको इसके फायदे मिलें और कोई साइड इफेक्ट्स (Green tea side effects) न हों। आज हम यही जानने वाले हैं एक्सपर्ट की मदद से
खाना खाने के बाद ग्रीन टी पीना भी एक बुरा (Green tea side effects) वक्त हो सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक खाने के तुरंत बाद शरीर खाने को पचाने में व्यस्त होता है। इस दौरान ग्रीन टी पीने से पाचन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। ग्रीन टी में पाया जाने वाला टैनिन पाचन के एंजाइम्स के काम को रोक देते हैं और खाना पूरी तरह से पच नहीं पाता। जिससे खाना पूरी तरह से नहीं पच पाता है। इससे पेट में (Green tea side effects) भारीपन, गैस और अपच जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसके अलावा खाने से हो मिनरल्स हमें मिलने वाले होते हैं, ग्रीन टी उनको एब्जोर्ब करने से भी हमारे शरीर को रोकता है। इसलिए ज़्यादा बेहतर ये है कि खाने के कम से कम दो घंटे बाद ही ग्रीन टी पी जाए .
अगर आप सोने से पहले ग्रीन टी पीते हैं, तो यह आपके लिए बिल्कुल सही नहीं है। ग्रीन टी में कैफीन होता है, जो आपके नर्वस सिस्टम को ज्यादा एक्टिव कर देता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन नाम की एक अमेरिकी संस्था की रिपोर्ट कहती है कि सोने से पहले इसे पीने से नींद में दिक्कत (Green tea side effects) हो सकती है क्योंकि कैफीन आपकी नींद को प्रभावित कर सकता है।
ग्रीन टी में मौजूद कैफीन आपके शरीर के एनर्जी लेवल को बढ़ा सकता है जिससे आपको रात में नींद आने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा कैफीन एक उत्तेजक (stimulant) है जो आपके शरीर जागा हुआ रखता है और नींद (Green tea side effects) को डिस्टर्ब कर देता है। इसका असर शरीर में 6-8 घंटे तक रहता है इसीलिए रात के समय ग्रीन टी न ही पी जाए तो बेहतर।
अगर आप कोई दवाई ले रहे हैं, तो ग्रीन टी को दवाई के साथ या बहुत करीबी समय में नहीं पीना चाहिए। वर्ल्ड ग्रीन टी असोसिएशन की रिपोर्ट कहती है कि ग्रीन टी में टैनिन होते हैं जो कुछ दवाइयों के अवशोषण को रोक देते हैं। इस कारण से, अगर आप नियमित दवाइयाँ ले रहे हैं, तो ग्रीन टी का सेवन उन्हें असरदार बनने से रोक सकता है।उदाहरण के लिए, आयरन और कुछ एंटीबायोटिक्स के साथ ग्रीन टी पीने से उनके असर में कमी (Green tea side effects) आ सकती है।
अगर आपको पहले से ही एसिडिटी, गैस्ट्रिक, या पेट में जलन जैसी समस्याएं हैं तो खाली पेट ग्रीन टी पीना बिल्कुल सही नहीं होता। ग्रीन टी में कैफीन और टैनिन जैसे तत्व होते हैं जो पेट में एसिडिटी बढ़ा सकते हैं। इन तत्वों के कारण पेट में अधिक एसिड बनने लगता है, जिससे गैस्ट्रिक समस्याएं और एसिड रिफ्लक्स (Acid Reflux) की समस्या (Green tea side effects) उत्पन्न हो सकती है।
खासकर, अगर आपने कुछ भी खाया नहीं है, तो ग्रीन टी का सेवन इन समस्याओं को और बढ़ा सकता है। होता ये है कि ग्रीन टी में कैफीन और टैनिन पेट में मौजूद एसिड के साथ मिलकर एसिडिटी पैदा कर सकते हैं। इसका असर पेट की दीवारों पर पड़ता है जिससे जलन और दर्द महसूस हो सकता है। जब पेट खाली होता है तो ये ज्यादा तेजी से रिएक्शन देते हैं और पेट में एसिड के लेवल को बढ़ा देते हैं। तो ये तत्व अधिक तीव्रता से प्रतिक्रिया करते हैं और एसिड के स्तर (Green tea side effects) को बढ़ा देते हैं, जिससे परेशानी होती है।
अगर आपको ब्लड प्रेशर की समस्या है या आप एनीमिया से पीड़ित हैं, तो ग्रीन टी पीने का वक्त आपको थोड़ा और ध्यान से चुनना होगा। ग्रीन टी आयरन के अवशोषण को कम कर देती है जो कि एनीमिया या लो आयरन की समस्या वाले लोगों के लिए ठीक (Green tea side effects) नहीं है।
इसी तरह अगर किसी को हाई ब्लड प्रेशर है, तो ग्रीन टी ज्यादा पीने से उनकी स्थिति और खराब होती है क्योंकि ग्रीन टी ब्लडप्रेशर बढ़ा देता है।
ऑक्सफोर्ड अकेडेमी ऑफ एविडेंस बेस्ड मेडिसिन की रिपोर्ट कहती है कि नियमित ग्रीन टी पीने के फ़ायदों के बावजूद ग्रीन टी में मौजूद कैफीन ब्लडप्रेशर के हाई होने का जिम्मेदार (Green tea side effects) हो सकता है। कई केसेस में ये ज्यादा नुकसानदायक हो सकता है और हार्ट के लिए फायदेमंद माने जाने वाली ग्रीन टी हार्ट की समस्या की वजह बन जाती है।
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